अरे आपने सुना क्या? मुगल गार्डन का नाम बदल कर अमृत उद्यान रख दिया गया है। मुगल गार्डन वो बगीचा है जिसे राष्ट्रपति भवन में बनाया गया था। इसे हर साल फरवरी में आम लोगों के लिए खोला जाता है और इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है। ये वो बगीचा है जिसे हिंदुस्तान के सबसे खूबसूरत गार्डन्स में से एक माना जाता है। इसे डिजाइन करने वाले लोग थे फेमस आर्किटेक्ट एडविन लुटियन्स और लॉर्ड हार्डिन्ज (Lord Hardinge और Edwin Lutyens)
मुगल गार्डन अपने आप में एक अनूठा उद्यान है। चलिए अब इसके बारे में कुछ बातें आपको बताते हैं।
अमृत उद्यान के नाम से जाना जाएगा मुगल गार्डन
जिस तरह देश में नाम बदलने की प्रथा बहुत प्रचलन में है उस तरह से अब आपको बता दें कि मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान रखा गया है। अब राष्ट्रपति भवन का ये खूबसूरत बागीचा इसी नाम से जाना जाएगा। राज पथ का कर्तव्य पथ बन गया था तो अब मुगल गार्डन का नाम बदलना भी वाजिब था।
क्या आपको पता है कि अंग्रेजों द्वारा बनवाई गई बहुत ही खूबसूरत इमारतों में से एक मुगल गार्डन है? पर एक मिनट ये इमारत तो अंग्रेजों ने बनवाई है फिर मुगलों के नाम पर क्यों इसका नाम रखा गया?
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आखिर क्यों मुगलों के नाम पर बनाया गया था ये गार्डन?
राष्ट्रपति भवन को असल में वायसराय के लिए बनाया गया था। इसे वायसराय हाउस कहा जाता था जो आजादी के बाद राष्ट्रपति भवन बना दिया गया। जब इस महल को बनाया गया था तब इसमें फूलों का बागीचा बनाया गया था जो वायसराय की वाइफ को अच्छा नहीं लगा था।
लेडी हार्डिंग ने बगीचे के नक्शे को दोबारा बनवाया था और तब 1917 में लुटियन्स ने इसका काम दोबारा शुरू किया था। इस बागीचे को बनाने में ही 11 साल लग गए थे और 1928 में ये बनकर तैयार हुआ था।
इसका नाम मुगलों के नाम पर इसलिए रखा गया क्योंकि इसकी बनावट मुगलों की शैली पर थी। दरअसल, एडविन लुटियन्स ने इसे बनाने के लिए कश्मीर के बाग, ताजमहल के बगीचों और भारत और पर्शिया की पेंटिंग्स का सहारा लिया था। उन सभी को ध्यान में रखते हुए इसे बनाया गया था और इसलिए इसे इतना आलीशान बनाया है।
मुगल गार्डन के अंदर चार अलग तरह के गार्डन हैं और इसमें चतुर्भुजाकार उद्यान, लंबा उद्यान, पर्दा उद्यान और गोलाकार उद्यान है।
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दुनिया भर की अलग-अलग फूलों की किस्मों से सजा गार्डन
मुगल गार्डन जिस तरह से सजाया गया है उसमें दुनिया भर के अलग-अलग फूलों की किस्में मौजूद हैं। इस गार्डन में 31 तरह के तो ट्यूलिप ही हैं और कई सारी गुलाब के फूलों की प्रजाति हैं। अगर आप यहां घूमने जाते हैं तो आप पाएंगे कि इस जगह को पूरी तरह से घूमने में आपको 4-5 घंटे लग गए हैं। यहां फूलों की प्रजातियों के साथ-साथ क्यारियों की बनावटों पर भी काफी ध्यान दिया गया है। आपको अलग-अलग शेप की क्यारियां दिखेंगी।
इसी के साथ, यहां पर एक बोनसाई गार्डन भी है जिसमें तरह-तरह के बोनसाई के पौधे लगे हुए हैं। ये बहुत ही ज्यादा खूबसूरत उद्यान है जिसे आम जनता के लिए सिर्फ इसी समय खोला जाता है।
अगर आपको फूल और पौधे अच्छे लगते हैं तो आप इस उद्यान में जरूर जाएं। राष्ट्रपति गार्डन की ये खूबसूरती देखने का ये सबसे अच्छा समय है। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।