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know history of rani sati temple jhunjhunu

बेहद ही खास है राजस्थान के झुंझुनू में स्थित यह मंदिर, जानिए क्यूं

राजस्थान के झुंझुनू में एक ऐसा मंदिर है जो देवता को नहीं बल्कि व्यक्ति विशेष को समर्पित है, आइए इस मंदिर के बारे में जानते हैं। 
Editorial
Updated:- 2022-01-07, 10:55 IST

भारत के लगभग हर शहर में ऐसे कई प्राचीन मंदिर हैं जहां आज भी भक्तों की लंबी-लंबी लाइन लगी होती हैं। उत्तर-भारत से लेकर दक्षिण-भारत और पूर्व-भारत से लेकर पश्चिम-भारत में ऐसे आपको हजारों मंदिर मिल जाएंगे जहां हर दिन हजारों लोग दर्शन के लिए पहुंचते हैं। पश्चिम-भारत के गुजरात शहर के झुंझुनू में भी एक ऐसा मंदिर है जिसके बारे में कहा जाता है कि यह मंदिर किसी देवता को नहीं बल्कि व्यक्ति विशेष को समर्पित है। जी हां, इस मंदिर का नाम है 'रानी सती मंदिर'। आज इस लेख में हम आपको इस मंदिर के बारे में करीब से बताने जा रहे हैं। इस मंदिर के बारे में जानने के बाद आप भी दर्शन करने ज़रूर जाना चाहेंगे, तो आइए जानते हैं।

रानी सती मंदिर का इतिहास

history of rani sati temple jhunjhunu inside

रानी सती मंदिर का इतिहास बेहद ही दिलचस्प है। जब इसके इतिहास पर नज़र डालते हैं यह मंदिर लगभग 400 वर्ष पीछे लेकर जाता है। मंदिर में मिले प्रमाणों और कई कहानियों के अनुसार इस मंदिर की देवता रानी सती है, जो एक राजस्थानी महिला रानी थी। रानी सती का वास्तविक नाम नारायणी बताया जाता है। कहानियों के अनुसार एक युद्ध के दौरान नारायणी देवी/रानी सती के पति की मौत हो जाती है जिसके बाद वो भी सती हो जाती है। धीरे-धीरे लोग इन्हें आदि शक्ति का रूप मनाने लगे और रानी सती के रूप में पूजा जाने लगा। इस मंदिर को कई लोग रानी सती दादी के नाम से भी जानते हैं।

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मंदिर की वास्तुकला

history of rani sati temple inside

रानी सती का मंदिर झुंझुनू की पहाड़ियों पर मौजूद एक प्राचीन और भव्य मंदिर है, जो अपनी वास्तुकला के लिए भी पूरे भारत में प्रसिद्ध है। मंदिर के कई भागों को कांच के द्वारा सजाया गया है वो आज भी देखा जा सकता है। मंदिर दर्शन करने के साथ-साथ कई लोग मंदिर की बनावट को भी देखने के लिए आते हैं। आपको बता दें कि इस मंदिर परिसर में शिव मंदिर, हनुमान मंदिर, सीता मंदिर, ठाकुर जी मंदिर और भगवान गणेश मंदिर भी सैलानियों के लिए आकर्षण के केंद्र हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यहां हर साल भव्य मेला का भी आयोजन होता है।(उत्तराखंड को देवभूमि क्यों कहा जाता है?)

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मंदिर में घूमने का समय

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प्रसिद्ध रानी सती मंदिर दर्शन के लिए आप प्रतिदिन सुबह 5 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे और फिर दोपहर 3 बजे से रात को 10 बजे के बीच कभी भी जा सकते हैं। यहां आप परिवार, दोस्तों या फिर पार्टनर के साथ कभी भी दर्शन के लिए आ सकते हैं। अगर बात करें टिकट के बारे में रानी सती मंदिर में प्रवेश और दर्शन के लिए कोई भी शुल्क नहीं है।(केरल के खूबसूरत मंदिर)

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आसपास घूमने की जगह

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अगर आप मंदिर दर्शन के साथ-साथ झुंझुनू में किसी बेहतरीन जगह घूमने का भी प्लान बना रहे हैं, तो यहां मौजूद एक से एक बेहतरीन जगहें घूमने के लिए जा सकते हैं। झुंझुनू में आप रानी सती मंदिर के अलावा खेतड़ी पैलेस, लोहार्गल, मोदी और तिबरवाल हवेली आदि कई बेहतरीन जगह घूमने के लिए जा सकते हैं। यहां आप ट्रेन, बस या रेल से भी पहुंच सकते हैं। सबसे पास में झुंझुनू रेलवे स्टेशन है जहां आप टैक्सी या कैब करके घूमने के लिए जा सकते हैं।

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Image Credit:(@swantour.com)

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