herzindagi
 famous shiva temple in haryana

Happy Mahashivratri 2024: हरियाणा में फेमस है महादेव के ये मंदिर, आप भी बनाएं दर्शन का प्लान

भोले बाबा के इन मंदिरों को रहस्यमयी और चमत्कारी माना जाता है। आपको भी महाशिवरात्रि पर यहां दर्शन का प्लान बनाना चाहिए।&nbsp; <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2024-03-08, 12:19 IST

आज देशभर में महाशिवरात्रि का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। मंदिरों में महादेव के जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भारी-भीड़ देखने को मिल रही है। अगर आप हरियाणा के रहने वाले हैं और भोले बाबा के दर्शन और जलाभिषेक के लिए किसी ऐतिहासिक मंदिर की तलाश में है, तो यह आर्टिकल आपके काम आएगा।

आज के इस आर्टिकल में हम आपको हरियाणा के कुछ ऐसे खास शिव मंदिरों के बारे में बताएंगे, जिसका इतिहास कई वर्षों पुराना बताया जाता है।

संगमेश्वर महादेव मंदिर

biggest SHIVA temple in haryana

महादेव का यह मंदिर हरियाणा के कुरुक्षेत्र से महज 20 किलोमीटर दूरी पिहोवा में स्थित है। पिहोवा के गांव अरुणाय में स्थित इस मंदिर का कनेक्शन माता सरस्वती से जुड़ा हुआ है। यह जगह अरुणा और सरस्वती नदी के संगम का स्थल है। (नोएडा में हैं भोलेबाबा के विशाल मंदिर)

माना जाता है कि माता सरस्वती को विश्वामित्र ऋषि ने खून से बहने का श्राप दिया था। वह इस श्राप  से मुक्ति पाना चाहती थी, इसलिए उन्होंने इसके लिए महर्षि वशिष्ठ से सहायता मांगी। जिसके बाद महर्षि ने उन्हें इसी मंदिर में शिव की आराधना करने को कहा था। जिसके बाद माता ने यहां भोले बाबा की आराधना की, और महादेव ने उन्हें श्राप मुक्त करते हुए फिर से जलधारा से भर दिया।

इसे भी पढ़ें- Famous Shiva Temple to Visit on Mahashivratri 2024: Delhi- NCR में स्थित है भोले बाबा के ये ऐतिहासिक मंदिर, महाशिवरात्रि पर बनाएं दर्शन का प्लान

 

हरियाणा के इस मंदिर में नंदी के बिना हैं महादेव

 oldest shiva temple in haryana

संगमेश्वर महादेव मंदिर के अलावा कुरुक्षेत्र में कालेश्वर महादेव मंदिर भी है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यह देश का पहला ऐसा मंदिर है, जहां नंदी नहीं है। इस मंदिर की मान्यता है कि यहां पर ही रावण ने भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी। (नोएडा में भी है भगवान शिव की विशाल शिव प्रतिमा)

यह विडियो भी देखें

जिसके बाद महादेव ने रावण को काल पर विजय का वरदान दिया था। लेकिन इस वरदान को मांगते समय रावण ने भोलेनाथ से कहा कि वह नहीं चाहता है कि इस वरदान के बारे में कोई और भी जानें। इसलिए महादेव ने नंदी को कुछ समय के लिए खुद से दूर कर दिया था। इसलिए ही इस मंदिर में नंदी महाराज नहीं है। 

इसे भी पढ़ें- Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि के दिन घूमने के लिए बेस्ट हैं साउथ इंडिया के ये मंदिर, दर्शन करने जरूर जाएं

श्री ग्यारह रुद्री शिव मंदिर

SHIVA

यह मंदिर हरियाणा के कैथल में स्थित है। इस खास मंदिर की वजह से ही कैथल को छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि इस मंदिर को भगवान श्री कृष्ण ने बनवाया था।

LORD SHIVA

दरअसल, जब कुरुक्षेत्र में महाभारत युद्ध का समापन हुआ, तो उन्हें युद्ध में मारे गए सैनिकों के आत्मिक शांति के लिए कार्य करना था। इसलिए उन्होंने यहां 11 रुद्रों की स्थापना की। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि भोलेनाथ से इसी स्थान पर अजुर्न को दर्शन भी दिए थे। 

अगर हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे।

साथ ही आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से।

Image Credit- dailymahadevstatus insta

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।