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Shardiya Navratri 2023: नवरात्रि में भारत के शक्तिपीठों के दर्शन का बनाएं प्लान, होगी सभी मनोकामना पूरी

आज के इस आर्टिकल में हम आपको भारत में स्थित माता रानी के फेमस शक्तिपीठों के बारे में बताएंगे। जहां जाने से मान्यता है कि जीवन से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और खुशियों का आगमन होता है।
Editorial
Updated:- 2023-10-12, 10:59 IST

15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि का पर्व शुरू हो रहा है। नवरात्रि के इस नौ दिनों के पर्व में भक्त दूर-दूर से माता के शक्तिपीठों के दर्शन के लिए आते हैं। नवरात्रि  में माता के शक्तिपीठ के दर्शन की बहुत मान्यता है। 

शास्त्रों के अनुसार शक्तिपीठ वह पवित्र जगह है, जहां पर देवी के अंगों के टुकड़े गिरे थे। देशभर में माता के 51 शक्तिपीठ मौजूद है।

वैसे तो माता के कुल 51 शक्तिपीठ  उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, बांग्लादेश, कश्मीर, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के नासिक, , राजस्थान के बिरात, श्रीलंका, तिब्बत, ओडिशा, नेपाल, असम के गुवाहाटी, कोलकाता, हरियाणा के कुरुक्षेत्र, बिहार के पटना और पाकिस्तान जैसी जगहों पर स्थित हैं। 

लेकिन आज के इस आर्टिकल में हम माता के उन फेमस शक्तिपीठों के बारे में बताएंगे, जो भारत में फेमस है। 

कामाख्या मंदिर, असम (Kamakhya Temple)

KAMAKHYA MANDIR

यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। यहां माता का योनि वाला हिस्सा यानि गर्भ गिरा था। मंदिर असम के गुवाहाटी शहर में नीलाचल की पहाड़ियों पर स्थित हैं। असम की राजधानी दिसपुर के पास गुवाहाटी से 6 किलोमीटर की  दूरी पर  बसा है। 

यहां नवरात्रि में दुर्गा पूजा के साथ-साथ विशाल मेले का आयोजन होता है। अगर आप कामाख्या देवी मंदिर में जाएंगे तो आपको  यहां किसी माता की मूर्ति नहीं मिलेगी। (यहां हैं देवी के प्रसिद्ध मंदिर)

लेकिन यहां पर मंदिर प्रांगण में योनि रूपी एक समतल चट्टान जरूर नजर आएगा। जिसकी पूजा के लिए श्रद्धालु दूर दूर से आते हैं। इस स्थल को योनि कुंड के नाम से भी जाना जाता है। 

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अंबाजी शक्तिपीठ, गुजरात (Ambaji Temple)

Ambaji

इस मंदिर में माता का हृदय गिरा था। यहां माता के किसी मूर्ति की पूजा नहीं होती, बल्कि यहां एक श्री चक्र की पूजा की जाती है। सफेद संगमरमर से बना यह भव्य मंदिर भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र है।

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इस मंदिर का शिखर 103 फुट ऊंचा। नवरात्र के अवसर पर मंदिर में गरबा का आयोजन होता है। (वैष्णो देवी माता की रहस्यमयी कहानियां)

मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको 999 सीढ़ियां चढ़नी पड़ेगी। अगर आप यहां दर्शन का प्लान बना रहे हैं, तो आपको अहमदाबाद के सरदार वल्लभ भाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक फ्लाइट लेनी होगी, जो 86 किलोमीटर दूर है। आप ट्रेन के जरिए आबू रोड रेलवे स्टेशन आ सकते हैं, जो यहां से 20 किलोमीटर दूर है।

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ब्रजेश्वरी मंदिर, हिमाचल प्रदेश (Brajeshwari Devi)

brajeshwari devi

इस मंदिर में माता एक पिंडी रूप में स्थित है। यहां माता सती का दाहिना वक्ष गिरा था। इसके साथ ही माना जाता है कि जब महिषासुर के साथ युद्ध में माता को कुछ चोटें आई थीं, तो उन्होंने यहां आकर ही अपने शरीर पर मक्खन लगाया था। मंदिर में माता को प्रसाद चढ़ाने का अलग रिवाज है।

यहां हर भाग में माता को अलग तरह से प्रसाद चढ़ाया जाता है, जैसे पहला भाग महासरस्वती, दूसरा भाग महालक्ष्मी और तीसरा महाकाली को चढ़ाया जाता है। इसलिए ही यहां मंदिर के गर्भगृह में भी तीन पिंडी हैं।

आपको एक बात जानकार हैरानी होगी कि मंदिर में हिंदुओं और सिखों के अलावा मुस्लिम भी आस्था के साथ फूल चढ़ाते हैं। मंदिर के तीन गुंबद इस बात के प्रतीक है।

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Image Credit- Insta

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