घर को साफ-सुथरा रखने के साथ परदे से लेकर बिस्तर पर बिछाए जाने वाले बेड शीट का खास ध्यान रखते हैं। अब ऐसे में बहुत सारे लोग मन को शांत रखने वाला कलर अपने घर में इस्तेमाल करते हैं। साथ ही घर को व्यवस्थित और सुंदर दिखाने के लिए महिलाएं अक्सर कमरे की दीवार के कलर से मिलता हुआ या कंस्ट्रक्ट कलरके हिसाब से चादर और कर्टन का कलर भी चुनती है। हम सभी बहुत बार सुना और देखा भी होगा कि हमारे जीवन में रंगों के महत्व पर जोर देते हैं। रंग न सिर्फ हमारी आंखों को भाते बल्कि वे हमारी ऊर्जा, मन की स्थिति के साथ-साथ भाग्य पर भी गहरा प्रभाव डालते हैं। कई बार हम ऐसे महसूस करते हैं कि सफेद रंग का कपड़ा मुझे शांति देता है या फिर कोई अन्य रंग का कपड़ा पहनने पर गुस्सा ज्यादा आता है। ऐसी तमाम सारी चीजें, जो मन में आता है। जब बात घर की आती है, तो किस रंग का इस्तेमाल कहां करना है यह बहुत जरूरी हो जाता है।
अक्सर हम अपने घरों को सजाते समय अपने फेवरेट कलर को पहले रखते हैं। लेकिन कभी-कभी कुछ रंग, खासकर पीला रंग का गलत जगह इस्तेमाल हो जाए तो यह नकारात्मक परिणाम दे सकता है। चलिए इस लेख में पंडित उदित नारायण त्रिपाठी से जानते हैं कि आखिर पीले रंग का इस्तेमाल क्यों नहीं करना चाहिए-
पीले रंग का इस्तेमाल क्यों नहीं करना चाहिए?
घर में सोफा, बेड और तकिया पर हम सुंदर और चमक वाले रंग के कवर या चादर बिछाना पसंद करते हैं। अगर आप पीले रंग के कपड़े का इस्तेमाल करती हैं, तो बता दें कि ऐसा करना गलत है। ऐसा इसलिए क्योंकि पीत यानी पीतांबरी में ठाकुर जी का वास होता है। यह मान्यता है कि बृहस्पति और विष्णु जी का वास ऊंचे और पवित्र स्थानों पर होता है। ऐसे में जब इस रंग के कपड़ा, चादर पैरों से नहीं छूना चाहिए। ऐसा करने से न केवल बृहस्पति ग्रह कमजोर हो सकते हैं, बल्कि घर में अशुभता और नकारात्मक ऊर्जा का संचार भी हो सकता है। यह धन, मान-सम्मान और वैवाहिक जीवन पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसलिए घर में पीले रंग का प्रयोग शुभ स्थानों पर ही करना चाहिए और सोफा, बेड या तकियों पर इस्तेमाल करने से बचें।
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जमीन और बाथरूम में इस रंग का इस्तेमाल करने से क्या होता है?
पीला रंग गुरु बृहस्पति का प्रतीक करता है, जो ज्ञान, समृद्धि, धर्म और शुभता के कारक माने जाते हैं। यही कारण है कि पूजा-पाठ और शुभ कार्यों में पीले रंग का विशेष महत्व होता है। अब ऐसे में अगर आप इसे जमीन पर इस रंग के पायदान या मैट बिछाते हैं, तो इससे बृहस्पति ग्रह का अनादर माना जाता है। साथ ही इस रंग में सबसे ज्यादा पॉजिटिव एनर्जी नष्ट होती है और नकारात्मक शक्ति का प्रभाव बढ़ता है। बाथरूम और शौचालय घर के वे हिस्से होते हैं जहां जल का अत्यधिक उपयोग होता है और उन्हें नकारात्मक ऊर्जा या अशुद्धि का स्थान माना जाता है। ज्योतिष में बृहस्पति को पवित्रता और ज्ञान का कारक माना जाता है।
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