किसी भी महिला के लिए प्री-मेनोपॉज़ पीरियड से गुजरना किसी रोलरकोस्टर से कम नहीं होता है। इस दौरान महिलाओं के मूड स्विंग्स बहुत अधिक होते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि हार्मोनल उतार-चढ़ाव बहुत अधिक होता है। हो सकता है कि आप कभी बहुत अधिक खुश हो और कभी बेवजह उदास महसूस करें।
बार-बार होने वाले मूड स्विंग्स की वजह से महिला के लिए खुद को मैनेज कर पाना काफी मुश्किल होता है। हो सकता है कि आप भी इस दौर से गुजर रही हों और इसलिए आपको बहुत अधिक परेशानी हो रही हो। तो अब आपको चिंतित होने की जरूरत नहीं है। दरअसल, ऐसी कई चीजें हैं, जो प्री-मेनोपॉज पीरियड में आपके मूड स्विंग्स को मैनेज करने में मददगार साबित हो सकती है।
अगर आप अपनी डाइट में छोटे-छोटे चेंज करती हैं और कुछ फूड आइटम्स को अपनी डाइट में शामिल करती हैं तो इससे आप काफी हद तक मूड स्विंग्स को मैनेज कर सकती हैं। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको बता रही हैं कि प्री-मेनोपॉज पीरियड में मूड स्विंग्स को हैंडल करने के लिए आप किन टिप्स को अपना सकती हैं-
ओमेगा-3 फैटी एसिड को करें शामिल
प्री-मेनोपॉज के दौरान मूड स्विंग्स को मैनेज करने के लिए आपको ओमेगा-3 फैटी एसिड को अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। ओमेगा-3 को मस्तिष्क के स्वास्थ्य का समर्थन करता है, जिससे मूड्स को मैनेज करना आसान हो सकता है। वे न्यूरोट्रांसमीटर फ़ंक्शन में भी सुधार करते हैं, जिससे तनाव व चिंता आदि को कम करने में मदद मिलती है। बेहतर होगा कि आप अपनी डाइट में साल्मन, अलसी के बीज, अखरोट और चिया सीड्स आदि को शामिल करें।
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प्रोटीन को ना करें मिस
बढ़ती उम्र में प्रोटीन इनटेक पर अतिरिक्त ध्यान देने की जरूरत होती है। हालांकि, यह प्री-मेनोपॉज के दौरान और भी ज्यादा जरूरी है। दअरअसल, प्रोटीन ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे पूरा दिन आपका एनर्जी लेवल स्टेबल रहता है और आपको चिड़चिड़ापन व मूड स्विंग की शिकायत कम होती है। इतना ही नहीं, प्रोटीन डोपामाइन और सेरोटोनिन के उत्पादन को भी सपोर्ट करता है, जिससे आपको काफी अच्छा फील होता है। इसलिए, आप अपने हर मील में अंडे, टोफू, मछली, चिकन या बीन्स जैसे लीन प्रोटीन शामिल करें।
फाइबर रिच फूड्स पर करें फोकस
फाइबर रिच फूड्स ना केवल आपको लंबे समय तक फुलर फील करवाते हैं, बल्कि ये आपके ब्लडस्ट्रीम में शुगर रिलीज को कम करते हैं। जिससे आपका ब्लड शुगर लेवल अधिक स्टेबल रहता है। साथ ही साथ, इससे स्पाइक्स के कारण होने वाले मूड स्विंग को रोकने में मदद मिलती है। इसके लिए आप अपनी डाइट में साबुत अनाज, फल, सब्जियां आदि का सेवन करें।
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इन बातों का भी रखें ध्यान
प्री-मेनोपॉज पीरियड में मूड स्विंग्स को मैनेज करने के लिए आपको कुछ अन्य छोटी-छोटी बातों का भी ख्याल रखना चाहिए। मसलन-
खुद को एक्टिव रखने की कोशिश करें और एक्सरसाइज को अपने डेली रूटीन का हिस्सा बनाएं।
अपनी नींद के साथ किसी तरह का समझौता ना करें। रात में कम से कम 7-8 घंटे की क्वालिटी स्लीप लें।
अगर जरूरत महसूस हो तो आप डॉक्टर की सलाह पर कुछ सप्लीमेंट्स भी ले सकती हैं।
खुद को रिलैक्स करने के लिए योगासन, प्राणायाम या डीप ब्रीदिंग आदि की प्रैक्टिस की जा सकती है।
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Image Credit- freepik
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