भारत में जब भी घूमने की बात होती है तो अक्सर हम बीचेस से लेकर किलों तक का ही जिक्र करते हैं। लेकिन भारत देश की खूबसूरती इससे कहीं अधिक है। यहां पर आपको कई तरह के रंगों और खुशबूओं को भी महसूस करने का मौका मिलता है, क्योंकि भारत के अलग-अलग हिस्सों में फ्लावर फेस्टिवल्स होते हैं और यहां पर आपको ऐसे कई खूबसूरत फूलों को अपनी आंखों से निहारने और उनके बारे में जानने का मौका मिलता है, जिसके बारे में आपने शायद ही कभी सुना हो।
जरा सोचकर देखिए कि आप श्रीनगर के ट्यूलिप के खेतों में टहल रही हैं या फिर ऊटी में क्रिएटिव फ्लोरल स्कल्पचर को देख रही हैं तो आपको कैसा अनुभव होगा। इन फेस्टिवल्स की खास बात यह भी है कि ये फेस्टिवल सिर्फ फूलों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि इनके माध्यम से आप संस्कृति, मनोरंजन और परंपरा के खूबसूरत मिश्रण की साक्षी बन पाती हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको भारत में होने वाले कुछ ऐसे ही फ्लावर फेस्टिवल्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको भी एक बार जरूर देखना चाहिए-
कर्नाटक के बेंगलुरु में 26 जनवरी और 15 अगस्त के दिन लालबाग बॉटनिकल गार्डन में लालबाग फ्लावर शो आयोजित किया जाता है। इसकी शुरुआत 19वीं सदी में मैसूर के राजा ने की थी। बाद में लालबाग हॉर्टिकल्चर सोसायटी ने इसे आगे बढ़ाया। इस शो में आप फूलों से बने ताजमहल, पैलेस और अन्य स्मारकों की झलक देख सकती हैं। इस शो की खास बात यह है कि यहां पर आप दुनिया भर के दुर्लभ और विदेशी फूलों को देख सकती हैं। जब आप यहां पर हैं तो बोनसाई गार्डन मिस न करें। यह भारत में सबसे बड़ा है।
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श्रीनगर में हर साल मार्च-अप्रैल में ट्यूलिप फेस्टिवल आयोजित किया जाता है। अगर आप इस फेस्टिवल का हिस्सा बनना चाहती हैं तो ऐसे में आपको इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्यूलिप गार्डन विजिट करना होगा। इस फेस्टिवल की शुरुआत साल 2007 में हुई थी। आप यहां पर फूलों की 60 से ज्यादा किस्में देखने का अवसर मिलेगा। इस फेस्टिवल में आप लोकल म्यूजिक से लेकर डांस व कश्मीरी खाने के स्टॉल का लुत्फ भी उठा सकती हैं।
केरल के कोझिकोड में दिसंबर व जनवरी में मलाबार फ्लावर फेस्टिवल आयोजित किया जाता है। इस फेस्टिवल में आप दुर्लभ ऑर्किड और बोनसाई की झलक देख सकती हैं। यहां पर आप गार्डनिंग वर्कशॉप्स और इको-फ्रेंडली एक्जिबिशन को भी एक्सपीरियंस कर सकती हैं। फेस्टिवल के दौरान आप लोकल डांस और केरल के टेस्टी फूड को एन्जॉय कीजिए।
यह फेस्टिवल मई के महीने में सिक्मि के गंगटोक में पालजोर स्टेडियम में किया जाता है। इस फेस्टिवल की शुरुआत 2008 में हुई थी। यह फेस्टिवल हिमालयी क्षेत्र की फूलों की खूबसूरती और इको-टूरिज्म को बढ़ावा देता है। यहां पर ऑर्किड, रोडोडेंड्रॉन, प्रिम्युला और मैग्नोलिया की झलक देख सकती हैं।
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