vat purnima vrat 2025 shubh muhurat

कब है ज्येष्ठ माह में वट पूर्णिमा व्रत? जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

वट पूर्णिमा का व्रत हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत खास माना जाता है। ऐसे में आइये जानते हैं कि इस साल कब रखा जाएगा वट पूर्णिमा का व्रत, क्या है वट पूर्णिमा व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व।  
Editorial
Updated:- 2025-06-07, 14:38 IST

वट पूर्णिमा का व्रत हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत खास माना जाता है। यह व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि की कामना के लिए रखा जाता है। वट पूर्णिम के दिन विवाहित महिलाएं बरगद के पेड़ यानी कि वट वृक्ष की पूजा करती हैं और उसकी परिक्रमा लगाती हैं। वट पूर्णिमा का व्रत वट अमावस्या व्रत के समान ही होता है, बस इसे महाराष्ट्र में ज्यादा मनाया जाता है। ऐसे में आइये जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से कि इस साल कब रखा जाएगा वट पूर्णिमा का व्रत, क्या है वट पूर्णिमा व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व।

वट पूर्णिमा व्रत 2025 कब है?

vat purnima vrat kab hai 2025

ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि का आरंभ 10 जून 2025, मंगलवार के दिन सुबह 11 बजकर 35 मिनट पर हो रहा है। इस तिथि का समापन अगले दिन 11 जून 2025, बुधवार के दिन दोपहर 1 बजकर 13 मिनट पर होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, व्रत और पूजा के लिए उदया तिथि का विशेष महत्व होता है। हालांकि, वट पूर्णिमा व्रत मुख्य रूप से पूर्णिमा तिथि के दिन ही रखा जाता है, इसलिए 10 जून 2025 को ही व्रत रखा जाएगा। 11 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा का स्नान-दान किया जाएगा।

यह भी पढ़ें: बुधवार के दिन करें इन 5 में से कोई 1 काम, परेशानियों से मिल सकता है छुटकारा

वट पूर्णिमा व्रत 2025 शुभ मुहूर्त

वट पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 2 मिनट से सुबह 4 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। इस समय स्नान आदि करके पूजा की प्रारंभिक तैयारी कर लेना अच्छा रहेगा। वहीं, वट पूर्णिमा की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 8 बजकर 52 मिनट से दोपहर 2 बजकर 5 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा, गोधुली मुहूर्त में पूजा का समय शाम 7 बजकर 18 मिनट से शाम 7 बजकर 38 मिनट तक है। जो लोग सुबह पूजा न कर पाएं वे लोग शाम के मुहूर्त में पूजा कर सकते हैं।

यह विडियो भी देखें

यह भी पढ़ें: Jyotish Upay: अशोक के पेड़ की पत्तियां घर में रखने से क्या होता है?

वट पूर्णिमा व्रत 2025 महत्व

3

वट पूर्णिमा का व्रत रखना पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बरगद के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास माना जाता है जिसकी पूजा से इन त्रिदेवों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जिससे सौभाग्य में वृद्धि होती है एवं घर में सुख-समृद्धि आती है। यह व्रत वैवाहिक जीवन में मौजूद नकारात्मकता को दूर करता है और दांपत्य जीवन में प्रेम एवं सौहार्द को बढ़ाता है। वट पूर्णिमा व्रत संतान प्राप्ति के लिए भी रखते हैं।

अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi 

FAQ
वट पूर्णिमा के दिन बरगद के पेड़ को क्या चढ़ाना चाहिए?
वट पूर्णिमा के दिन, बरगद के पेड़ को जल, अक्षत, सिंदूर, हल्दी, कुमकुम, फल, मिठाई और कच्चा सूत चढ़ाना चाहिए। 
Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।

;