कारगिल विजय दिवस के बारे में बहुत बच्चे अभी भी नहीं जानते। हर साल 26 जुलाई का दिन वीर सपूतों की बहादुरी, बलिदान और अडिग हिम्मत की याद में मनाया जाता है। साल 1999 में कारगिल युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था। जिसमें कई सैनिकों ने देश के लिए जान गंवाई थी। लेकिन इस दिन को मनाने का उद्देश्य सिर्फ इतिहास को याद करना नहीं है, बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ी को वीर सपूतों के बारे में बताना है। उन्हें इस बात को समझाना है कि देश के लिए आज भी हजारों लाखों सैनिक अपनी जान की परवाह किए बिना दुश्मनों से लड़ रहे हैं। अगर आप भी अपने बच्चों को कारगिल विजय दिवस के महत्व के बारे में समझाना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके काम आएगा। आज के इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताएंगे, जहां आपको बच्चों को लेकर जाना चाहिए।
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यह अरुणाचल प्रदेश तवांग से लगभग 22 से 25 किमी की दूरी पर स्थित है। यह जगह राइफलमैन जसवंत सिंह रावत की बहादुरी की याद में बनाया गया था। 1962 के युद्ध में जसवन्त सिंह ने अकेले 72 घंटे तक चीनी सेना का मुकाबला किया था। यह स्मारक भले ही कारगिल युद्ध से न जुड़ा हो। लेकिन यह हमारे उस वीर की याद दिलाता है, जिसके बारे में बच्चों को जरूर जानना चाहिए। यह बच्चों के साथ वीकेंड पर जाने के लिए अच्छी जगह में से एक है।
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image credit- wikipedia, jagran
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