why is shani worshipped along with lord shiva in sawan

सावन में भगवान शिव के साथ क्यों होती है शनिदेव की पूजा?

सावन में भगवान शिव की पूजा के साथ ही अगर शनिदेव की पूजा भी की जाए तो इसके कई लाभ मिलते हैं। यहां तक कि शास्त्रों में तो सावन में शिवलिंग पूजन के साथ शनि पूजन करना अनिवार्य बताया गया है।  
Updated:- 2025-07-17, 12:20 IST

सावन मिज भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित है और इस माह में शिव जी की आराधना करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है, लेकिन ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि सावन में भगवान शिव की पूजा के साथ ही अगर शनिदेव की पूजा भी की जाए तो इसके कई लाभ मिलते हैं। यहां तक कि शास्त्रों में तो सावन में शिवलिंग पूजन के साथ शनि पूजन करना अनिवार्य बताया गया है।

सावन में शिव जी के साथ क्यों होती है शनिदेव की पूजा?

भगवान शिव और शनिदेव के बीच एक गहरा गुरु-शिष्य का संबंध है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव ने ही शनिदेव को 'न्याय के देवता' और 'कर्मफल दाता' का पद दिया था। इसका मतलब है कि शनिदेव मनुष्यों को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं और इस शक्ति का आधार उन्हें भगवान शिव से ही मिला है।

sawan mein bhagwan shiv ke sath kyu hoti hai shani dev ki puja

सावन का महीना भगवान शिव का पसंदीदा माह है और इस दौरान उनकी पूजा-अर्चना से वे अति प्रसन्न होते हैं। वहीं, जब भक्त सावन में भगवान शिव की आराधना करते हैं तो अपने गुरु के पूजन से शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं और उनके गुरु का सम्मान करने वाले भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। इसलिए, सावन में शिव शनि पूजन शुभ माना जाता है।

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शास्त्रों के अनुसार, पीपल के पेड़ के ऊपरी हिस्से में भगवान शिव का वास होता है, जबकि जड़ में शनिदेव का स्थान होता है। इसलिए, सावन के दौरान पीपल की पूजा करने से भी शिव और शनि दोनों की कृपा मिलती है। जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या महादशा चल रही होती है, उनके लिए सावन में शिव जी और शनिदेव की एक साथ पूजा करना अत्यंत लाभकारी होता है।

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इससे शनि के अशुभ प्रभाव कम होते हैं और जीवन में आ रही परेशानियां दूर होती हैं। जैसा कि शनिदेव कर्मों के अनुसार फल देते हैं सावन में उनकी पूजा से व्यक्ति को अपने अच्छे कर्मों का शुभ फल मिलता है और बुरे कर्मों के प्रभाव कम होते हैं। शनिदेव की कृपा से धन-संपत्ति से जुड़ी बाधाएं दूर होती हैं और आर्थिक स्थिति में सुधार आता है।

sawan mein shiv ji ke sath kyu hoti hai shani dev ki puja

व्यापार और नौकरी में उन्नति के अवसर मिलते हैं। शनि के प्रकोप से कई तरह की शारीरिक और मानसिक परेशानियां हो सकती हैं। सावन में शिव और शनिदेव की पूजा करने से रोगों से मुक्ति मिलती है और स्वास्थ्य बेहतर होता है। जीवन में चल रही समस्याओं और तनाव से मुक्ति मिलती है। पूजा से मन शांत होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

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शनिदेव और शिव जी दोनों की कृपा से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। सच्चे मन से की गई पूजा से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सावन में भगवान शिव के साथ शनिदेव की पूजा करना एक विशेष संयोग है जो भक्तों के लिए ढेर सारे लाभ लेकर आता है। यह गुरु-शिष्य के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है और जीवन में सुख-समृद्धि और शांति प्रदान करता है।

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image credit: herzindagi 

FAQ
सावन में शनिदेव को क्या अर्पित करें?
सावन में शनिदेव को अपराजिता अर्पित करना चाहिए।
सावन में शिवलिंग पर क्या नहीं चढ़ाएं?  
सावन में शिवलिंग पर तुलसी या हल्दी नहीं चढ़ानी चाहिए। 
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