एल्युमिनियम फॉइल का इस्तेमाल तो शायद हम सभी करते हैं। यकीनन सुबह की जल्दी में गर्म-गर्म खाना पैक करने के लिए एल्यूमीनियम फॉइल काफी जरूरी साबित होता है। पर एल्यूमीनियम फॉइल का इस्तेमाल करते समय उसके नुकसान के बारे में भी अधिकतर लोगों को चिंता होती है। खाना पैक करने का ये तरीका ना सिर्फ किफायती लगता है बल्कि ये खाने को गर्म भी रखता है। एल्यूमीनियम फॉइल को लेकर अधिकतर लोगों की यही चिंता होती है कि इसमें खाना किस तरह से पैक किया जाता है और क्या इसे पैक करने का भी कोई सही तरीका है?
एल्युमीनियम फॉइल को लेकर अधिकतर लोगों का मानना है कि ये सेहत के लिए अच्छी नहीं है। तो चलिए आज इसके बारे में विस्तार से बात करते हैं कि आखिर इसे कैसे इस्तेमाल किया जाए और क्या ये सुरक्षित है या नहीं?
क्यों एल्युमिनियम फॉइल में खाना पैक किया जाता है?
एल्युमीनियम फॉइल का मेकिंग प्रोसेस कुछ इस तरह का होता है कि उसके अंदर ऑक्सीजन, मॉइश्चर और बैक्टीरिया पहुंच नहीं पाता है। यही कारण है कि इसे फूड पैकेजिंग और फार्मा कंपनियों द्वारा इतना इस्तेमाल किया जाता है। एल्युमिनियम फॉइल को टेट्रा पैक्स और पैकेज्ड फूड्स के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है और यही कारण है कि इसे इतना ज्यादा अच्छा माना जाता है।
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इसके इतना ज्यादा इस्तेमाल होने का कारण ये है कि पैकेज्ड फूड्स के अंदर अगर बैक्टीरिया चला जाए तो ये काफी नुकसानदेह हो सकता है और फिर ये कंटेमिनेशन का कारण बन सकता है और इससे बचने के लिए एल्युमीनियम फॉइल ही सबसे अच्छा और सस्ता तरीका है।
क्या वाकई एल्युमिनियम फॉइल सेहत के लिए खराब है?
एल्युमीनियम फॉइल के इस्तेमाल को लेकर हमेशा ये माना जाता है कि इसके कारण खाने में मेटालिक स्वाद आ सकता है या फिर एल्युमिनियम फॉइल के कारण खाने में एल्युमिनियम के कण आ सकते हैं, लेकिन क्या वाकई ये इतना खतरनाक है कि इसे यूज ही ना किया जाए?
रिसर्च के अनुसार शरीर में एल्युमीनियम की थोड़ी मात्रा होती ही है और अगर एल्युमीनियम को खाने से इन्जेस्ट कर लिया जाए तो ये यूरिन और स्टूल्स के जरिए निकल जाता है। पर अगर आपको एल्युमीनियम से कोई दिक्कत होती है या आपके शरीर में मेटल्स का अनुपात थोड़ा कम या ज्यादा है तो आपको इसके बारे में एक बार डॉक्टर से बात करनी चाहिए। हालांकि, ऐसे लोग बहुत कम होते हैं जिन्हें एल्युमीनियम फॉइल से दिक्कत हो।
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एल्युमीनियम फॉइल से खाना कैसे पैक करना चाहिए?
अब आपने एल्युमीनियम फॉइल को देखा होगा जिसमें एक साइड मैट फिनिश वाला होता है और दूसरा साइड शाइनी होता है। एल्युमिनियम फॉइल जैसे ही आता है तो हम ये मान लेते हैं कि मैट फिनिश वाले साइड को अंदर की ओर रखना चाहिए और शाइनी वाले को बाहर, लेकिन क्या वाकई ऐसा है? देखिए इसका मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस कुछ इस तरह का होता है कि खाने की हीट रिफ्लेक्ट होकर लॉक हो जाए और अगर लाइट इसपर पड़े भी तो वो रिफ्लेक्ट होकर बाहर ही रहे और खाने को अंदर नुकसान ना पहुंचाए।
ऐसे में एल्युमीनियम फॉइल के दोनों ही साइड इसी काम के लिए होते हैं और आप खाना किसी भी तरफ से पैक करें वो एक ही काम होगा। एक तरफ मैट फिनिश और दूसरी तरफ शाइनी होने का कारण इसका मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस है। इसे बनाया ही ऐसा जाता है, लेकिन इसका इस्तेमाल आप दोनों ही तरीके से कर सकती हैं।
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