पोरबंदर को महात्मा गांधी के जन्मस्थल के रूप में जाना जाता है। इसलिए, गुजरात आने वाला हर सैलानी एक बार पोरबंदर जरूर आता है। समय के साथ जैसे-जैसे पोरबंदर का विकास हुआ, यह पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थल बन चुका है। पोरबंदर वास्तव में एक कोस्टल सिटी है और यहां पर घूमने के लिए कई बेहतरीन जगहें हैं। अगर आप यहां पर हैं तो आप कई नई चीजों को एक्सपीरियंस कर सकती हैं। यहां पर सुंदर समुद्र तटों से लेकर वाइल्डलाइफ सैन्चुरी, म्यूजियम और ऐतिहासिक महत्व के आर्किटेक्चर को देख सकती हैं। इसका ऐतिहासिक महत्व भी बहुत अधिक है क्योंकि इसे सुदामा का जन्म स्थान माना जाता है। साथ ही साथ, यहां हड़प्पा सभ्यता के निशान भी मिले हैं।
अगर आपने भी पोरबंदर घूमने का मन बनाया है तो ऐसे में आप यहां पर कई बेहतरीन चीजों का लुत्फ उठा सकती हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको ऐसी ही कुछ चीजों के बारे में बता रहे हैं-
यह पोरबंदर का एक बेहद ही पॉपुलर प्लेस है, क्योंकि यह महात्मा गांधी को समर्पित है। बता दें कि कीर्ति मंदिर का उद्घाटन सरदार वल्लभभाई पटेल ने किया था। कीर्ति मंदिर में महात्मा गांधी के घर के आसपास का एरिया शामिल है। इसे कुछ इस तरह से पुनर्निर्मित किया गया है कि यह महात्मा गांधी की 79 वर्षों की जीवन यात्रा को दर्शाता है।
कीर्ति मंदिर को लोग शांति मंदिर कहकर भी पुकारते हैं। इस मंदिर में एक बड़ी लाइब्रेरी, प्रेयर हॉल और महात्मा गांधी की पेंटिंग्स भी हैं। अगर आप महात्मा गांधी के जीवन को बेहद ही करीब से देखना व जानना चाहती हैं तो ऐसे में आपको पोरबंदर के कीर्ति मंदिर में अवश्य जाना चाहिए।
पोरबंदर बर्ड सैन्चुरी को गुजरात में सबसे छोटे बर्ड सैन्चुरी के रूप में जाना जाता है। यह पोरबंदर रेलवे स्टेशन से लगभग 1 किमी की दूरी पर स्थित है। पोरबंदर बर्ड सैन्चुरी लोकल और माइग्रेटिड पक्षियों दोनों का घर है। यहां पर आप राजहंस, आइबिस, कर्ल्यूज़, चैती, मुर्गी, ग्रीब्स, पेलिकन, एवोकेट्स, सारस, आदि पक्षियों को देख सकते हैं।
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इस पोरबंदर बर्ड सैन्चुरी में अगर आप विंटर में घूमने के लिए जाती हैं तो आपको यहां पर कई प्रवासी पक्षियों को देखने का मौका भी मिलेगा। पोरबंदर बर्ड सैन्चुरी सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है और प्रवेश पूरी तरह से निःशुल्क है।
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जम्बुवन गुफा पोरबंदर रेलवे स्टेशन से 17 किमी की दूरी पर स्थित एक प्राचीन गुफा है। इस गुफा की खास बात यह है कि यहां पर प्राकृतिक रूप से 50 से अधिक शिवलिंग बने हैं। जम्बुवन गुफा को रामायण और महाभारत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले योद्धा जम्बुवन का विश्राम स्थल माना जाता है। गुफा के अंदर, आप दो सुरंगें देख सकती हैं। इनमें से एक सुरंग द्वारका की ओर जाती है और दूसरी जूनागढ़ की ओर जाती है।
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हुजूर पैलेस को पोरबंदर में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक माना जाता है। इसे राणा नटवरसिंहजी ने 20वीं सदी की शुरुआत में बनवाया था। इसे राज महल के नाम से भी जाना जाता है। हुजूर पैलेस का आर्किटेक्चर इंडो-यूरोपीय स्टाइल का है।
इस बेहद ही खूबसूरत पैलेस को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। अगर आप यहां पर हैं तो इस अवसर को चूके नहीं।
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Image Credit- gujarattourism
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