Surya Grahan On Sawan Amavasya 2025: सावम माह में पड़ने वाली हरियाली अमावस्या का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। यह प्रकृति प्रेम, हरियाली और पितरों को समर्पित एक पवित्र दिन है। इस दिन पेड़ लगाने और पितरों का तर्पण करने की परंपरा है। इसी बीच खबर फैल रही है कि साल 2025 की हरियाली अमावस्या पर सूर्य ग्रहण लगने वाला है, जिससे कई लोगों के मन में भ्रम और चिंता पैदा हो गई है। दरअसल, अक्सर अमावस्या की तिथि पर लोगों के मन में ये सवाल जरूर आते हैं। खगोलीय घटनाओं को लेकर ऐसी अफवाहें अक्सर फैलती रहती हैं, जिससे लोग असमंजस में पड़ जाते हैं कि क्या यह सच है या नहीं। ग्रहण एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है, और इसका धार्मिक एवं ज्योतिषीय महत्व भी होता है, इसलिए इसकी सही जानकारी होना बहुत जरूरी है।
अगर आपके मन में भी यह सवाल है कि क्या सच में हरियाली अमावस्या 2025 पर सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है, और आप साल 2025 में पड़ने वाले सभी ग्रहणों की सही तिथि जानना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए ही है। हम आपको तथ्यों के आधार पर इस भ्रम को दूर करेंगे और साल 2025 में पड़ने वाले सूर्य ग्रहणों की सटीक जानकारी देंगे, ताकि आप किसी भी तरह की गलतफहमी से बच सकें। तो आइए, ज्योतिषाचार्य अरविंद त्रिपाठी से इस आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं।
क्या हरियाली अमावस्या 2025 पर सूर्य ग्रहण लग रहा है?
हरियाली अमावस्या का पर्व श्रावण मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है, जो प्रकृति और पितरों के पूजन का विशेष दिन है। ऐसी अफवाहें फैल रही हैं कि 2025 की हरियाली अमावस्या पर सूर्य ग्रहण लगने वाला है, लेकिन यह जानकारी पूरी तरह से गलत और भ्रामक है।
यह स्पष्ट है कि हरियाली अमावस्या यानी 26 जुलाई 2025 को कोई सूर्य ग्रहण नहीं लग रहा है। सभी भक्तों को बिना किसी चिंता के हरियाली अमावस्या का पर्व पूरे विधि-विधान और श्रद्धा के साथ मनाना चाहिए। ग्रहण संबंधी किसी भी जानकारी के लिए हमेशा पंचांग या खगोल विज्ञान के विश्वसनीय स्रोतों पर ही निर्भर रहना चाहिए।
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साल 2025 में दूसरा सूर्य ग्रहण कब लग रहा है?
पंचांग अनुसार, आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को साल 2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण लग रहा है। यह 21 सितंबर 2025 को लगेगा, जो कि रात 11 बजे से शुरू होकर देर रात 3 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। इस सूर्य ग्रहण को न्यूजीलैंड, फिजी, अंटार्कटिका और ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण भाग में देखा जा सकेगा, लेकिन भारत में ये ग्रहण दृश्मान नहीं है, जिस वजह से इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
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