मध्य प्रदेश का अमरनाथ..! सिर्फ 10 दिनों के लिए खुलता है यह दिव्य मंदिर, दर्शन मात्र से मुरादें होती हैं पूरी

Madhya Pradesh Amaranth Temple: मध्य प्रदेश में सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच में एक ऐसा दिव्य मंदिर है, जिसे मध्य प्रदेश का अमरनाथ कहा जाता है। साल में सिर्फ एक बार इस मंदिर का द्वार भक्तों के लिए खोला जाता है। इस दिव्य मंदिर को नागलोक का घर बोला जाता है।
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Nagdwar Swami Temple in Madhya Pradesh: जम्मू कश्मीर में स्थित अमरनाथ मंदिर के बारे में तो पूरा भारत जानता है, लेकिन क्या आप मध्य प्रदेश में स्थित अमरनाथ मंदिर के बारे में जानते हैं? मध्य प्रदेश में सतपुड़ा की पहाड़ियों में स्थित नागद्वार मंदिर एक ऐसा दिव्य स्थल है, जिसे 'मध्य प्रदेश का अमरनाथ' कहा जाता है। मान्यता के अनुसार यहां स्वयं भगवान नाग विराजमान रहते हैं। नागद्वार मंदिर दर्शन के लिए भक्तों को कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। यह मंदिर साल में सिर्फ एक बार ही खुलता है। मान्यता है कि यहां जो भी भक्त सावन में दर्शन के लिए पहुंचता है, वो कभी भी खाली हाथ नहीं लौटता है। आइए इस दिव्य मंदिर के बारे में जानते हैं।

मध्य प्रदेश में नागद्वार मंदिर कहां है?

amaranth in madhya pradesh

नागद्वार मंदिर की पौराणिक मान्यता और खासियत जानने से पहले आपको बता दें कि यह प्रसिद्ध मंदिर, मध्य प्रदेश के पचमढ़ी हिल स्टेशन के घने जंगलों के बीच में स्थित है। पचमढ़ी हिल स्टेशन अपनी खूबसूरती के साथ-साथ हसीन दृश्यों के लिए जाना जाता है। पचमढ़ी सतपुड़ा पहाड़ियों के बीच में स्थित है।
आपको यह भी बता दें कि नागद्वार को कई लोग नागद्वारी मंदिर के नाम से भी जानते हैं। यह मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 217 किमी और नर्मदापुरम जिले से मात्र 125 किमी दूर है।

सिर्फ 10 दिनों के लिए खुलता है नागद्वार मंदिर

nagdwar swami temple

सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच में स्थित नागद्वार मंदिर सिर्फ 10 दिनों के लिए खुलता है। इस साल यह मंदिर इस यात्रा 19 जुलाई से ही शुरू है और 29 जुलाई यानी नागपंचमी तक चलेगी।
नागद्वार मंदिर तक पहुंचने के लिए सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच करीब 14 किमी पैदल चलना पड़ता है। कहा जाता है कि करीब सात दुर्गम पहाड़ियों की कठिन यात्रा करके भक्त नागद्वार मंदिर पहुंचते हैं। इस यात्रा में घने जंगलों और दुर्लभ ट्रेकिंग करके ही भक्त पहुंचते हैं।

नागद्वार मंदिर की पौराणिक मान्यता

नागद्वार या नागद्वारी मंदिर मध्य प्रदेश के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। नागद्वार मंदिर को लेकर पौराणिक मान्यता है कि यहां जो भी सच्चे मन से पहुंचता है, वो कालसर्प दोष दूर हो जाता है। मान्यता के अनुसार यहां जो भी नागपंचमी के मौके पहुंचता है, वो दुखों से दूर रहता है। नागद्वार मंदिर गुफा में नागदेव की कई मूर्तियां मौजूद हैं। नागद्वार मंदिर में हर साल लाखों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं।

मध्य प्रदेश का अमरनाथ है नागद्वार मंदिर

nagdwar swami temple called amaranth in madhya pradesh

नागद्वार मंदिर सतपुड़ा की पहाड़ियों में स्थित एक गुफा मंदिर है। जिस तरह जम्मू कश्मीर का अमरनाथ मंदिर गुफा के अंदर स्थित है, ठीक उसी तरह नागद्वार मंदिर भी गुफा के अंदर मौजूद हैं। नागद्वार मंदिर के अंदर चिंतामणि की गुफा है और गुफा की ऊंचाई करीब 100 फीट लंबी है। गुफा से कुछ ही दूर एक स्वर्ग द्वार है, जहां नागदेव की कई मूर्तियां मौजूद हैं। यहां स्थित शिवलिंग के दर्शन मात्र से भक्तों की सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं।

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नाग पंचमी पर लगता है भव्य मेला

नागद्वार मंदिर में हर साल नाग पंचमी के मौके पर एक भव्य मेला लगता है, जिसमें शामिल होने के लिए दूर-दूर से भक्त पहुंचते हैं। इस मंदिर के दर्शन करने और मेला में शामिल होने के लिए सिर्फ मध्य प्रदेश के लोग ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र से भी लाखों भक्त पहुंचते हैं। नागद्वार मंदिर के दर्शन के दौरान भक्त सतपुड़ा की पहाड़ियों की खूबसूरती भी देखने के लिए पहुंचते हैं।

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