Jyestha Purnima 2025: ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन घर के इन स्थानों पर जलाएं सरसों तेल का दीपक, वास्तु दोष होगा दूर

हिंदू धर्म में ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है। वहीं वाास्तु शास्त्र के अनुसार, कुछ ऐसी दिशाएं हैं, जहां सरसो तेल जलाने का महत्व है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 
jyestha purnima 2025 lit mustard oil lamp in these places to get rid of vastu dosha

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति के समस्त पापों का नाश होता है और उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। यह दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस दिन इनकी पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और धन-धान्य की कमी नहीं होती है। इतनी ही नहीं, अगर किसी जातक की कुंडली में चंद्रदोष है तो इस दिन चंद्र देव की पूजा करने और उन्हें दूध से अर्घ्य देने से चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है और मानसिक शांति प्राप्त होती है। आपको बता दें, वास्तु शास्त्र के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन किन स्थानों पर सरसो तेल का दीपक जलाने से लाभ हो सकता है। इसके बारे में इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ के पास जलाएं सरसो तेल का दीपक

f1658a915ef5e825612263c10e7010f6_original

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। पीपल के पेड़ के पास दीपक जलाने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं और सुख और शांति का आशीर्वाद देते हैं। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि दोष से छुटकारा मिलता है। जिन लोगों पर शनि की साढ़े साती या ढैय्या चल रही होती है, उन्हें शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा और उसके नीचे दीपक जलाने की सलाह दी जाती है। इससे उत्तम परिणाम मिल सकते हैं।

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन रसोईघर में जलाएं सरसो तेल का दीपक

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन रसोईघर में सरसो तेल का दीपक जलाने से घर में मां अन्नपूर्णा का वास होता है और माता लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है। इसके अलावा अगर आपको बार-बार आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है तो ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन रसोईघर में दीपक जलाने से लाभ हो सकता है।

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन दक्षिण दिशा में जलाएं सरसो तेल का दीपक

3047960-deepak-11

दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा माना जाता है। इस दिन दक्षिण दिशा में सरसों के तेल का दीपक जलाने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। आप दक्षिण दिशा में शाम के समय ही दीपक जलाएं। इससे पितरों की कृपा घर-परिवार पर बनी रहती है।

इसे जरूर पढ़ें - Jyestha Month 2025: ज्येष्ठ माह में जरूर करें इन देवी-देवताओं की पूजा, बनी रहेगी कृपा

अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit- HerZindagi

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP