हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष में शारदीय नवरात्रि मनाई जाती है। शारदीय नवरात्रि के इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का विधान है। भक्त नवरात्रि के नौ दिन व्रत का पालन करते हैं और देवी मां को प्रसन्न करने के लिए उनके अलग-अलग स्वरूपों के अलग-अलग मंत्रों का जाप करते हैं। शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि शारदीय नवरात्रि के ये नौ दिन माता पृथ्वी पर आती हैं और अपने भक्तों के सभी दुखों और बुराइयों का नाश करती हैं।
इसके अलावा, वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें यह भी बताया कि शारदीय नवरात्रि के नौ दिन अगर संकल्प लेकर माता के समक्ष अनुष्ठान किया जाए तो इससे मनोकामना अवश्य पूरी होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है। ऐसे में आइये जानते हैं कि इस साल कब से शुरू हो रही है शारदीय नवरात्रि, क्या है कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और महत्व।
शारदीय नवरात्रि 2025 कब से शुरू है?
आश्विन माह के शुक्ल की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 21 सितंबर, रविवार के दिन रात 1 बजकर 23 मिनट से हो रही है। वहीं, इसका समापन 22 सितंबर, सोमवार के दिन रात 2 बजकर 55 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ 22 सितंबर से होगा।
चूंकि शारदीय नवरात्रि का पहला दिन सितंबर की 22 तारीख को पड़ रहा है, ऐसे में कलश स्थापना जिसे घटस्थापना भी कहा जाता है, इसी दिन की जाएगी। साथ ही, अगर आप विशेष पूजा या अनुष्ठान का संकल्प ले रहे हैं तो वह भी इसी दिन जल अर्पण के साथ शुरू हो जाएगा।
शारदीय नवरात्रि 2025 का कलश स्थापना मुहूर्त
शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि पर सुबह में एक मुहूर्त बन रहा है जिसमें घटस्थापना करना उत्तम रहेगा, लेकिन अगर किसी कारण से इस मुहूर्त में घटस्थापना न हो पाए तो अभिजीत मुहूर्त भी इस दिन उपलब्ध है। इसके अलावा, स्नान-दान के लिए ब्रह्म मुहूर्त भी मौजूद है।
- ब्रह्म मुहूर्त: 22 सितंबर 2025 को सुबह 04:43 बजे से सुबह 05:31 बजे तक
- कलश स्थापना मुहूर्त: 22 सितंबर 2025 को सुबह 06:09 बजे से सुबह 08:06 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त: 22 सितंबर 2025 को सुबह 11:49 बजे से दोपहर 12:38 बजे तक
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शारदीय नवरात्रि 2025 का महत्व
शारदीय नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा एवं व्रत रखने से ग्रहों की दशा और दिशा में सुधार होता है। नव ग्रह शुभ परिणाम देने लगते हैं और ग्रहों से जुड़ा दोष दूर होता है। विशेष रूप से चंद्रमा और शुक्र ग्रह के दुष्प्रभाव कम हो जाते हैं और सकारात्मक परिणाम मिलने लगते हैं।
शारदीय नवरात्रि की पूजा और व्रत के फल स्वरूप व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही, घर या व्यक्ति के आसपास मौजूद नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। स्वास्थ्य और धन से जुड़ी समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। ये नौ दिन सिद्धियां प्राप्ति के लिए भी शुभ माने जाते हैं।
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