Somvati Amavasya 2023: कब है सोमवती अमावस्या? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

पंचांग के अनुसार, साल में कुल 12 अमवस्याएं पड़ती हैं। इन्हीं में से एक है सोमवती अमावस्या। सोमवती अमावस्या कार्तिक अमावस्या के अगले दिन पड़ने जा रही है।  

somvati amavasya  ki puja vidhi

Kab Hai Somvati Amavasya 2023: हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत महत्व माना जाता है। पंचांग के अनुसार, साल में कुल 12 अमवस्याएं पड़ती हैं। इन्हीं में से एक है सोमवती अमावस्या। सोमवती अमावस्या कार्तिक अमावस्या के अगले दिन पड़ने जा रही है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि कब है इस साल सोमवती अमावस्या। साथ ही, जानेंगे इसका शुभ मुहूर्त, पूज विधि और महत्व।

कब है सोमवती अमावस्या 2023? (Kab Hai Somvati Amavasya 2023)

सोमवती अमावस्या की तिथि का आरंभ 12 नवंबर, दिन रविवार को दोपहर 2 बजकर 44 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन 13 नवंबर, दिन सोमवार (सोमवार के उपाय) को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, इस साल सोमवती अमावस्या 13 नवंबर को पड़ेगी।

सोमवती अमावस्या 2023 शुभ मुहूर्त (Somvati Amavasya 2023 Shubh Muhurat)

सोमवती अमावस्या के दिन यानी कि 13 नवंबर को ब्रह्म मुहूर्त का समय सुबह 5 बजकर 56 मिनट से 5 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। ऐसे में ब्रह्म मुहूर्त के दौरान स्नान-दान करना उत्तम रहेगा। इसके अलावा इस दिन सौभाग्य, शोभन और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण भी हो रहा है।

somvati amavasya  ki puja

जहां एक ओर सौभग्य योग 13 नवंबर को दोपहर 3 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। वहीं, शोभन योग ब्रह्म मुहूर्त से लेकर अमावस्या तिथि समाप्त होने तक पड़ने वाला है। साथ ही, सर्वार्थ सिद्धि योग अमावस्या तिथि के अंत में यानी कि 14 नवंबर को सुबह 3 बजे से 7 बजे तक रहेगा।

सोमवती अमावस्या 2023 पूजा विधि (Somvati Amavasya 2023 Puja Vidhi)

सोमवती अमावस्या के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें। पवित्र नदी में स्नान कर सकते हैं तो यह और भी अच्छा रहेगा। फिर इसके बाद सूय देव (सूर्य देव की आरती) को अर्घ्य दें और सूर्य मंत्रों का जाप करें। फिर शिव जी की पूजा करें। शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। बेलपत्र, धतूरा, पुष्प आदि अर्पित करें।

शिव पूजा के बाद पीपल, तुलसी, वट, आंवला आदि पेड़ लगाएं और साथ ही, इन पेड़ों का पूजन भी करें। इनमें से किसी भी एक पेड़ की पूजा एवं परिक्रमा करें। सोमवती अमावस्या पर सप्तधान्य का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। इससे नव ग्रह शांत होते हैं और कृपा बरसाते हैं।

somvati amavasya  ki tithi

सोमवती अमावस्या पर दोपहर के समय जल में काला तिल, कुश, फूल डालकर पितरों के निमित्त तर्पण करें। साथ ही, पितरों के नाम से धोती, गमछा, बनियान आदि वस्त्रों का दान करें। सोमवती अमावस्या के दिन गजेंद्र मोक्ष और गीता का पाठ मुख्य रूप से करें। यह बहुत शुभ है।

यह भी पढ़ें:Tripindi Shradh on Sarva Pitru Amavasya 2023: क्यों किया जाता है त्रिपिंडी श्राद्ध, जानें क्या है महत्व

सोमवती अमावस्या 2023 महत्व (Somvati Amavasya 2023 Mahatva)

सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मितली है। साथ ही, पितरों के निमित्त दान करने से न सिर्फ पितृ दोष दूर होता है बल्कि पितृ प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद परिवार पर बरसाते हैं। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा भी होती है।

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते है कि कब पड़ रही है इस साल सोमवती अमावस्या और क्या है इसका शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: shutterstock

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP