
किसी भी अन्य पूर्णिमा तिथि की ही तरह मार्गशीर्ष पूर्णिमा का भी हिंदू धर्म शास्त्रों में विशेष महत्व है। मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मार्गशीर्ष पूर्णिमा कहा जाता है और इसके अगले दिन से पौष महीना आरंभ हो जाता। मान्यता यह भी है कि जग के पालनहार भगावन विष्णु के अवतार भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में अपना स्वरूप इसी महीने में बताया था। इन्हीं कारणों से मार्गशीर्ष पूर्णिमा को अत्यंत कल्याणकारी माना जाता है। इस दिन चंद्रमा की ऊर्जा भी सबसे ज्यादा होती है और यह कई कलाओं से युक्त होता है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी का पूजन भी फलदायी माना जाता है और यदि आप उन्हें प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष मंत्रों का जाप करती हैं, तो आपको शुभ माना जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी के कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना बहुत उत्तम माना जाता है और इस दिन मंत्रों के जाप से कल्याण होता है। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें उन मंत्रों के बारे में विस्तार से।
ऐसा माना जाता है कि यदि आप सही विधि से माता लक्ष्मी के कुछ विशेष मंत्रों का जाप करती हैं, तो आपके जीवन में सदैव सुख समृद्धि बनी रहती है और धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा नियम से करने और श्रद्धा पूर्वक माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करने से लक्ष्मी जी के साथ विष्णु जी का आशीर्वाद भी मिलता है। आइए जानें उन मंत्रों के बारे में।
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ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥
इस मंत्र के जाप से आपको किसी भी काम में लाभ होता है। अगर आप नौकरी की तलाश में हैं तो इस मंत्र का जाप करें।
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीदॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
इस मंत्र का अर्थ है कमल के आसन पर विराजमान महालक्ष्मी, हमें समृद्धि और सुख प्रदान करें। इसके जाप से जीवन में समृद्धि के योग बनते हैं।
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि,तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
इस मंत्र का मतलब है हम भगवान विष्णु की पत्नी, श्री महालक्ष्मी का ध्यान करते हैं। देवी लक्ष्मी हमें उच्च बुद्धि और समृद्धि प्रदान करें।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
इस मंत्र का अर्थ है कि माता लक्ष्मी की कृपा से हमारे घर में धन, सुख, सौभाग्य और समृद्धि आगमन हो।

ॐ लक्ष्मी नम:
हम माता लक्ष्मी को नमन करते हैं।
ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम:
इस मंत्र का अर्थ है 'मैं देवी लक्ष्मी और भगवान वासुदेव को नमन करता हूं।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
माता लक्ष्मी की कृपा से हमारे घर में धन, सुख, सौभाग्य और समृद्धि का आगमन हो।
ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:
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मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह दिन स्वयं श्रीहरि विष्णु और देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त करने का समय माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस पूर्णिमा तिथि पर किए गए मंत्र जाप और पूजन का फल कई गुना ज्यादा मिलता है। इस दिन माता लक्ष्मी के मंत्रों का उच्चारण और पाठ जीवन में धन, सौभाग्य और समृद्धि लाने वाला माना जाता है। माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करने से मन की अशांति दूर होती है और आत्मविश्वास भी बढ़ता है। इन मंत्रों के जाप से धन लाभ के योग भी बनते हैं।
अगर आप भी मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन यहां बताए मंत्रों का जाप करती हैं, तो आपके जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसे ही अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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