About Sardhana Church Meerut: क्रिसमस का त्योहार बहुत जल्द आने वाला है। क्रिसमस, ईसाई धर्म का प्रमुख त्योहार है। इस दिन को पूरे विश्व में ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
क्रिसमस की धूम सिर्फ विदेशों में ही नहीं, बल्कि भारत में भी देखने को मिलती है। दिल्ली लेकर गोवा और महाराष्ट्र से लेकर नॉर्थ ईस्ट इंडिया में क्रिसमस के दिन सभी चर्चों को शानदार और खूबसूरत लाइटों से सजा दिया जाता है।
क्रिसमस के दिन लगभग सभी धर्मों के लोग चर्च में कैंडल जलाना और प्रार्थना करना पसंद करते हैं। इस खास मौके पर कई लोग चर्चित और लोकप्रिय चर्चों को एक्सप्लोर करने के लिए भी पहुंचते हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको मेरठ में स्थित बेसिलिका ऑफ आवर लेडी ऑफ ग्रेसेस चर्च के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां मेरठ के आसपास से लेकर दिल्ली-एनसीआर के लोग भी घूमने के लिए पहुंच सकते हैं।
बेसिलिका ऑफ आवर लेडी ऑफ ग्रेसेस की खासियत जानने से पहले आपको यह बता दें कि यह चर्च मुख्य शहर से करीब 20 किमी की दूरी पर सरधना में स्थित है। सरधना शहर में होने के चलते इस चर्च को कई लोग सरधना चर्च के नाम से भी जानते हैं। इसे उत्तर प्रदेश का ऐतिहासिक चर्च भी माना जाता है।
आपकी जानकारी के लिए यह भी बता दें कि बेसिलिका ऑफ आवर लेडी ऑफ ग्रेसेस यानी सरधना चर्च देश की राजधानी दिल्ली से करीब 99 किमी दूर है। इसलिए यहां दिल्ली और दिल्ली एनसीआर के लोग भी घूमने के लिए पहुंचते रहते हैं।
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बेसिलिका ऑफ आवर लेडी ऑफ ग्रेसेस चर्च के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण करीब 1809 में शुरू हुआ और करीब 1822 में बनकर तैयार हुआ था। इस चर्च को लेकर कई लोगों का कहना है कि इसका निर्माण किसी ईसाई व्यक्ति ने नहीं, बल्कि बेगम समरू द्वारा बनवाया गया था।
बेसिलिका ऑफ आवर लेडी ऑफ ग्रेसेस चर्च की वास्तुकला रोमन कैथिलिक में है, इसलिए स्थानीय लोग सरधना रोमन कैथिलिक भी बोलते हैं। इसे इतिहास का बेजोड़ नमूना भी माना जाता है। इसके अलावा इस चर्च के बारे में यह भी मान्यता है कि इसका निर्माण प्रभु यीशु की मां के सम्मान किया गया था।
बेसिलिका ऑफ आवर लेडी ऑफ ग्रेसेस यानी सरधना चर्च कई लोगों के लिए खास है। इस चर्च को लेकर यहां कहा जाता है कि यहां प्रभु यीशु के अलावा उनकी मां मरियम की भी पूजा होती है।
बेसिलिका ऑफ आवर लेडी ऑफ ग्रेसेस यानी सरधना चर्च को लेकर कई मान्यताएं हैं। मेरठ में स्थित इस चर्च को लेकर कहा जाता है कि यह चर्च इतिहास, सौहार्द, और आस्था का बेजोड़ नमूना है।
सरधना चर्च को लेकर मान्यता है कि यहां जो भी सच्चे दिल में मुरादें मांगता है, जो कभी भी खाली हाथ नहीं लौटता है। इसलिए इस चर्च को कोई लोग चमत्कारी चर्च भी मानते हैं।
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बेसिलिका ऑफ आवर लेडी ऑफ ग्रेसेस चर्च के बारे में कहा जाता है कि यहां सिर्फ देशी ही नहीं, बल्कि विदेशी पर्यटक भी घूमने के लिए पहुंचते हैं। खासकर, 25 दिसंबर को लोग मां मरियम के दर्शन करने आते हैं। क्रिसमस के मौके पर इस चर्च को लाइटों से सजा दिया जाता है।
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