Gangaur Puja Kab Hai 2024: कब है गणगौर पूजा, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी कि आज गणगौर पूजा है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। 

gangaur puja  date shubh muhurat And Significance ()

(Gangaur puja 2024 date shubh muhurat and significance) हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी कि आज गणगौर पूजा की जाती है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और पूजा-पाठ करती हैं। इस व्रत और पूजा को पति के बिना बताए किया जाता है। इस दिन अविवाहित महिलाएं भी व्रत रख सकती हैं, ताकि उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिल सके। वहीं इस साल गणगौर पूजा के दिन 3 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि गणगौर पूजा कब है, शुभ मुहूर्त क्या है और महत्व क्या है?

कब है गणगौर पूजा 2024?

Gangaur Puja

पंचांग के अनुसार इस साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि दिनांक 10 अप्रैल को शाम 05 बजकर 32 मिनट से शुरु होगा और इसका समापन दिनांक 11 अप्रैल को दोपहर 03 बजकर 03 मिनट पर होगा। इसलिए उदया तिथि के आधार पर इस साल गणगौर पूजा 11 अप्रैल गुरुवार के दिन किया जाएगा।

गणगौर पूजा के दिन बनेंगे 3 शुभ योग

  • गणगौर पूजा के दिन रवि योग, प्रीति योग और आयुष्मान योग बना है।
  • रवि योग 11 अप्रैल को सुबह 06 बजे से लेकर अगले दिन रात 01:38 तक है।
  • प्रीति योग 11 अप्रैल को सुबह 07:19 तक है।
  • आयुष्मान योग 12 अप्रैल को सुबह 04 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।

इसे जरूर पढ़ें - Gangaur Puja 2024 : गणगौर पूजा के दिन अखंड सौभाग्य के लिए क्या करें और किन चीजों से बचें ?

गणगौर पूजा 2024 शुभ चौघड़िया मुहूर्त क्या है?

  • चर-सामान्य- सुबह 06:06 मिनट से लेकर सुबह 07:41 मिनट तक है।
  • लाभ-उन्नति - सुबह 07:41 मिनट से लेकर 09:15 मिनट तक है।
  • अमृत-सर्वोत्तम - सुबह 09:15 मिनट से लेकर 10:49 तक है।
  • शुभ-उत्तम - दोपहर 12:24 मिनट से लेकर 01:58 तक है।
  • चर-सामान्य - दोपहर 05:07 मिनट से लेकर 06:41 तक है।

इसे जरूर पढ़ें - विवाह में आ रही हैं अड़चनें तो मां पार्वती के इन मंत्रों का करें जाप, जल्द ही मिलेगा अच्छा वर

गणगौर पूजा का क्या है महत्व?

   gangaur puja vrat n

गणगौर का संबंध भगवान शिव और माता पार्वती से है। गण यानी कि भगवान शिव और गौर का अर्थ गौरी है। इसलिए इस दिन दोनों की विधिवत पूजा करने का विधान है। शिव और गौरी की पूजा करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य और सुखी दांपत्य जीवन का आशीर्वाद मिलता है।

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Image Credit- google

आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP