Pitru Paksha Jal Tarpan 2024: तर्पण के दौरान अंगूठे से ही पितरों को क्यों दिया जाता है जल?

पितृ पक्ष के दौरान पितरों का तर्पण करने से न सिर्फ उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है बल्कि अगर परिवार पर किसी प्रकार का कोई पितृ दोष है तो वह भी दूर हो जाता है।  
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तर्पण के दौरान पितरों को अंगूठे से ही क्यों अर्पित करते हैं जल?

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पितरों को अंगूठे से जल देने की परंपरा रामायण-महाभारत काल से शुरू हुई थी। श्री राम ने जब अपने पिता महाराज दशरथ का और पांडवों ने जब अपने परिजनों का तर्पण किया था तब उस समय उन्होंने पितरों को अंगूठे से जल दिया था।

अंगूठे से जल देने के पीछे का कारण शास्त्रों में वर्णित है। शास्त्र कहते हैं कि मनुष्य के शरीर का हर अंग किसी न किसी देवी-देवता या ग्रह के आधीन आता है। ठीक ऐसे ही व्यक्ति के हाथ के अंगूठे में पितरों का वास माना जाता है।

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इसी कारण से अंगूठे को पितृ तीर्थ कहते हैं। शास्त्रों के अनुसार, जब अंगूठे से जल अर्पित होता है, तब वह जल पितृ तीर्थ से होता हुआ पिंडों तक पहुंचता है। पिंडों पर जब वह जल गिरता है तभी उसके बाद पितरों को भोजन मिलता है।

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अगर अंगूठे से जल न गिराकर किसी अन्य उंगली से जल अर्पित किया जाता है तो पितरों तक न तो भोजन पहुंच पाता है और न ही उन्हें जल की प्राप्ति होती है। यहां तक कि पितरों को मोक्ष या मुक्ति भी नहीं मिल पाती है।

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर पितृ पक्ष के दौरान तर्पण करते समय पितरों को अंगूठे से ही क्यों जल दिया जाता है। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi

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