(Vivah panchami 2023 dos and donts) हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन विवाह पंचमी का पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री राम और माता सीता का विवाह हुआ था, इसलिए इस तिथि का विशेष महत्व है। इस दौरान मंदिरों में पूजा-पाठ का आयोजन भी होता है। बता दें, इस साल विवाह पंचमी दिनांक 17 दिसंबर को मनाई जाएगी। कुछ लोग विवाह पंचमी के दिन को बेहद शुभ मानते हैं और इस दिन विवाह करते हैं, लेकिन विवाह पंचमी के दिन शादी करना अशुभ माना जाता है। अब ऐसे में इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
विवाह पंचमी के दिन करें ये काम (Vivah Panchami dos)
- विवाह पंचमी के दिन भगवान श्री राम और माता सीता के विवाह का अनुष्ठान करना बेहद शुभ माना जाता है।
- इस दिन माता सीता और भगवान श्री राम की तस्वीर की स्थापना करें और उन्हें माला चढ़ाएं। ॉ
- ऐसी मान्यता है कि इस दिन कुंवारी कन्याएं अगर 108 बार जानकी मंत्र का जाप करती हैं, उन्हें सुयोग वर की प्राप्ति होती है। इसलिए इस दिन 108 बार इस मंत्र का जाप जरूर करें।
- ऊँ जानकी वल्लभाय नमः
- विवाह पंचमी के दिन व्रत जरूर रखें। इससे आपको सभी मनोकामना पूर्ण हो जाएगी।
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विवाह पंचमी के दिन न करें ये काम (Vivah Panchami Donts)
- विवाह पंचमी के दिन मांगलिक कार्य (मांगलिक कार्य उपाय) करने से बचना चाहिए। इस दिन घर में गंदगी।
- विवाह पंचमी के दिन तामसिक भोजन करने से बचें।
- विवाह पंचमी के दिन किसी भी व्यक्ति को अपशब्द बोलने से बचना चाहिए।
- विवाह पंचमी के दिन झूठ नहीं बोलना चाहिए।
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विवाह पंचमी के दिन करें इन मंत्रों का जाप (Chant these Mantras on Vivah Panchami 2023)
विवाह पंचमी के दिन इन मंत्रों का जाप जरूर करें। इससे आपके जीवन में चल रही सभी परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है और आपको मनोकामना (मनोकामना पूर्ति उपाय) भी पूरी हो सकती है।
उद्भव स्थिति संहारकारिणीं हारिणीम् ।
सर्वश्रेयस्करीं सीतां नतोऽहं रामबल्लभाम् ।।
श्रीराम सांनिध्यवशां-ज्जगदानन्ददायिनी ।
उत्पत्ति स्थिति संहारकारिणीं सर्वदेहिनम् ।।
श्री जानकी रामाभ्यां नमः ।।
जय श्री सीता राम ।।
श्री सीताय नमः ।।
गायत्री मंत्र- ॐ जनकनंदिन्यै विद्महे, भुमिजायै धीमहि। तन्नो सीता: प्रचोदयात् ।।
भगवान श्री राम के इस मंत्र का जाप करें। (Lord Shri Ram Mantras)
आदौ राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम् ।
वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम् ।।
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम् ।
पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम् ।।
ॐ आपदामप हर्तारम दातारं सर्व सम्पदाम,
लोकाभिरामं श्री रामं भूयो भूयो नामाम्यहम।
श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे,
रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः।।
श्री राम जय राम जय जय राम। श्री रामचन्द्राय नमः ।
राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ।
सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने ।।
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Image Credit- Freepik
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