रणथंभौर नेशनल पार्क एक ऐसा नेशनल पार्क है, जिसकी गिनती भारत के सबसे बड़े नेशनल पार्क में होती है। राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित इस नेशनल पार्क का नाम ऐतिहासिक रणथंभौर किले के नाम पर रखा गया है, जो पार्क के भीतर स्थित है। यह उत्तर में बनास नदी और दक्षिण में चंबल नदी से घिरा है।
रणथंभौर नेशनल पार्क को 1957 में एक वाइल्डलाइफ सैन्चुरी घोषित किया गया था। इसके बाद 1981 में इसे नेशनल पार्क का दर्जा मिला। आज इस नेशनल पार्क में घूमने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। यह नेशनल पार्क आपको एक बेहद ही अद्भुत अनुभव प्रदान करता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको रणथंभौर नेशनल पार्क से जुड़ी कुछ अमेजिंग बातें बता रहे हैं-
अंग्रेजों और राजपूतों के लिए शिकार करने की बेहतरीन जगह
1820 के दशक के दौरान, राजपूतों और अंग्रेजों ने मिलकर रणथंभौर के जंगलों को निजी शिकार के लिए इस्तेमाल किया जाता था। अनुमान है कि 1929 से 1939 तक राजस्थान के जंगलों में कुल 1,074 बाघों का शिकार किया गया था। 26 जनवरी 1961 को, इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय और एडिनबर्ग के एचआरएच ड्युक प्रिंस फिलिप ने शाही शिकार पर रणथंभौर के जंगलों का दौरा किया था।
शिकार को कर दिया गया बैन
रणथंभौर नेशनल पार्क के बारे में सबसे दिलचस्प तथ्यों में से एक यह है कि 1971 तक भारत सरकार द्वारा बाघ के शिकार को पूरी तरह से बैन कर दिया गया था। वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट अधिनियम 1972 में लागू किया गया था। अनुमान है कि 1929 से 1939 तक कुल 1074 बाघ थे। राजस्थान(राजस्थान की 10 फेमस ऐतिहासिक जगह)के जंगलों में इनका शिकार किया जाता था। 1973 में, प्रोजेक्ट टाइगर शुरू किया गया था और सवाई माधोपुर वाइल्डलाइफ सैन्चुरी को रणथंभौर टाइगर रिजर्व के रूप में शामिल किया गया था।
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हॉट एयर बैलूनिंग का लें आनंद
रणथंभौर नेशनल पार्क आपको सिर्फ प्रकृति के करीब जाने का ही मौका नहीं देता है, बल्कि यहां पर आप कुछ एडवेंचर्स एक्टिविटीज को भी आनंद उठा सकती हैं। जी हां, यहां पर हॉट एयर बैलून जैसी एक्टिविटी की सुविधा भी उपलब्ध है। यह एक्टिविटी पूरी तरह से निजी संस्थानों द्वारा संचालित है। रणथंभौर टाइगर रिजर्व में आने वाले सैलानियों के लिए यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है। आसमान से इस नेशनल पार्क की खूबसूरती और वन्य जीवन को देखना यकीनन एक अलग ही अनुभव हो सकता है।(सोलो ट्रेवल के लिए टिप्स)
नेशनल पार्क में मौजूद हैं तीन बड़ी झीलें
रणथंभौर नेशनल पार्क में सिर्फ जंगली जीव नहीं है, बल्कि यहां पर तीन बड़ी झीलें हैं जो निश्चित रूप से आपकी यात्रा को और अधिक दिलचस्प बना देगी। इन झीलों में डकवीड, लिली और कमल सहित जलीय वनस्पति हैं। पदम तलाओ पार्क में स्थित कई झीलों में से सबसे बड़ी है।
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नेशनल पार्क में है सबसे बड़ा बरगद का पेड़
रणथंभौर नेशनल पार्क के बारे में यह फैक्ट भी यकीनन आपको चौका देगा। 392 वर्ग किलोमीटर में फैले तीन किलोमीटर में बड़ी संख्या में बरगद के पेड़ देखने को मिलते हैं। भारत में दूसरा सबसे बड़ा बरगद का पेड़ रणथंभौर नेशनल पार्क में स्थित है, जो पार्क की सबसे बड़ी झीलों में से एक पदम तालाब के पास है।(रणथंभौर नेशनल पार्क जाएं तो पांच चीजों लुत्फ उठाएं)
तो आपको रणथंभौर नेशनल पार्क से जुड़ी ये रोचक बातें कैसी लगी, हमें अवश्य बताइएगा। साथ ही, इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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Image Credit- ranthamborenationalpark, freepik
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