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haryana horror story of choron ki baoli

हरियाणा की इस बावड़ी का इतिहास बेहद डरावना, पाकिस्तान से जुड़ा है इसका कनेक्शन

अगर आप हरियाणा में किसी रहस्यमयी जगह पर घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो यहां जाने का प्लान बना सकते हैं।  
Editorial
Updated:- 2024-04-01, 15:11 IST

हरियाणा में ऐसी कई जगहें है, जहां का इतिहास वर्षों पुराना है। इन रहस्यमयी जगहों पर जाने से पहले आपको इनके इतिहास के बारे में जान लेना है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको हरियाणा में स्थित चोरों की बावड़ी के बारे में बताएंगे। इसका निर्माण मुगल काल में हुआ था। लेकिन सवाल यह है कि आखिर इसको चोरों की बावड़ी के नाम से क्यों जाना जाता है।

क्यों है इसका नाम चोरों की बावड़ी

Mysterious Place

इस बावड़ी से जुड़ी एक चोरों की कहानी प्रचलित है। माना जाता है कि एक चोर था, जो जब भी कोई सामान चुराता, तो वह इस बावड़ी में जाकर छिप जाता। जब भी गांव वाले इसका पीछा करते थे, तो वह भागते हुए इस बावड़ी में आकर छलांग लगाकर गायब हो जाता था। 

बावड़ी में एक कुआं है जिसमें भीतर जाने के लिए 101 सीढ़ियां उतरनी पड़ती है। लोग उसे खोजते रहते, लेकिन किसी को वह नहीं मिलता। माना जाता है कि आज भी यहां खजाना छिपा हुआ है। इस बावड़ी के बारे में यह भी कहा जाता है कि यह जितना बड़ा बाहर से है, उतना ही अंदर से भी है। हालांकि, इस बावड़ी को लेकर इतिहास में कोई जानकारी नहीं मिलती।

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बावड़ी का इतिहास

Mysterious

इसका निर्माण 1658-59 ईसवी में सैद्यू कलाल ने करवाया था। इसे मुगल राजा शाहजहां के सूबेदार ने बनवाया था। इस बावड़ी में पहले कमरे बने हुए थे, लेकिन अब यह एक टूटी-फूटी बिल्डिंग के सामान हो गया था। यहां एक कुआं है, जिसका पानी गहरे काले रंग का है।

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इसके अलावा इस जगह के बारे में यह भी कहा जाता है कि यहां जमीन के अंदर सुरंगों का जाल बना हुआ है, तो पाकिस्तान के लाहौर तक जाता है। 1995 में आई भीषण बाढ़ के बाद बावड़ी का काफी हिस्सा तहस-नहस हो गया था। सीढ़ियों पर दिन-रात चमगादड़ों का पहरा रहता है।  

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कहां स्थित है यह बावड़ी

यह बावड़ी रोहतक के महम में है। महम रोहतक जिले में स्थित एक तहसील है। आप यहां राष्ट्रीय राजमार्ग 9 जो पहले NH-10 होता था, यहां स्थित है। दिल्ली और सिरसा के बीच एक स्टॉप पड़ता है। यहां आप पत्थरों पर  ‘स्वर्ग का झरना’ लिखा हुआ देख सकते हैं। 

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Image Credit-  heritage_haryana insta

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