सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान की गई पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है। यह माना जाता है कि सावन में भोलेनाथ की पूजा करने से वे जल्द प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आरोग्य का वरदान देते हैं। यदि आप या आपके घर में कोई बीमारी से जूझ रहा है, तो दूध और चावल के कुछ सरल उपाय आपके लिए लाभकारी हो सकते हैं। ये उपाय न केवल ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनसे मन को शांति भी मिलती है। तो चलिए जानते हैं दूध और चावल के इन उपायों के बारे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से।
सावन में शिवलिंग पर दूध-चावल का अर्पण
सावन के किसी भी सोमवार को सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें। एक साफ तांबे या स्टील के लोटे में कच्चा दूध लें और उसमें थोड़े से साबुत चावल मिला लें।
अब इस मिश्रण को 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करते हुए धीरे-धीरे शिवलिंग पर अर्पित करें। अर्पित करते समय भगवान शिव से आरोग्य और स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करें। माना जाता है कि इस उपाय से बीमारियां दूर होती हैं और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
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सावन में चंद्रमा को अर्घ्य देना
दूध और चावल का संबंध चंद्रमा ग्रह से भी होता है, जो मन और स्वास्थ्य का कारक माना जाता है। सावन के किसी भी दिन, विशेषकर पूर्णिमा के दिन, रात में चंद्रमा को अर्घ्य दें।
एक पात्र में कच्चा दूध और थोड़े से चावल मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य दें और 'ॐ सों सोमाय नमः' मंत्र का जाप करें। यह उपाय मानसिक शांति प्रदान करता है, तनाव कम करता है और शारीरिक कष्टों को दूर करने में सहायक होता है।
सावन में खीर का भोग और वितरण
सावन में भगवान शिव को चावल की खीर का भोग लगाना बहुत शुभ माना जाता है। गाय के दूध से बनी खीर में थोड़ी सी चीनी और मेवे मिलाकर शिव मंदिर में अर्पित करें। भोग लगाने के बाद इस खीर को प्रसाद के रूप में स्वयं ग्रहण करें और परिवार के सदस्यों, विशेषकर बीमार व्यक्ति को भी खिलाएं।
इसके अलावा, गरीबों और जरूरतमंदों में भी इस खीर का वितरण करें। ऐसा करने से भगवान शिव और मां अन्नपूर्णा दोनों प्रसन्न होते हैं, जिससे घर में सुख-समृद्धि और आरोग्य का वास होता है।
सावन में दूध-चावल का दान
सावन में दूध और चावल का दान करना भी बहुत लाभकारी होता है। किसी भी सोमवार या अमावस्या के दिन, किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को कच्चा दूध और साबुत चावल दान करें।
आप किसी मंदिर में भी इन चीजों का दान कर सकते हैं। दान को महादान कहा गया है और ऐसा करने से ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है, जिससे रोगों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सकारात्मकता आती है।
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सावन में चावल के आटे का दीपक
सावन के सोमवार को या किसी भी दिन शाम के समय एक छोटा सा दीपक चावल के आटे से बनाएं। इस दीपक में गाय का घी डालकर जलाएं और इसे अपने घर के पूजा स्थान पर या तुलसी के पौधे के पास रखें। दीपक जलाते समय भगवान शिव से आरोग्य और सभी रोगों से मुक्ति की प्रार्थना करें। यह उपाय नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और सकारात्मकता का संचार कर रोगों से लड़ने की शक्ति देता है।
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