क्या घर की छत पर मंदिर बनाना होता है सही? पंडित से जानें

भगवान की पूजा के लिए हम सभी अपने घर में पूजा स्थल, छोटा मंदिर या एक पूरे कमरे को पूजा घर बना देते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि क्या घर की छत पर मंदिर बनाना चाहिए। इस सवाल के जवाब को लेकर चलिए पंडित जी से जानते हैं।
Vastu for temple on roof

Home Temple Vastu Tips: भगवान के दर्शन और उनके दिव्य रूपों के दर्शन के लिए हम दुनिया भर में मौजूद मंदिरों के दर्शन करने के लिए जाते हैं। साथ ही घर में प्रभु का मंदिर बनवाते हैं ताकि श्रद्धा भाव और शांति से पूजा कर सकें। अब ऐसे में कई बार लोग अपने घर के बाहर खाली स्थान वा घर के पार्किंग एरिया में मंदिर बनवाते हैं। शहर में जगह कम होने के कारण या अपार्टमेंट होने के कारण, कई बार लोग बालकनी या छत पर पूजा स्थल बनाने के बारे में सोचते हैं। अब ऐसे में हम सभी के मन में कई प्रकार के सवाल आते हैं क्या घर की छत पर मंदिर बनाना वास्तु और धार्मिक दृष्टि से उचित होता है या नहीं। ईश्वर का घर यानी मंदिर बनवाने को लेकर शास्त्रों और वास्तु विज्ञान में कई महत्वपूर्ण नियम और दिशा-निर्देश दिए गए हैं, क्योंकि मंदिर पॉजीटिव एनर्जी का प्रतीक माना जाता है। विशेष रूप से मंदिर हमेशा एक पवित्र और शुद्ध स्थान पर बनाया जाना चाहिए, जो हर प्रकार की नकारात्मकता से मुक्त हो।

मंदिर निर्माण को लेकर के भूमि वर्गाकार या आयताकार होनी चाहिए और उसकी चारों दिशाएं समानांतर होनी चाहिए। चलिए पंडित उदित नारायण त्रिपाठी से जानते हैं कि क्या घर की छत पर मंदिर के निर्माण करना सही या गलत।

मंदिर के लिए कैसा स्थान और कौन सी दिशा चुनना चाहिए?

Home temple vastu tips

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में मंदिर के लिए ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा वाला स्थान शुभ माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिशा को देवताओं का निवास स्थान मानी जाती है। इससे घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही भूमि वर्गाकार या आयताकार होनी चाहिए और उसकी चारों दिशाएं समानांतर होनी चाहिए। मूर्तियों को हमेशा एक ऊंचे स्थान पर रखें, न कि सीधे फर्श पर। साथ ही मंदिर के चारों ओर पर्याप्त खाली जगह होनी चाहिए। प्रवेश द्वार पूर्व या ईशान कोण में रखें।

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घर की छत पर क्या मंदिर बनवाना चाहिए?

Can we make a pooja room in the terrace

घर की छत पर मंदिर बनवाना सही या गलत। इसे लेकर जब मैंने पंडित जी से बात की तब उन्होंने बताया कि वास्तु और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हमेशा उचित नहीं माना जाता है। छत पर मंदिर बनाने से कई बार उसके नीचे शौचालय, सीढ़ी, कूड़ेदान, शू-रैक या अन्य अशुद्ध स्थान आ सकते हैं, जो वास्तु दोष उत्पन्न करते हैं। साथ ही, मंदिर को हमेशा एक स्थिर और शांत जगह पर होना चाहिए, जबकि छत पर मौसम के सीधे प्रभाव का असर पड़ता है। इससे मूर्तियों और पूजा सामग्री को भी नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए, पंडितों की सलाह है कि जहां तक संभव हो मंदिर को घर के अंदर, ईशान कोण में एक शांत और स्वच्छ स्थान पर बनावाना चाहिए।

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Image Credit- freepik

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