Maa Katyayani Vrat Katha 2024 : चैत्र नवरात्रि के छठे दिन पढ़ें मां कात्यायनी की कथा और करें इन मंत्रों का जाप

Chaitra Navratri 2024 Maa Katyayani Vrat Katha & Mantra: चैत्र नवरात्रि का छठवां दिन मां कात्यायनी को समर्पित है। इस दिन व्रत रखने वाले जातकों को कथा अवश्य सुननी चाहिए। इससे शुभ परिणाम मिल सकते हैं। 

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(Maa Katyayani Vrat Katha 2024) हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि का छठवां दिन मां कात्यायनी को समर्पित है। इस दिन इनकी विधिवत पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति की सभी परेशानियां दूर हो सकती है। बता दें, दिनांक 14 अप्रैल को मां कात्यायनी की पूजा करना शुभ फलदायी माना जाता है। मां कात्यायनी स्वरूप में शेर पर सवार, सिर पर मुकूट धारण किए विराजित हैं। माता की चार भुजाएं हैं। ऐसा माना जाता है कि इनकी विधिवत पूजा-अर्चना करने से जातक के विवाह में आ रही समस्याएं दूर हो जाती है। अब ऐसे में अगर आप नवरात्रि के छठे दिन व्रत रख रहें हैं, तो कथा सुनना महत्वपूर्ण है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

नवरात्रि के छठे दिन पढ़ें मां कात्यायनी की व्रत कथा

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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कात्य गोत्र में एक प्रसिद्ध महर्षि थे। जिनका नाम कात्यायन था। उनकी पुत्री नहीं थी। महर्षि ने पुत्री प्राप्ति के लिए भगवती जगदम्बा की उपासना और कठिन तपस्या भी की। महर्षि की कठिन तपस्या करने के बाद मां जगदम्बा प्रसन्न हुईं और उन्होंने महर्षि को आशीर्वाद दिया। पश्चात माता की कृपा से कात्यायन ऋषि के यहां एक पुत्री ने जन्म लिया। यही देवी मां कात्यायनी के नाम से विख्यात हुई। ऐसा कहा जाता है कि महर्षि कात्यायन के यहां पुत्री के रूप में जन्म लेने वाली मां कात्यायनी बेहद गुणवती कन्या थी। इनकी जैसी गुणवान, रूपवती और ज्ञानवान कन्या पूरे संसार में कहीं नहीं थीं।

मां कात्यायनी के इन मंत्रों का करें जाप

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मां कात्यायनी की पूजा-पाठ करने के दौरान इन मंत्रों का विशेष रूप से जाप करें। इससे शुभ परिणाम मिल सकते हैं।

  • 'ॐ ह्रीं नम:।।'
  • चन्द्रहासोज्जवलकराशार्दुलवरवाहना।
  • कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।।
  • ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥
  • कात्यायनी महामाये , महायोगिन्यधीश्वरी।
  • नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।
  • या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥ वन्दे वाञ्छित मनोरथार्थ चन्द्रार्धकृतशेखराम्। सिंहारूढा चतुर्भुजा कात्यायनी यशस्विनीम्॥
  • ''ॐ सृष्टिकर्ता मम विवाह कुरु कुरु स्वाहा''
  • 'ॐ क्लीं कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि। नंद गोप सुतं देवि पतिं में कुरुते नमः क्लीं ॐ'।

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  • कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।। ॐ देवी कात्यायन्यै नमः

नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पावन कथा पढ़े और उनके मंत्रों का जाप करें। इसके अलावा अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Image Credit- herzindagi

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