बच्चों के साथ पंजाब जाने की है प्लानिंग तो जरूर देखें ये म्यूजियम्स

अगर आप बच्चों के साथ पंजाब घूमने का मन बना रहे हैं तो आपको वहां पर कुछ म्यूजियम्स को जरूर एक्सप्लोर करना चाहिए। इन म्यूजियम्स को देखते हुए बच्चों को काफी कुछ जानने को मिलेगा।

How many museums are there in Punjab

जब भी हम बच्चों के साथ कहीं बाहर घूमने के लिए जाते हैं तो हम ऐसी जगहों को देखना अधिक पसंद करते हैं, जहां पर बच्चों को मजा भी आए और उन्हें कई नई बातों का ज्ञान भी हो। यह तो हम सभी जानते हैं कि आंखों से देखी हुई चीजें अधिक याद रहती हैं। ऐसे में बच्चों के साथ नई-नई जगहों को एक्सप्लोर करना यकीनन एक अच्छा आइडिया है।

जहां तक बात पंजाब की है तो वहां पर एक या दो नहीं, बल्कि कई म्यूजियम्स मौजूद हैं, जिन्हें आपको बच्चों के साथ जरूर देखना चाहिए। इन म्यूजियम्स में समकालीन भारतीय कलाकारों की पेंटिंग और मूर्तियों के साथ-साथ मुगल, राजस्थानी, पहाड़ी और सिख स्कूलों के भारतीय लघुचित्रों का संग्रह भी है। इन म्यूजियम्स में हथियार, कवच, रियासतों की वस्तुएं, कला और संस्कृति को दर्शाने वाली आदिवासी और लोक कलाओं का बेहतरीन कलेक्शन है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको पंजाब के कुछ ऐसे ही म्यूजियम्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको एक बार बच्चों के साथ जरूर देखना चाहिए-

पार्टिशन म्यूजियम (Partition Museum)

Partition Museum

पार्टिशन म्यूजियम अमृतसर के टाउन हॉल में स्थित एक पब्लिक म्यूजियम है। यह दुनिया में अपनी तरह का पहला म्यूजियम है। इस म्यूजियम का मुख्य उद्देश्य विभाजन के बाद हुए दंगों से संबंधित कहानियों, सामग्रियों और दस्तावेजों का केंद्रीय भंडार बनना है। विभाजन के बाद दो स्वतंत्र देश भारत और पाकिस्तान बने थे।

विरासत-ए-खालसा (Virasat-E-Khalsa)

पंजाब में स्थित विरासत-ए-खालसा म्यूजियम एक खासा महत्व रखता है। यह म्यूजियम गुरुद्वारा केशगढ़ साहिब से सटे आनंदपुर साहिब में स्थापित किया गया है। इस परियोजना की कल्पना खालसा की स्थापना की 300वीं वर्षगांठ पर की गई थी और यह दसवें और अंतिम गुरु, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा लिखे गए ग्रंथों के आधार पर सिखों के इतिहास को प्रदर्शित करती है। सिख धर्म के अनुयायियों के लिए विरासत-ए-खालसा म्यूजियम बेहद विशेष है।

वॉर मेमोरियल (War Memorial)

War Memorial

वॉर मेमोरियल को पंजाब स्टेट वॉर हीरोज मेमोरियल एंड म्यूजियम कहा जाता है। इस म्यूजियम के 8 गैलरीज हैं, जिनमें गुरु हरगोबिंद सिंह जी के काल से लेकर महाराजा रणजीत सिंह के काल तक और कारगिल ऑपरेशन तक के बलिदानों और वीरतापूर्ण कार्यों को दर्शाया गया हैः जब आप यहां पर होते हैं तो आपको गुरु हरगोबिंद जी से सिख साम्राज्य के उदय तक, विभाजन तक ब्रिटिश शासन और भारत-पाक युद्ध आदि की झलक देखने को मिलती है। अगर आप बच्चों के साथ पंजाब गए हैं तो आपको एक बार वॉर मेमोरियल जरूर जाना चाहिए।

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जंग-ए-आजादी (Jang-E-Azadi)

Jang E Azadi

जंग-ए-आजादी एक मेमोरियल और म्यूजियम है, जिसे पंजाब के जालंधर में बनाया गया है। यह म्यूजियम लगभग 25 एकड़ में बनाया गया है। यह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में पंजाबी समुदाय द्वारा किए गए योगदान और बलिदान का सम्मान करता है। यह स्मारक 19 अक्टूबर 2014 को स्थापित किया गया था और इसे बनाने में 300 करोड़ रुपये की लागत आई थी। यह अमृतसर-जालंधर राजमार्ग पर स्थित है।

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Image Credit- punjabtourism

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