नाग पंचमी का त्योहार हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है और उन्हें दूध पिलाया जाता है। यह व्रत सांपों के प्रति सम्मान और श्रद्धा व्यक्त करने का एक तरीका है, और साथ ही उनसे सुरक्षा और आशीर्वाद प्राप्त करने का भी है। कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण ने बचपन में कालिया नाग का मर्दन किया था और उसे यमुना नदी छोड़कर जाने पर विवश किया था।
इस घटना को नाग पंचमी के रूप में भी मनाया जाता है, जहाँ बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। एक अन्य कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान वासुकी नाग का प्रयोग रस्सी के रूप में किया गया था। नागों को भगवान शिव का आभूषण भी माना जाता है, जो उनके गले में लिपटे रहते हैं। अब ऐसे में इस साल नाग पंचमी का व्रत कब रखा जाएगा। पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है और महत्व क्या है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
नाग पंचमी का व्रत कब रखा जाएगा?
नाग पंचमी हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो नागों की पूजा को समर्पित है। यह पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल 2025 में नाग पंचमी का पर्व 29 जुलाई, मंगलवार को मनाया जाएगा। यह श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पड़ता है। बता दें, पंचमी तिथि का आरंभ 28 जुलाई 2025 की रात्रि 11 बजकर 25 मिनट पर होगा और इसका समापन 29 जुलाई 2025 की रात्रि 12 बजकर 47 मिनट पर होगा। चूंकि उदया तिथि में पंचमी 29 जुलाई को रहेगी, इसलिए इसी दिन नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा।
नाग पंचमी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
पूजा का शुभ मुहूर्त 29 जुलाई सुबह 5 बजकर 56 मिनट से प्रातः 8 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है, उन्हें नाग पंचमी के दिन विशेष पूजा अर्चना करने से इस दोष से मुक्ति मिलती है।
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नाग पंचमी के दिन पूजा का महत्व क्या है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है, उन्हें नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से इस दोष से मुक्ति मिल सकती है। यह दोष जीवन में कई बाधाएं उत्पन्न कर सकता है, और नाग पूजा इसे शांत करने में मदद करती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन नागों की पूजा करने से वे प्रसन्न होते हैं और भक्तों को धन, समृद्धि और संतान सुख का आशीर्वाद देते हैं। नागों को धन का रक्षक भी माना जाता है।
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