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shangachul temple in himachal pradesh

ऐसा मंदिर जहां घर से ठुकराए प्रेमियों को मिलती है शरण, आप भी जानें

जानें भारत के अनोखे भगवान शिव मंदिर के बारे में, जो घर और समाज से ठुकराए प्रेमी कपल को देती है पनाह। 
Editorial
Updated:- 2022-04-18, 17:55 IST

भारत में प्रेम की जहां खूब बातें होती हैं, वहीं कई कपल को अपने प्रेम को पाने के लिए अपनों से ही दूर भागना पड़ता है। कई बार तो पुलिस पकड़ लेती हैं, तो कई बार परिवार वाले ही उनके प्रेम को नहीं समझ पाते हैं। ऐसे कपल के लिए हिमाचल के शंगचुल महादेव मंदिर एक सुरक्षित जगह है, जो ऐसे प्रेमियों की रक्षा करता है।

ये तो सभी जानते हैं कि हिमाचल प्रदेश अपनी प्राकृतिक खूबसूरती से लबरेज है, लेकिन क्या आपको यहां सदियों से चली आ रही परंपराओं के बारे में पता है। आज हम आपको हिमाचल के कुल्लू के शांगढ़ गांव में स्थित एक पुराना शिव मंदिर (शुंगचुल महादेव) के बारे में बताने जा रहे हैं, जो लगभग 128 बीघा में फैला हुआ है। मंदिर के आसपास का मैदान चीड़ के घने पेड़ों से घिरा हुआ है।

हिमाचल प्रदेश में कई पुराने मंदिर हैं और हर मंदिर की अपनी एक दिलचस्प कहानी है। शुंगचुल महादेव मंदिर भी इन्हीं में से एक है। कहते हैं, इस मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। घर से ठुकराए प्रेमियों को इस मंदिर में आश्रय मिलता है। ऐसा मानना है कि भगवान शिव प्रेमी जोड़ों की रक्षा करते हैं। यहां समाज के रीति-रिवाजों और बंधनों को तोड़कर प्रेमी शादी करते हैं।

प्रेमियों को शरण देना भगवान शिव का आदेश मानते हैं लोग-

shiv temple himachal

यहां के लोग कपल का मेहमानों की तरह स्वागत करते हैं। कुल्लु के शांघड़ गांव की इस पुरानी परंपरा को यहां के लोग बखूबी आज भी निभाते आ रहे हैं। अगर गांव में स्थित शंगचुल महादेव मंदिर की सीमा तक भी कोई प्रेमी जोड़ा आ जाता है, तो उनकी रक्षा यहां के लोगों का फर्ज बन जाता है।

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हथियार लाना है वर्जित-

सदियों से चली आ रही इस परंपरा को शांघड़ गांव के लोग आज भी भगवान शिव का आदेश मानते हैं और प्रेमियों की रक्षा करना अपना धर्म समझते हैं। जब तब कपल के दोनों पक्षों के परिजन सुलह नहीं कर लेते हैं, तब तक प्रेमी जोड़ों के रहने और खाने आदि की पूरी जिम्मेदारी इस गांव के लोग ही उठाते हैं। कोई भी इस गांव में हथियार के साथ प्रवेश नहीं कर सकता है। यहां हर चीज अनुशासित ढंग से चलती है।

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जाति की परवाह नहीं-

shiv temple shanghdi village kullu

प्रेम जाति नहीं देखता है, यह कहावत इस मंदिर के लिए सटीक है। यहां जाति-धर्म वगैरह नहीं देखा जाता है, जो भी भगवान की शरण में आता है, उसकी गांव वाले हिफाजत करते हैं। बस एक बार अगर कोई प्रेमी जोड़ा यहां पहुंच जाए, तो यहां पुलिस भी दखलअंदाजी नहीं कर सकती है। सबको इस परंपरा का पालन करना पड़ता है।

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शराब, सिगरेट पर प्रतिबंध-

यहां कुछ नियम हैं, जिनका पालन यहां आने वाले सभी लोगों को करना पड़ता है। कोई भी यहां शराब, सिगरेट, चमड़े का सामान लेकर नहीं जा सकता है। साथ ही यहां घोड़े का प्रवेश भी वर्जित है। यहां कोई भी झगड़ा या फिर तेज आवाज में बात नहीं कर सकता है।

पौराणिक कथा के अनुसार-

अज्ञातवास के समय पांडवों ने भी इस गांव में कुछ समय बिताया था। तभी कौरवों ने उनका पीछा किया और उन्हें नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से इस गांव में आए थे, लेकिन कहते हैं भगवान शिव नें पांडवों की रक्षा की और कहा कि जो भी इस मंदिर की सीमा तक आएगा, उसकी रक्षा भगवान खुद करेंगे और तभी से यह परंपरा चली आ रही है।

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इस प्रचीन मंदिर का पुनर्निर्माण करवाने के बाद भी यहां के लोगों की आस्था अटूट बनी हुई है। हर साल यहां हजारों लोग खासकर प्रेमी कपल भगवान शिव का आशीर्वाद लेने आते हैं। अगर आप भी हिमाचल प्रदेश घूमने जा रहे हैं, तो इस मंदिर का दर्शन जरूर करें।

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