अच्छा! अगर आपसे यह सवाल किया जाए कि हरी यानि छोटी इलायची और बड़ी इलायची का इस्तेमाल कौन से भोजन में होता है और कौन से भोजन में नहीं, तो फिर आपका जवाब क्या हो सकता है? शायद कुछ देर सोचने के बाद भी आप कोई सटीक जानकारी आप न दें सके। खैर, इस जवाल जवाब को पूर्णविराम देते हैं और इस लेख में ये जानने की कोशिश करते हैं कि किन व्यंजनों के स्वाद में तड़का लगाने के लिए हरी इलायची और बड़ी इलायची का इस्तेमाल करते हैं। आपको बता दें कि इन दोनों ही इलायची को अलग-अलग व्यंजनों को स्वादिष्ट बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, तो आइए जानते हैं।
छोटी यानि हरी इलायची का इस्तेमाल
बड़ी इलायची के मुकाबले छोटी इलायची भोजन में कुछ अधिक ही इस्तेमाल होती है। छोटी इलायची का इस्तेमाल मिठाई, नमकीन में किया जाता है। ग्रेवी वाली सब्जी में अच्छे से कूटकर डालना मतलब स्वाद में तड़का लगाना। दूध से तैयार होने वाली चीजों जैसे-खीर, हलवा, मलाई, रेवड़ी, गुलाब जामुन आदि चीजों में इस्तेमाल होती है।
चिनक, मटन आदि भोजन बनाने में भी इसका इस्तेमाल होता है। चाय के स्वाद में चार चांद लगाने का काम करती है छोटी इलायची। इसके अलावा कई बीमारियों को दूर करने के लिए भी छोटी इलायची का ही इस्तेमाल होता है।
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बड़ी यानि काली इलायची का इस्तेमाल
हरी यानि छोटी इलायची के मुकाबले बड़ी इलायची का इस्तेमाल बहुत कम होता है। इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से ग्रेवी वाली सब्जियों में होती है। मिठाई में इसका बहुत कम ही इस्तेमाल होता है। नमकीन में कुछ हद तक इसका इस्तेमाल होता है। दूध से तैयार चीजों में बहुत कम ही बड़ी इलायची का इस्तेमाल होता है।
हां, नॉनवेज जैसे-चिकन, मटन आदि चीजों में इसका मुख्य रूप से इस्तेमाल होता है। खासकर, बियानी जैसी चीजों में इसका मुख्य रूप से किया जाता है। छोटी इलायची की तरह बड़ी इलायची का इस्तेमाल चाय में नहीं होता है।
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दोनों का इस्तेमाल एक साथ
छोटी और बड़ी इलायची का एक साथ इस्तेमाल सबसे अधिक गरम मसाला में किया जाता है। गरम मसाला का पाउडर बनाने में भी इन दोनों का इस्तेमाल होता है। बिरयानी में भी इन दोनों का इस्तेमाल होता है। पुलाव में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। नमकीन में भी इन दोनों का इस्तेमाल किया जाता है। अगर बात करें पैदवार के बारे में, तो दोनों ही इलायची की खेती सिक्किम, पूर्वी नेपाल और पश्चिम बंगाल में मुख्य रूप से होती है।
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