हरियाली अमावस्या के दिन इन स्थानों पर जलाएं दीपक, पितृ होंगे प्रसन्न और कष्ट-परेशानियों से भी मिलेगा छुटकारा

हरियाली अमावस्या पर पितरों को प्रसन्न करने और कष्ट मुक्ति के लिए कुछ स्थान पर दीपक जलाना बेहद शुभ माना जाता है। इसके लिए पीपल के पेड़, शिव मंदिर और घर के ईशान कोण के अलावा और भी कई जगहें हैं, जहां पर दीप प्रज्जवलित करने से घर में सुख-शांति आती है। ये उपाय पितृ दोष दूर करते हैं, सुख-समृद्धि लाते हैं और सभी बाधाओं से छुटकारा दिलाते हैं।
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सावन माह में पड़ने वाली हरियाली अमावस्या का हिंदू धर्म में अत्यंत विशेष महत्व है। यह प्रकृति प्रेम और हरियाली का पर्व तो है ही, साथ में यह दिन पितरों को प्रसन्न करने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भी उत्तम अवसर माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित होती है और इस दिन किए गए श्राद्ध, तर्पण और दान से पितृ तृप्त होते हैं। ऐसा माना जाता है कि यदि पितृ प्रसन्न होते हैं, तो वे अपने वंशजों को सुख, समृद्धि, शांति और सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति का आशीर्वाद देते हैं, लेकिन कई बार लोग नहीं जानते कि पितरों को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए हरियाली अमावस्या पर कौन से विशेष कार्य करने चाहिए।

अगर आप भी हरियाली अमावस्या के इस पावन अवसर पर अपने पितरों को प्रसन्न करना चाहती हैं और जीवन में आ रही कष्टों और परेशानियों से छुटकारा पाना चाहती हैं, तो यह लेख आपके लिए ही है। यहां हम आपको कुछ ऐसे विशेष स्थानों के बारे में बताएंगे जहां पर हरियाली अमावस्या के दिन दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इन स्थानों पर दीपक जलाने से पितृ प्रसन्न होते हैं और आपको उनका आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। इससे आपके जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि का मार्ग खुलता है। आइए,. ज्योतिषाचार्य से उन खास स्थानों के बारे में जान लेते हैं।

हरियाली अमावस्या पर इन स्थानों पर जलाएं दीपक

हरियाली अमावस्या का दिन पितरों के तर्पण और पूजन के लिए बेहद खास माना जाता है। इस दिन कुछ विशेष स्थानों पर दीपक जलाने से पितृ प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद देते हैं, जिससे घर में सुख-समृद्धि आती है और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं। पंडित जी के अनुसार, हरियाली अमावस्या पर इन 5 स्थानों पर दीपक जरूर जलाना चाहिए।

Hariyali Amavasya ke upay

पीपल के पेड़ के नीचे

महत्व: पीपल के पेड़ को देव वृक्ष माना जाता है, जिसमें त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु, महेश का वास होता है। पितरों का भी वास पीपल के पेड़ में माना जाता है। अमावस्या के दिन पीपल की पूजा और उसके नीचे दीपक जलाने से पितृ शांत होते हैं और उनकी आत्माओं को शांति मिलती है। हरियाली अमावस्या की शाम को, स्नान के बाद एक शुद्ध देसी घी का दीपक लें। इसे पीपल के पेड़ के नीचे रखें और प्रज्वलित करें। दीपक जलाते समय अपने पितरों को याद करें और उनकी शांति के लिए प्रार्थना करें।

शिव मंदिर में दीपक जलाएं

सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है, और हरियाली अमावस्या भी इसी माह में आती है। शिवजी को पितरों का अधिपति माना जाता है। शिव मंदिर में दीपक जलाने से भगवान शिव और पितृ दोनों प्रसन्न होते हैं। हरियाली अमावस्या के दिन शिव मंदिर जाएं। शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और उसके बाद मंदिर में एक दीपक प्रज्वलित करें। यह दीपक पितृ दोष से मुक्ति और कष्टों को दूर करने में सहायक होता है।

घर के ईशान कोण में दीपक जलाएं

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) देवताओं और सकारात्मक ऊर्जा का स्थान होता है। पितृ भी इस दिशा से संबंध रखते हैं। इस स्थान पर दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और पितृ दोष शांत होता है। हरियाली अमावस्या की शाम को, अपने घर के ईशान कोण को साफ़ करें। वहाँ एक देसी घी का दीपक जलाएं और उसे रात भर जलने दें।

तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाएं

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तुलसी को अत्यंत पवित्र और पूजनीय माना जाता है। यह भगवान विष्णु को प्रिय है और इसे मोक्षदायिनी भी कहा जाता है। तुलसी के पास दीपक जलाने से सकारात्मकता आती है और पितृ आशीर्वाद देते हैं। हरियाली अमावस्या की शाम को तुलसी के पौधे के पास एक दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय अपनी मनोकामनाएं बोलें और पितरों से सुख-शांति का आशीर्वाद मांगें।

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घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं

महत्व: घर का मुख्य द्वार वह स्थान है, जहां से सकारात्मक ऊर्जा और देवी-देवता घर में प्रवेश करते हैं। अमावस्या की शाम को मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और पितृ घर में सुख-समृद्धि लेकर प्रवेश करते हैं। हरियाली अमावस्या की शाम को अपने घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर या बीच में एक दीपक जलाएं। यह दीपक बाहर की ओर मुंह करके जलना चाहिए।

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Image credit- Freepik


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