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इन थिएटरों से जुड़कर बना है भारतीय सिनेमा का इतिहास, आइए जानें

भारतीय सिनेमा को समृद्ध बनाने में इन पुराने थिएटर्स का काफी अहम रोल रहा है। आइए जानें इनके बारे में- <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2022-04-01, 16:29 IST

थिएटर को रंगमंच भी कहा जाता है। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म होता है, जहां कला का प्रदर्शन किया जाता है, जैसे- नाटक, संगीत, ड्रामा, तमाशा, कविता या शायरी सम्मेलन आदि। जब इंटरनेट, टीवी और मोबाइल जैसी सुविधा नहीं थी तो लोग खुद को एंटरटेन करने के लिए रंगमंच का सहारा लेते थे। एक दौर में यह काफी पॉपुलर हुआ करता था, लेकिन बीते कुछ सालों से न लोग इसकी कद्र कर पाए हैं और न ही सरकार ने ध्यान दिया है।

एक समय में भारत में कई रंगमंच थे, लेकिन इंटरनेट के इस दौर में देखरेख के अभाव के कारण कई तो ढह गए और कुछ को रेनोवेशन करवाकर अब तक चलाया जा रहा है। आइए जानें भारत के इन पुराने रंगमंच/थिएटरों के बारे में-

चैपलिन सिनेमा

chapalin theatre

कोलकाता में स्थित भारत का पहला थिएटर का नाम चैपलिन सिनेमा था, जिसे 1907 में जमशेदजी फ्रामजी मदन ने बनवाया था। इसे 'एलफिंस्टन पिक्चर पैलेस' भी कहा जाता था। 1980 के आसपास इसकी स्थिति काफी खराब हो गई थी, जिसकी वजह से इसे काफी दिन बंद करना पड़ा और फिर 2013 में कोलकाता नगर निगम के द्वारा इस सिनेमा हॉल को ध्वस्त कर दिया गया।

कैपिटल सिनेमा

capital cinema

मुबंई में स्थित कैपिटल सिनेमा को 1879 ने बनवाया गया था। यह थिएटर मुंबई के सबसे पुराने थिएटरों में से एक है। एक समय में यह प्ले हाउस के रूप में काफी मशहूर हुआ करता था। 1879 से लेकर अब तक इसे चलाया जा रहा है और फिलहाल यह थिएटर बी-ग्रेड हिंदी फिल्मों के लिए एक फेमस प्लेस बना हुआ है।

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रॉयल थिएटर

royal theatre

रॉयल थिएटर अपने स्टेज शो और डॉक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग के लिए एक समय में काफी मशहूर था। इसे 1911 में बनवाया गया था, लेकिन 1930 के आसपास इस थिएटर में बॉलीवुड फिल्मों ने अपनी जगह बना ली। यहां एक साथ लगभग 600 लोग बैठकर फिल्म देख सकते हैं। यह भारत की सबसे पुरानी टॉकीज में से एक है, जिसे अब तक चलाया जा रहा है।

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प्रिया सिनेमा

Priya theatre kolkata

कोलकाता में स्थित प्रिया सिनेमा काफी पुराना और मशहूर सिंगल स्क्रिन थिएटर है। 1959 में इसकी शुरूआत की गई थी और यह भारत का पहला ऐसा थिएटर है, जहां कम्प्यूटराईज टिकट बुकिंग और ऑनलाइन टिकट बुकिंग होती थी। यहां स्टेज शो और म्यूजिकल प्रोग्राम भी होते हैं, जिनके लिए यह काफी फेमस है।

रीगल सिनेमा

regal theatre

दिल्ली के कनॉट प्लेस में स्थित रीगल सिनेमा 1932 में बनाया गया। यह सिनेमा हॉल देश के सबसे पुराने और बड़े सिनेमाघरों में से एक था। इस हॉल में एक साथ 694 लोगों के बैठने की क्षमता थी। यह दिल्ली का पहला सिनेमा हॉल था जहां हिंदी और इंग्लिश दोनों फिल्में दिखाई जाती थीं। 2000 के आसपास मल्टीप्लेक्स सिनेमा हॉल ने इसकी जगह ले ली और तब यहां बी-ग्रेड बॉलीवुड फिल्मों ने जगह बना ली थी, लेकिन अब इसे बंद कर दिया गया है।

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डिलाइट सिनेमा

delite theatre

दिल्ली के आसफ अली रोड पर स्थित डिलाइट सिनेमा हॉल को 1955 में बनवाया गया था। यह देश का पहला सिंगल स्क्रीन थिएटर था, लेकिन इसे 2006 में रेनोवेट करके डबल स्क्रीन में बदल दिया गया। एक समय में इसे दिल्ली की सबसे ऊंची इमारत भी माना जाता था। इस मल्टीप्लेक्स के दौर में अभी भी यह सिनेमा हॉल काफी फेमस है।

तो ये हैं भारत के सबसे पुराने थिएटर्स, जिनमें कुछ ढह चुके हैं, कुछ अभी भी चल रहे हैं और कुछ तो सिर्फ इतिहास के पन्नों में ही रह गए हैं। आपको बता दें कि हमारे देश में सिनेमा का काफी लंबा दौर रहा है, जिनमें इन थिएटर्स का काफी अहम रोल रहा है। भारतीय सिनेमा को मुकम्मल बनाने में इन थियेटर्स नें बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।

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