Wedding Astro: विवाह के दौरान गठबंधन के समय कितनी गांठ बांधनी चाहिए?

वैवाहिक रीति-रिवाजों के अनुसार, लड़के की बहन द्वारा गठबंधन किया जाता है। गठबंधन के दौरान कितनी गांठें बांधनी चाहिए और ये गांठें किस बात का प्रतीक मानी जाती हैं। आइये जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
gathbandhan ke samay kitni gath bandhna shubh hai

एक विवाह कई रस्मों से बनकर संपन्न होता है। जहां एक ओर अलग-अलग प्रान्तों या स्थानों की अलग-अलग रस्में होती हैं, वहीं, दूसरी ओर कुछ रस्में हर जगह निभाई जाती हैं। ख़ास बात यह है कि हर रस्म का अपना एक महत्व भी शास्त्रों में वर्णित है। ठीक ऐसे ही एक रस्म है गठबंधन की जो कॉमन रस्म है लेकिन बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वैवाहिक रीति-रिवाजों के अनुसार, लड़के की बहन द्वारा गठबंधन किया जाता है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि गठबंधन के दौरान कितनी गांठें बांधनी चाहिए और ये गांठें किस बात का प्रतीक मानी जाती हैं।

गठबंधन के दौरान कितनी गांठ बांध सकते हैं?

विवाह के दौरान जब पंडित जी द्वारा गठबंधन के लिए दुल्हे की बहन को बुलाया जाता है, तब वर की बहन दूल्हे के पटके और दुल्हन की चुनरी को आपस में मिलाकर गांठ बांधती है जो अटूट एवं पवित्र बंधन को दर्शाता है।

how many knots we should tie in gathbandhan

शास्त्रों में बताया गया है कि गंठबंधन के दौरान मात्र 2 गांठें ही बांधनी चाहिए, दो से एक या दो से ज्यादा गांठ बांधने से नव वैवाहिक जीवन पर अशुभ प्रभाव पड़ता है। अब आइये बताते हैं इसके पीछे का तर्क क्या है।

यह भी पढ़ें:सिख धर्म की शादियों में क्यों लिए जाते हैं चार फेरे? क्या है इसके पीछे की वजह

गठबंधन में दो गांठें ही सिर्फ इसलिए बांधी जाती हैं क्योंकि यह दो गांठ उन दो मूलों का स्वरूप मानी जाती हैं जो वैवाहिक जीवन का आधार हैं: पहला असीमित-अपार प्रेम और दूसरा अखंड-अटूट विश्वास।

how many knots we should tie during gathbandhan

गठबंधन की पहली गांठ इस बात को दर्शाती है कि पति-पत्नी के बीच प्रेम का संबंधन अब मौलिक रूप से स्थापित हो चुका है और ऐसे में अब पति-पत्नी के जीवन में किसी तीसरे का कोई स्थान नहीं है।

वहीं, गठबंधन की दूसरी गांठ इस बात को दर्शाती है कि पति-पत्नी के बीच प्रेम को जीवन पर्यंत बनाए रखने वाली जो नीव है विश्वास की, वह स्थापित हो चुकी है और अब दोनों को एक दूसरे पर सकल विश्वास बनाए रखना है।

यह भी पढ़ें:Bihari Wedding Ritual: बिहारी शादी में क्यों की जाती है कोहरत भात की रस्म? जानें विवाह से पहले क्यों एक ही बार भोजन कर सकती है दुल्हन

इसके अलावा, गठबंधन के दौरान लगाई जाने वाली 2 गांठें शुक्र और मंगल ग्रह का प्रतीक भी मनाई जाती हैं क्योंकि दोनों ग्रह वैवाहिक सुख के कारक हैं। ये दो गांठें नव दंपत्ति पर दोनों ग्रहों की असीम कृपा को दर्शाती हैं।

how many knots should be tied during gathbandhan

अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP

FAQ

  • विवाह में सबसे पहले क्या रस्म होती है?

    विवाह में सबसे पहले तिलक की रस्म निभाई जाती है।
  • विवाह में सबसे पहले किसकी पूजा की जाती है?

    शादी-ब्याह के दौरान सबसे पहले गणेश जी की पूजा होती है।