(diwali) भारत में दीपावली का त्योहार बहुत ही धूमधाम के साथ मनाने की परंपरा है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, दीपावली के दिन भगवान राम और माता सीता रावण को परास्त कर अयोध्या वापस लोटे थे। इसलिए भगवान श्रीराम के अयोध्या आने की खुशी में पूरे अयोध्यावासी हजारों दिए जलाते हैं और उनका स्वागत करते हैं। वहीं दिवाली का त्योहार ज्योतिष दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
दीपावली के दिन मां लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश और कुबेर देवता की भी मुख्य रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। अब ऐसे में दीपावली का शुभ मुहूर्त और इस दिन का महत्व क्या है । इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
दीपावली का शुभ और पवित्र त्योहार दिनांक 12 नवंबर दिन रविवार को मनाया जाएगा। यह भारत में कुल 5 दिनों तक मनाया जाने वाला त्योहार है। जिसकी शुरुआत धनतेरस यानी कि दिनांक 10 नवंबर से शुरू होकर दिनांक 15 नवंबर को भाई दूज के साथ इसकी समाप्ति होगी।
इसे जरूर पढ़ें - Dhanteras Puja Muhurat 2023: इस साल कब है धनतेरस? जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व
दीवाली का शुभ मुहूर्त रविवार (रविवार मंत्र) दिनांक 12 नवंबर को पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। यह भारत का सबसे बड़ा त्योहार है। इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देवता की पूजा विशेष की जाती है।
वहीं दिनांक 11 नवंबर को नरक चतुर्दशी भी मनाई जाएगी। जिसे आम भाषा में छोटी दीवाली के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान गणेश, माता लक्ष्मी (मां लक्ष्मी मंत्र) और कुबेर देवता को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के अनुष्ठान किए जाते हैं। इस दिन सोना-चांदी और अन्य वस्तु खरदीने से सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति हो सकती है।
यह विडियो भी देखें
इसे जरूर पढ़ें - Dhanteras Puja Vidhi 2023: धनतेरस के दिन करें इस पूजा विधि और मंत्रों से कुबेर देव-मां लक्ष्मी को प्रसन्न
वहीं दिवाली की अमावस्या तिथि दिनांक 12 नवंबर दिन रविवार को दोपहर 02 बजकर 45 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन दिनांक 13 नवंबर को 02 बजकर 57 मिनट पर होगा।
इस दिन पूजा का शुभ समय शाम 05 बजकर 39 से लेकर रात 08 बजकर 16 मिनट तक है।
सनातन धर्म में रोशनी का त्योहार दिवाली का बेहद विशेष महत्व है। यह हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। इस पर्व की मान्यता धार्मिक, पौराणिक और ऐतिहासिक है।
दीपावली का यह त्योहार भगवान श्रीराम के लंकापति रावण पर विजय हासिल कर और चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। इस दिन जब भगवान श्रीराम माता सीता और अनुज भाई लक्ष्मण सहित जब अयोध्या वापस लौटे थे।
जब अयोध्यावासियों ने घर-घर दीप जलाकर खुशियां मनाई थीं। इसलिए दिवाली के इस शुभ पर्व में घर-घर में दीये जलाएं जाते हैं और खुशियां मनाई जाती है।
इस लेख में दिवाली की शुभ तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में जानें और अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit - Freepik
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।