अंडरआर्म्स अगर डार्क हो तो ये कई लोगों की असहजता का कारण बन जाता है। वैसे तो ये बहुत ही नॉर्मल घटना है और ये कई महिलाओं के साथ होती है, लेकिन फिर भी हममे से कई लोग स्लीवलेस पहनने से सिर्फ इसलिए डरते हैं क्योंकि हमारे अंडरआर्म्स काले हो गए हैं या उनका रंग नेचुरल नहीं लगता है। इसके लिए कई तरह की क्रीम्स भी मार्केट में आती हैं और इतना ही नहीं लोग तो कई तरह के ब्यूटी ट्रीटमेंट्स भी करवाने के लिए तैयार रहते हैं।
लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि ये क्यों होता है और साथ ही साथ आप इन्हें नेचुरल तरीकों से कैसे ठीक कर सकते हैं? कई बार इनका कारण मौसम भी होता है जैसे सर्दियों में अंडरआर्म्स का कालापन कई बार बढ़ने लगता है। कई बार इनका कारण कुछ और होता है और कई बार तो अंडरआर्म्स हमारी किसी गलती के कारण ही काले पड़ने लगते हैं।
इस तरह का हाइपर पिगमेंटेशन बहुत ज्यादा असर दिखा सकता है और इसे ठीक करने के लिए भी अलग-अलग लोगों को अलग तरीके फॉलो करने होते हैं। आप किस तरह से अपने अंडरआर्म्स हाइपर पिगमेंटेशन को ठीक करते हैं ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपके पिगमेंटेशन का कारण क्या है।
यवाना एस्थेटिक क्लीनिक की फाउंडर और जानी मानी डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर माधुरी अग्रवाल ने अपने इंस्टाग्राम पर इस बारे में एक पोस्ट शेयर की है और डिटेल में अंडरआर्म्स की इस समस्या का कारण और इसे कम करने के तरीकों के बारे में बताया है।
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अंडरआर्म्स का रंग बदलने के कई कारण हो सकते हैं। ये भूरे, बैंगली, गहरे लाल, काले शेड्स में हो सकते हैं। किस कारण आपके अंडरआर्म्स का रंग बदला है वो ही अंडरआर्म्स के रंग को निर्धारित करेगा।
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डियोड्रेंट्स अल्कोहल बेस्ड होते हैं और इनमें कई तरह के केमिकल्स होते हैं। एकदम से सीधे बहुत पास अंडरआर्म्स में डियोड्रेंट्स लगाने से इनका रंग बदलने लगता है। ये धीरे-धीरे होता है, लेकिन फिर भी आपको विजिबल रिजल्ट्स दिखते हैं।
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बहुत ज्यादा शेविंग करना भी आपके अंडरआर्म्स के काले होने का कारण हो सकता है। अगर आप हर रोज़ या हर हफ्ते उन्हें एक्सफोलिएट करते हैं और शेव करते हैं और उनका ख्याल नहीं रखते तो स्किन इन्फ्लेमेशन हो सकता है।
ओबेसिटी स्किन पिगमेंटेशन का एक बड़ा कारण मानी जाती है। स्किन जहां से भी मुड़ने लगती है वहां से पिगमेंटेशन की समस्या होने लगती है। ये बिल्कुल वैसा ही है जैसा आपकी बिकनी लाइन में होता है। पीसीओएस, थायराइड, मोटापा सभी इसका कारण हो सकते हैं।
हेरेडिटी और हार्मोन का उतार-चढ़ाव भी इस समस्या का बड़ा कारण हो सकता है। ऐसे में अधिकतर अंडरआर्म्स का रंग गहरा होने लगता है।
आपके कपड़े बहुत ज्यादा टाइट हों या फिर उनमें बहुत पसीना आ रहा हो तो ये अंडरआर्म्स के काले होने का कारण बन सकता है। अंडरआर्म्स के काले होने के लिए पसीना और हाइजीन काफी हद तक जिम्मेदार होती है। अगर आपके पसीने में यूरिक एसिड की मात्रा ज्यादा है तो भी अंडरआर्म्स के कालेपन की समस्या महसूस होगी।
इनके अलावा, दवाओं या किसी ब्यूटी ट्रीटमेंट के साइड इफेक्ट के कारण भी ऐसा हो सकता है।
अब बात करते हैं उन होम रेमेडीज की जिनकी मदद से अंडरआर्म्स को ब्राइट किया जा सकता है। ध्यान रखें कि ये जेनेटिक और किसी बीमारी के कारण डार्क हुए अंडरआर्म्स पर काम नहीं करेगा।
डॉक्टर माधुरी के मुताबिक एलोवेरा एक तरह का नेचुरल सनस्क्रीन है जो स्किन के इन्फ्लेमेशन को कम करता है और आपके अंडरआर्म्स को लाइट करने में सहायक होता है।
ताज़ा एलोवेरा जेल को 15-20 मिनट के लिए अपने अंडरआर्म्स पर लगाएं और फिर सूखने के बाद इसे धो लें।
इसे हर दो दिन में एक बार जरूर करें ताकि जल्दी आपको असर दिखाई दे।
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आप अंडरआर्म्स की क्लींजिंग भी कर सकते हैं और ये तरीका अंडरआर्म्स की शेविंग के दौरान काफी मददगार साबित होगा। अगर आप शेविंग करते हैं तो ध्यान रखें कि अंडरआर्म्स की ड्राई शेविंग ना हो जिससे स्किन इरिटेशन बढ़ेगा।
शुरुआत अंडरआर्म्स की क्लींजिंग से करें। अच्छे से साफ करने के बाद ही शेविंग के बारे में सोचें।
ड्राई शेव हमेशा आपको परेशान कर सकता है इसलिए ये सब ना करें।
आप उन क्रीम्स की मदद ले सकते हैं जो इन्हें लाइट करने का काम करे, लेकिन इंग्रीडिएंट्स ध्यान से चुनें। हाइड्रोक्विनोन, नियासिनामाइड, रेटिनॉल, एजेलिक एसिड या कोजिक एसिड जैसे इंग्रीडिएंट्स चुनें।
इस तरह का इंग्रीडिएंट मिक्स आपके स्किन बैरियर को सपोर्ट करेगा। साथ ही स्किन का टेक्सचर भी सुधारेगा। ये स्किन टोन के लिए अच्छा होगा। ये आपके डार्क पार्ट्स को ब्राइट करने में मदद करेगा।
आप अपने अंडरआर्म्स के लिए आखिरी ट्रीटमेंट पील्स और डर्मेटोलॉजिकल ट्रीटमेंट्स होते हैं। ये डर्मेटोलॉजिस्ट की सलाह पर किए गए ट्रीटमेंट्स होते हैं जिन्हें क्लीनिक में किया जाता है। ये कम समय में ही अच्छे रिजल्ट दिखाने लगते हैं।
आप अपने अंडरआर्म्स के लिए किस तरह का ट्रीटमेंट चुनते हैं ये आप पर निर्भर करता है, लेकिन अगर आप इस समस्या से परेशान हैं तो एक बार एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें। घर पर केमिकल पीलिंग जैसा कुछ ट्राई करने से पहले भी आप डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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