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माथे पर बिंदी लगाने से जुड़ी ये 3 बातें बदल सकती हैं आपकी किस्मत, जरूर जानें ज्योतिष के नियम

माथे पर बिंदी लगाना न सिर्फ फैशन के लिए जरूरी माना जाता है, बल्कि इससे आपके जीवन में कई लाभ भी होते हैं। माथे के बीच में लगी बिंदी शरीर के सभी चक्रों की नियंत्रित करती है, जिससे ऊर्जा का प्रवाह सुचारू रूप से बना रहता है। आइए जानें बिंदी लगाने के सही नियमों के बारे में।
Editorial
Updated:- 2025-08-19, 21:49 IST

भारतीय संस्कृति और परंपराओं में बिंदी का महत्व केवल फैशन तक की सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई गहरे आध्यात्मिक और ज्योतिषीय रहस्य भी छिपे हुए हैं। मुख्य रूप से महिलाओं के लिए बिंदी मंगल और सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती है। प्राचीन काल से लेकर आज तक, बिंदी का चलन आस्था और शक्ति का भी प्रतीक माना जाता है। वैसे तो आजकल किसी भी उम्र की लड़कियां माथे पर बिंदी लगाती हैं और किसी भी रंग की बिंदी से खुद को सजाती हैं, लेकिन जब बात सुहागिन महिलाओं की होती है तो बिंदी को लेकर कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं जिनका पालन जरूरी माना जाता है। शास्त्र के अनुसार, बिंदी लगाने से ग्रह-नक्षत्रों का सकारात्मक प्रभाव जीवन में बढ़ता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। ऐसा कहा जाता है कि माथे पर बिंदी लगाने से मानसिक शांति मिलती है और आत्मविश्वास बढ़ता है। आइए एस्ट्रोलॉजर अमिता रावल से जानें कि शादीशुदा महिलाओं को बिंदी लगाने के लिए कौन से 3 नियमों का पालन करना चाहिए जिससे किसी तरह के नकारात्मक प्रभाव न हो सकें।

बिंदी हमेशा माथे के बीचो-बीच में लगाएं

ज्योतिष के अनुसार, हमारे माथे का बीच का स्थान 'आज्ञा चक्र' कहलाता है। इसे तीसरा नेत्र भी कहा जाता है। इस स्थान के शरीर के सातों चक्रों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

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जब कोई महिला इस स्थान पर बिंदी लगाती है तो उनकी ऊर्जा संतुलित रहती है और एकाग्रता बढ़ती है। यह स्थान चंद्रमा का केंद्र माना जाता है, इसलिए यहां बिंदी लगाने से मन की चंचलता कम होती है और स्थिरता बढ़ती है। वहीं अगर बिंदी सही जगह पर न लगाई जाए तो उसका आध्यात्मिक और ज्योतिषीय लाभ कम हो सकता है।

 

 

 

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सुहागिन स्त्रियों के लिए सबसे शुभ लाल रंग की बिंदी

बिंदी के कई रंग प्रचलित हैं, लेकिन मुख्य रूप से सुहागिन स्त्रियों के लिए ज्योतिष शास्त्र में लाल बिंदी को सबसे शुभ माना गया है। लाल रंग मंगल ग्रह का प्रतीक है और यह ऊर्जा, साहस और सौभाग्य का भी प्रतीक माना जाता है। सुहागिन स्त्रियों के लिए लाल बिंदी शुभता और पति की लंबी उम्र का प्रतीक मानी जाती है। यही कारण है कि हिंदू शादियों में भी दुल्हन को लाल या सिंदूरी रंग की बिंदी लगाई जाती है।

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बिंदी लगाते समय श्रीम मंत्र का जाप करें

बिंदी लगाने का असर और भी ज्यादा शुभ तब होता है जब इसे लगाते समय 'श्रीम मंत्र' का जाप किया जाए। श्रीम मंत्र को लक्ष्मी जी का बीज मंत्र भी माना जाता है। इस मंत्र के उच्चारण से घर में धन, ऐश्वर्य और समृद्धि का आगमन होता है। ज्योतिष में सलाह दी जाती है कि सुबह स्नान के बाद जब महिलाएं बिंदी लगाएं, उस समय मन ही मन 'ॐ श्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः' मंत्र का जाप करें। इससे बिंदी लगाने का शुभ प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है और घर की आर्थिक स्थिति भी अच्छी बनी रहती है।

यदि आप भी माथे को बिंदी से सजाती हैं तो यहां बताए गए नियमों का पालन करते हुए ही माथे पर बिंदी लगाएं। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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