बच्चे किसी की भी माता-पिता के लिए उनकी जान होते हैं। उनके अगर हल्का सा बुखार भी आता है, तो ऐसे में माता-पिता परेशान हो जाते हैं। अमूमन देखने में आता है कि जब बच्चा बीमार होता है तो पैरेंट्स उन्हें डॉक्टर के पास ले जाते हैं और बार-बार दवाइयां दिलवाते हैं। ऐसे में बच्चा ठीक तो हो जाता है, लेकिन कुछ दिन बाद वह फिर से बीमार पड़ने लगता है। अगर बच्चे के साथ बार-बार ऐसा होता है तो पैरेंट्स को यह समझ ही नहीं आता है कि ऐसा क्यों हो रहा है।
यह सच है कि खान-पान से लेकर अन्य कई चीजें बच्चे को बीमार कर देती हैं। लेकिन इसके अलावा, कभी-कभी घर का वास्तुदोष भी बच्चे की सेहत पर बुरा प्रभाव डालता है। जी हां, अगर बच्चा बार-बार बीमार पड़ता है तो इसके पीछे घर का वास्तुदोष भी जिम्मेदार हो सकता है। तो चलिए आज इस लेख में वास्तुशास्त्री डॉ. आनंद भारद्वाज आपको कुछ ऐसे ही वास्तुदोषों के बारे में बता रहे हैं, जिनका बुरा प्रभाव आपके बच्चे की सेहत पर पड़ सकता है-
उत्तर-पूर्व दिशा में शौचालय
अगर आपके घर में उत्तर-पूर्व दिशा में शौचालय बना हुआ है तो इसे वास्तु के अनुसार अच्छा नहीं माना जाता है। इससे घर के सदस्यों की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। विशेष तौर पर, ऐसे घर में बच्चे बार- बार बीमार पड़ते हैं। अगर आपके घर में इस दिशा में शौचालय है तो उसकी नकारात्मकता दूर करने के लिए तुरंत उपाय करें। आप उस शौचालय में कच्चा नमक या सी-सॉल्ट रख सकते हैं। अगर आपके पास सी-सॉल्टी नहीं है तो उसकी जगह फिटकरी का इस्तेमाल किया जा सकता है।
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पश्चिम दिशा में ना हो गंदगी
बच्चों के लिए पश्चिम दिशा विशेष रूप से लाभकारी मानी गई है, इसलिए अगर इस दिशा में किसी तरह की गंदगी या टूटा-फूटा और पुराना सामान होता है तो इससे बच्चे पर इसका बुरा असर पड़ता है। इस दिशा में बच्चे सोते हैं और इन पुराने व बेकार सामान के कारण बच्चों की सेहत बार-बार खराब हो सकती है। इसके अलावा, पूर्व दिशा बच्चों के करियर के लिहाज से महत्वपूर्ण है, इसलिए इस दिशा का भी आपको ख्याल रखना चाहिए। ध्यान दें कि इस दिशा में ऐसा कोई सामान ना रखा जाए, जिसे बुरी स्मेल आती हो।
लोहे का ना हो बेड
बच्चे का स्वास्थ्य हमेशा अच्छा रहे, इसके लिए आपको उनके बेड का भी ख्याल रखना चाहिए। कभी भी बच्चों के लिए लोहे के बेड का इस्तेमाल ना करें, इससे वे बार-बार बीमार रहने लगते हैं। बच्चों के लिए लकड़ी के बेड का इस्तेमाल करना सबसे अच्छा माना जाता है। इसके अलावा, कभी भी ब्लैक कलर की चादर उनके बेडरूम में इस्तेमाल ना करें। ब्लैक कलर उनकी एनर्जी को ड्रेन आउट करता है। आप उनके बेड पर किसी तरह के हिंसक पशु के डिजाइन की बेडशीट का इस्तेमाल करने से भी बचें।
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पश्चिम दिशा की दीवार पर हो तस्वीर
अक्सर हम बच्चों की तस्वीर को उनके कमरे में टांगते हैं या फिर उनकी अलग-अलग तस्वीरों का कोलार्ज बनाया जाता है और उसे कमरे में लगाया जाता है। अगर आप भी ऐसी ही तस्वीर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो कोशिश करें कि आप उसे कमरे की पश्चिम दिशा की दीवार पर हैंग करें। ऐसा करने से बच्चे के कमरे में सकारात्मकता आती है और उसकी सेहत पर भी अच्छा असर पड़ता है।
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Image Credit- freepik
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