सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है, लेकिन यह भी माना जाता है कि इस दौरान मां लक्ष्मी की पूजा करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है। सावन में शिव और शक्ति दोनों की आराधना का महत्व है। अगर आप सावन के महीने में मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो इन नियमों का पालन करना आपके लिए बेहद शुभ हो सकता है।
आपको बता दें, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन के महीने में भगवान शिव के साथ-साथ माता पार्वती की पूजा का भी विधान है। माता पार्वती को आदिशक्ति का स्वरूप माना जाता है और मां लक्ष्मी उन्हीं का एक रूप हैं। इसलिए, सावन में शिव और शक्ति की एक साथ आराधना से घर में सुख-समृद्धि और धन का आगमन होता है। यह महीना भगवान शिव को अति प्रिय है, और जो भक्त इस महीने में शिव जी के साथ विष्णु प्रिया मां लक्ष्मी की उपासना करते हैं, उनके जीवन से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से मां लक्ष्मी की पूजा के नियम के बारे में जानते हैं।
सावन महीने में मां लक्ष्मी की पूजा करने के दौरान इन नियमों का करें पालन
पूजा से पहले स्वच्छता बेहद महत्वपूर्ण है। स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। घर में खासकर पूजा स्थान पर कहीं भी गंदगी न हो। माँ लक्ष्मी को स्वच्छता बहुत प्रिय है, इसलिए उनके आगमन के लिए घर को पवित्र और स्वच्छ रखना आवश्यक है।
माँ लक्ष्मी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का चुनाव करें। वैसे तो सावन का पूरा महीना ही पवित्र है, लेकिन शुक्रवार का दिन माँ लक्ष्मी को समर्पित है। सावन के शुक्रवार को पूजा करना अधिक फलदायी माना जाता है। प्रदोष काल या शाम के समय पूजा करना भी श्रेष्ठ माना जाता है।
माँ लक्ष्मी की पूजा में कुछ खास चीजें शामिल करना चाहिए। इनमें कमल का फूल, कमलगट्टा, कौड़ी, शंख, श्री यंत्र, लाल वस्त्र, बताशे, केसर, कमल गट्टा की माला और खीर प्रमुख हैं। ये सभी वस्तुएं माँ लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय हैं और इनकी उपस्थिति से पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है।
माँ लक्ष्मी की पूजा पूरे विधि-विधान से करें। सबसे पहले उनका आह्वान करें। उन्हें आसन पर विराजित करें, स्नान कराएं और वस्त्र अर्पित करें। धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करें। इसके बाद माँ लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें। "ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः" मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें। मंत्रों का जाप करते समय कमल गट्टे की माला का उपयोग करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
पूजा करते समय मन में धैर्य और श्रद्धा रखें। किसी भी प्रकार की जल्दबाजी न करें। शांत मन से और पूर्ण विश्वास के साथ पूजा करने से ही देवी प्रसन्न होती हैं।
माँ लक्ष्मी को भगवान विष्णु की प्रिया माना जाता है और तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। इसलिए माँ लक्ष्मी की पूजा में तुलसी दल का प्रयोग करें। हालांकि, माता लक्ष्मी को तुलसी सीधे अर्पित नहीं की जाती, लेकिन पूजा में तुलसी का जल या तुलसी के पास पूजा करने से शुभ फल मिलता है।
पूजा के बाद दान-पुण्य करना न भूलें। गरीब और जरूरतमंदों की सहायता करें। अपनी क्षमता अनुसार उन्हें भोजन, वस्त्र या धन का दान करें।
इसे जरूर पढ़ें - Maa Lakshmi Mantra: अच्छी सेहत के लिए करें मां लक्ष्मी के इस मूल मंत्र का जाप, अर्थ समेत जानें इसके लाभ
सावन में मां लक्ष्मी की पूजा का महत्व
सावन के शुक्रवार को मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और विधि-विधान से देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं. कमल का फूल, कौड़ी, शंख और बताशे मां लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय हैं। इन चीजों को अर्पित कर भक्त देवी को प्रसन्न कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि सावन में मां लक्ष्मी की पूजा करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है और व्यापार में तरक्की होती है।
इसे जरूर पढ़ें - लक्ष्मी जी के हैं ये 8 स्वरूप, जानें किसकी पूजा करने से क्या मिलता है फल
अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit- HerZindagi
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों