वाजवान के बिना अधूरा है कश्मीरी व्यंजनों का स्वाद, घंटों की मेहनत के बाद तैयार होता है ये खास व्यंजन

वाजवान कश्मीर का प्रतिष्ठित व्यंजन है, जो हर खास और महत्वपूर्ण पर्व का हिस्सा है। इस लेख में हमने वाजवान के बारे में विस्तार से बताया है।  

 
Importance of Wazwan in weddings,

वाजवान कश्मीर का एक पारंपरिक और प्रतिष्ठित व्यंजन है, जो अपनी विविधता और स्वाद के लिए जाना जाता है। इसे विशेष अवसरों, त्यौहारों और विवाह समारोहों में परोसा जाता है। कश्मीरी संस्कृति और रसोई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होने के कारण वाजवान का कश्मीरी संस्कृति में बहुत महत्व है। आइए, वाजवान और इसके कश्मीरी व्यंजनों में महत्व को विस्तार से समझते हैं-

वाजवान क्या है?

What is Wazwan

वाजवान एक बहुप्रसिद्ध कश्मीरी भोज है, जिसमें कई प्रकार के स्वादिष्ट मांसाहारी और शाकाहारी कश्मीरी व्यंजन शामिल होते हैं। इसे बनाने और परोसने की प्रक्रिया बहुत ही विधिपूर्ण, लंबी और पारंपरिक होती है। वाजवान शब्द 'वाज' और 'वान' से मिलकर बना है, जिसमें 'वाज' का अर्थ होता है खाना और 'वान' का अर्थ होता है भंडार।

वाजवान कश्मीर की सांस्कृतिक धरोहर का वह प्रतीक है, जिसे कश्मीरियों ने आज तक संजोकर रखा है। वाजवान बनाने और परोसने की प्रक्रिया पीढ़ियों से चली आ रही है। वाजवान कश्मीर की पारंपरिक और सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे आज भी संजो कर रखा गया है।

इसे भी पढ़ें: गैस स्टोव के सामने की टाइल्स हो जाती है गंदी और चिपचिपी, तो इस तरह से करें साफ

वाजवान में शामिल हैं ये प्रमुख व्यंजन:-

  • रोगन जोश: एक सुगंधित और मसालेदार मटन करी है।
  • यखनी: दही और मसालों से बनी हल्की मटन करी है।
  • गुश्ताबा: दही और मसालों में पकाए गए मटन के नरम गोले।
  • रिस्ता: लाल ग्रेवी में पकाए गए मटन के गोले।
  • धनिवाल कोरमा: हरा धनिया और मसालों से बनी मटन करी।
  • तबख माज: दूध और मसालों में पकाए गए मटन की पसलियां।
  • आब गोश्त: दूध और मसालों में पकाया गया मटन।
  • मर्चवांगन कोरमा: लाल मिर्च और मसालों से बनी मटन करी।
  • कबाब: मसालेदार मटन के कबाब।
  • फिरनी: एक मीठा व्यंजन जो चावल के बारीक टुकड़े, दूध और केसर से बनाया गया मीठा व्यंजन।

वाजवान कैसे तैयार किया जाता है?

Wazwan significance in Kashmiri culture

वाजवान की तैयारी में बहुत समय लगता है यह 12-15 घंटे में बनकर तैयार होता है। इसे बनाने के लिए ट्रेंड रसोइयों की आवश्यकता होती है, जिन्हें वाजा कहा जाता है। वाजा पारंपरिक मसालेऔर सामग्रियों का इस्तेमाल कर वाजवान के व्यंजन तैयार करते हैं। वाजवान के सभी व्यंजनों को बहुत सावधानी और सटीकता से बनाया जाता है, ताकि उसके स्वाद और गुणवत्ता में कोई असर न पड़े।

इसे भी पढ़ें: चाट का यह नाम कैसे पड़ा? बीमारी की दवा से लेकर लोगों की पहली पसंद तक, बेहद दिलचस्प है ये किस्सा

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Image Credit: Freepik

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP