हिंदू धर्म में सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है, लेकिन इसी पावन मास में पड़ने वाली विनायक चतुर्थी का भी अपना विशेष महत्व है। यह तिथि भगवान गणेश को समर्पित है, और माना जाता है कि इस दिन गणेश जी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और विघ्न दूर होते हैं। भगवान गणेश को भगवान शिव और माता पार्वती का पुत्र माना जाता है। गणेश जी को 'विघ्नहर्ता' भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है सभी बाधाओं को दूर करने वाले। इस दिन व्रत रखने और गणेश जी की विधि-विधान से पूजा करने से व्यक्ति को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। अब ऐसे में सावन महीने में पड़ने वाली विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा किस विधि से करने से लाभ हो सकता है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
सावन विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए सामग्री
- भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र: पूजा के लिए भगवान गणेश की एक नई या साफ प्रतिमा/चित्र लें।
- पूजा की चौकी या आसन: भगवान गणेश को स्थापित करने के लिए एक साफ चौकी या पाटा।
- लाल कपड़ा: चौकी पर बिछाने के लिए लाल रंग का साफ कपड़ा, क्योंकि लाल रंग गणेश जी को प्रिय है।
- जल कलश: शुद्ध जल से भरा हुआ कलश।
- गंगाजल: यदि उपलब्ध हो तो शुद्धिकरण के लिए गंगाजल।
- दीपक और बाती: घी या तेल का दीपक जलाने के लिए।
- धूप और अगरबत्ती: वातावरण को सुगंधित करने के लिए।
- माचिस: दीपक और धूप जलाने के लिए।
- रोली या कुमकुम: तिलक लगाने के लिए।
- चंदन: गणेश जी को लगाने के लिए।
- अक्षत: अखंडित चावल, पूजा में उपयोग के लिए।
- पुष्प: लाल या पीले रंग के फूल, जैसे गुड़हल, गुलाब या गेंदा।
- दूर्वा घास: 21 दूर्वा की गांठें, गणेश जी को अति प्रिय हैं।
- जनेऊ: भगवान गणेश को अर्पित करने के लिए।
- कलावा या मोली: हाथ में बांधने और पूजा में उपयोग के लिए।
- फल: मौसमी फल, जैसे केला, अमरूद आदि।
- मिठाई: विशेष रूप से मोदक या लड्डू, जो गणेश जी को बहुत पसंद हैं।
- पंचामृत: दूध, दही, घी, शहद और चीनी का मिश्रण।
- सुपारी: पूजा में उपयोग के लिए।
- लौंग और इलायची: पूजा में अर्पित करने के लिए।
- इत्र या सुगंध: गणेश जी को अर्पित करने के लिए।
- नारियल: श्रीफल के रूप में अर्पित करने के लिए।
- पान के पत्ते: पूजा में उपयोग के लिए।
- दक्षिणा: अपनी श्रद्धा अनुसार।
सावन विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें। हाथ में थोड़ा जल और अक्षत लेकर व्रत का संकल्प लें कि आप भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए यह व्रत कर रहे हैं।
- एक स्वच्छ चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
- सबसे पहले भगवान गणेश को जल अर्पित करें।
- गणेश जी को रोली और चंदन का तिलक लगाएं।
- उन्हें लाल फूल, विशेषकर गुड़हल का फूल अर्पित करें। भगवान गणेश को दूर्वा अत्यंत प्रिय है, इसलिए 21 गांठ वाली दूर्वा की माला बनाकर उन्हें अर्पित करें।
- भगवान गणेश को नया वस्त्र और जनेऊ धारण कराएं।
- भगवान गणेश को मोदक या लड्डू विशेष रूप से पसंद हैं। इसके साथ ही फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची और नारियल भी अर्पित करें।
- शुद्ध घी का दीपक जलाएं और धूप जलाकर भगवान गणेश की आरती करें।
- पूजा के दौरान "ॐ गं गणपतये नमः" मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। आप गणेश चालीसा या गणेश स्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं।
- पूजा के अंत में भगवान गणेश की आरती करें। इसके बाद अपनी गलतियों के लिए क्षमा याचना करें और अपनी मनोकामनाएं व्यक्त करें।
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सावन विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश के मंत्रों का जाप
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा
- ॐ गं गणपतये नमः
- ॐ एकदंताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि। तन्नो दंती प्रचोदयात्॥
- ॐ गणाधिपाय नमः
- ॐ लम्बोदराय नमः
सावन विनायक चतुर्थी के उपाय
- गणेश जी को मोदक और लड्डू बहुत पसंद हैं। इस दिन मोदक या बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। मान्यता है कि इससे गणेश जी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी करते हैं। भोग लगाने के बाद इसे प्रसाद के रूप में स्वयं भी ग्रहण करें और दूसरों को भी बांटें।
- गणेश जी को सिंदूर का तिलक लगाना बहुत शुभ माना जाता है। सावन विनायक चतुर्थी पर गणेश जी की प्रतिमा को सिंदूर का तिलक लगाएं और स्वयं भी अपने माथे पर तिलक करें। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और बाधाएं दूर होती हैं।
- यदि आप आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो सावन विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी को गुड़ और घी का भोग लगाएं। इसके बाद इस भोग को गाय को खिला दें। माना जाता है कि ऐसा करने से धन आगमन के नए रास्ते खुलते हैं और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
- अपने घर या दुकान में गणेश यंत्र की स्थापना करना और नियमित रूप से उसकी पूजा करना बहुत शुभ होता है। सावन विनायक चतुर्थी के दिन इसकी स्थापना करना और भी फलदायी माना जाता है। यह यंत्र व्यापार में वृद्धि और घर में सुख-समृद्धि लाता है।
सावन विनायक चतुर्थी के दिन पूजा का महत्व
सावन विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है। इस दिन गणेश जी की पूजा करने से रिद्धि-सिद्धि, ज्ञान, और शुभता की प्राप्ति होती है। साथ ही, यह व्रत बाधाओं को दूर करने और कार्यक्षेत्र में सफलता दिलाने वाला माना गया है। जो लोग आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं, उन्हें इस दिन व्रत और पूजा करने से लाभ मिलता है। सावन का महीना भगवान शिव और माता पार्वती का महीना है, और गणेश जी उनके पुत्र हैं, इसलिए इस दिन उनकी पूजा करने से पूरे शिव परिवार का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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