herzindagi
image

India UNESCO Festival: बिहार छठ पर्व यूनेस्को लिस्ट में हुआ शामिल, जानें कौन-कौन से पर्व पहले से हैं इसका हिस्सा; लिस्ट में जगह पाने के लिए क्या होती है पूरी प्रक्रिया

बिहार का छठ पर्व यूनेस्को की लिस्ट में शामिल होने वाला है। इसके बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात शो में बताया था। चलिए नीचे लेख में जानिए इससे पहले भारत के कौन-कौन से त्योहार इस सूची में अपनी जगह बना चुके हैं। साथ ही इसके लिए कब और कैसे किसी फेस्टिवल को सिलेक्ट किया जाता है।
Editorial
Updated:- 2025-10-01, 16:01 IST

चार दिनों तक चलने वाला छठ त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होता है और सप्तमी तिथि को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समाप्त होता है। इस त्योहार को खासतौर से बिहार में एक बड़े स्तर पर मनाया जाता है। बता दें कि हाल ही में, भारत सरकार द्वारा बिहार के महापर्व छठ पूजा को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की लिस्ट में शामिल होने वाला है, जो इस पर्व की भव्यता और दिव्यता को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करेगा। इस लेख में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि भारत के कौन-कौन से पर्व पहले से हैं इस लिस्ट में अपनी जगह बना चुके हैं। साथ ही जानें यूनेस्कों के लिए कब और कैसे किसी फेस्टिवल को सिलेक्ट किया जाता है।

यूनेस्को लिस्ट में कौन-कौन से पर्व शामिल हैं?

durga festival

यूनेस्को की लिस्ट में छठ पूजा से पहले भारत के 15 अमूर्त सांस्कृतिक विरासत तत्व यूनेस्को की लिस्ट का हिस्सा बन चुके हैं। नीचे देखें त्योहारों की लिस्ट

  • दुर्गा पूजा (कोलकाता) (2021)- यह पर्व अपनी विस्तृत कलाकृतियों, पंडालों और सामुदायिक भागीदारी के लिए विश्व प्रसिद्ध है।
  • गरबा (गुजरात) (2023)- नवरात्रि के दौरान किया जाने वाला यह नृत्य-रूप।
  • कुंभ मेला (2017)- दुनिया का सबसे बड़ा शांतिपूर्ण धार्मिक समागम।
  • योग (2016)- प्राचीन भारतीय शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास।
  • नवरोज (2016)- फारसी नव वर्ष का उत्सव।
  • रामलीला (2008)- रामायण का पारंपरिक प्रदर्शन।
  • रम्माण (2009)- गढ़वाल हिमालय का धार्मिक उत्सव और अनुष्ठान नाट्य।

इसे भी पढ़ें- World Heritage Sites: भारत में स्थित इन अनसुनी यूनेस्को की विश्व धरोहर को आपने भी नहीं किया होगा एक्सप्लोर

यूनेस्को में शामिल होने की क्यों है पूरी प्रक्रिया?

How festivals achieve UNESCO status

किसी भी त्योहार को इस लिस्ट में शामिल होने के लिए कई चरण को पार करना होता है। नीचे जानें क्या है पूरा प्रोसेस

  • सबसे पहले, सदस्य देश को उस तत्व को अपनी राष्ट्रीय अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची/रजिस्टर में शामिल करना होता है। भारत में, संगीत नाटक अकादमी संस्कृति मंत्रालय के नोडल कार्यालय के रूप में एक नेशनल लिस्ट बनाए रखती है।
  • इसके बाद संबंधित समुदाय, समूह और विशेषज्ञों के साथ मिलकर, देश एक नामांकन फाइल तैयार करता है। इस फाइल में यह साबित किया जाता है कि वह त्योहार'मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची' के मानदंडों को पूरा करता है।
  • इसके तहत यह दर्शाया जाता है कि तत्व समुदाय द्वारा पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित किया गया है, पहचान और निरंतरता प्रदान करता है, आपसी सम्मान को बढ़ावा देता है और इसके संरक्षण के लिए सुरक्षा उपाय किए गए हैं।
  • इसके बाद तैयार नामांकन फाइल को यूनेस्को के मुख्यालय में जमा किया जाता है।
  • यूनेस्को की अंतर-सरकारी समिति द्वारा स्थापित एक मूल्यांकन निकाय नामांकन फाइल की समीक्षा करता है।
  • इसके बाद मूल्यांकन निकाय की सिफारिशों पर विचार करने के बाद, 'अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए कन्वेंशन' की अंतर-सरकारी समिति अंतिम निर्णय लेती है कि उस तत्व को यूनेस्को की सूची में शामिल किया जाए या नहीं।

इसे भी पढ़ें- छठ पर चारों तरफ गूंजते हैं शारदा सिन्हा के गीत, बिहार की कोकिला ने बॉलीवुड फिल्मों के लिए भी गाए हैं गाने

आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से।

image credit-Freepik, shutterstock

 

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।