Famous Devi Temples In Bihar: बिहार देश का एक प्रमुख और खूबसूरत राज्य है। बिहार को कई लोग 'बुद्ध की नगरी' के नाम से भी जानते हैं। बिहार एक ऐसा भी राज्य है जिसका इतिहास देश को गौरवान्वित करता है।
बिहार अपने ऐतिहासिक कारणों के अलावा विश्व प्रसिद्ध और धार्मिक पर्यटन स्थलों के लिए भी जाना जाता है। जैसे- बोधगया में हर साल हजारों विदेशी सैलानी भी घूमने के लिए पहुंचते हैं।
बिहार में स्थित बोधगया ही नहीं, बल्कि अन्य और भी ऐसे कई धार्मिक स्थल है, जहां हर साल हजारों भक्त घूमने के लिए पहुंचते हैं। इस राज्य में स्थित प्रसिद्ध दुर्गा मंदिर भक्तों को खूब आकर्षित करता है।
इस आर्टिकल में हम आपको बिहार में स्थित कुछ प्रसिद्ध दुर्गा मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां चैत्र नवरात्रि में राज्य के हर कोने से भक्त अपनी-अपनी मुरादें लेकर पहुंचते हैं।
बिहार में स्थित सबसे प्रसिद्ध और पवित्र दुर्गा मंदिर के दर्शन करने की बात होती है, तो हजारों लोग सबसे पहले पटन देवी मंदिर का नाम ही लेते हैं। इस मंदिर को कई लोग पटनेश्वरी मंदिर के नाम से भी जानते हैं। पटन देवी मंदिर बिहार की राजधानी पटना में स्थित है।
पटनेश्वरी मंदिर माता सती के 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। इस मंदिर को लेकर पौराणिक मान्यता है कि जब भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को काटा था, तब यहां देवी सती की दाहिनी जांघ गिरी थी। चैत्र नवरात्रि के मौके पर यहां राज्य के हर कोने भक्त अपनी-अपनी मुरादें लेकर पहुंचते हैं। नवरात्रि में मंदिरों को फूलों से सजा दिया जाता है।
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बिहार के बोधगया को लगभग हर कोई भगवान बुद्ध के लिए जानता है, लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बोधगया प्रसिद्ध और पवित्र मंगला गौरी मंदिर के लिए भी जाना जाता है। यह मंदिर गया का एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी है।
गया में भस्म कूट पर्वत पर स्थित मां मंगला गौरी मंदिर देश के प्रसिद्ध शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। मान्यता के अनुसार यहां माता सती का वक्ष गिरा था। इस मंदिर में हर दिन भक्तों का तांता लगा रहता है। चैत्र नवरात्रि के शुभ मौके पर यहां कई भक्त मां का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचते हैं। नवरात्रि में मंदिर के आसपास मेला भी लगता है।
बिहार के कैमूर जिले में स्थित मुंडेश्वरी देवी एक प्रसिद्ध और पवित्र मंदिर माना जाता है। यह प्रसिद्ध मंदिर पंवरा पहाड़ी के शिखर पर स्थित है। कई लोग इस मंदिर को शक्ति पीठ भी कहते हैं। इस मंदिर को कैमूर का पालनहार मंदिर माना जाता है।
मुंडेश्वरी देवी मंदिर, बिहार का एकमात्र ऐसा मंदिर माना जाता है, जहां रक्तहीन बलि दी जाती है। कहा जाता है कि जो भक्त यहां बलि देने के लिए पशु को लाते हैं, उसे देवी के चरणों रखना होता है और बलि पूरी हो जाती है। चैत्र नवरात्रि के मौके पर यहां देश के हर कोने से भक्त दर्शन करने पहुंचते हैं। नवरात्रि में लाइट्स और फूलों से सजा दिया जाता है।
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मिथिला शक्ति पीठ, बिहार के सबसे प्रमुख देवी मंदिरों में से एक माना जाता है। इसे कई लोग उमा देवी मंदिर के नाम से भी जानते हैं। यह प्रसिद्ध मंदिर बिहार के बिहार के दरभंगा जिले में स्थित है। यह मंदिर भगवती देवी को समर्पित है।
मिथिला शक्ति पीठ मंदिर को माता सती के 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। मान्यता के अनुसार यहां माता सती का बायां कंधा गिरा था। चैत्र नवरात्रि के मौके पर यहां भक्तों की खूब भीड़ मौजूद रहती है। नवरात्रि में यहां राज्य के हर कोने से भक्त पहुंचते हैं।
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