शुगर क्रेविंग्स से हैं परेशान? इस 1 आदत से होगी कंट्रोल

मीठा खाने की क्रेविंग्स ज्यादा होने के पीछे शरीर में कुछ न्यूट्रिशन्स की कमी हो सकती है। इसे कंट्रोल करने के लिए आपको अपनी आदत में 1 छोटा सा बदलाव करना है।

how can i satisfy my sweet tooth without sugar

अगर आपको वक्त-बेवक्त मीठा खाने की इच्छा होती है, और इसे कंट्रोल करना कई बार आपके बस में भी नहीं होता है, तो इसे शुगर क्रेविंग कहा जाता है। शुगर क्रेविंग्स के चलते आपको वजन कम करने में भी मुश्किल हो सकती है। ज्यादा शुगर आने से शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस हो सकता है। इससे आंतों की सेहत पर भी असर पड़ सकता है। मीठा खाने की क्रेविंग्स ज्यादा होने के पीछे शरीर में कुछ न्यूट्रिशन्स की कमी हो सकती है। इसे कंट्रोल करने के लिए कुछ फूड आइटम्स को भी डाइट में शामिल करने की सलाह दी जाती है। वहीं, अपनी आदत में 1 छोटा सा बदलाव करके भी आप शुगर क्रेविंग्स को कंट्रोल कर सकते हैं। यह जानकारी, डाइटिशियन मनप्रीत दे रही हैं। मनप्रीत ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स किया है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं।

शुगर क्रेविंग्स के कारण

simple solution to control sugar cravings

शुगर क्रेविंग्स कई वजहों से हो सकती हैं। शरीर में मैग्नीशियम की कमी, खान-पान की गलत आदतों और डिहाइड्रेशन के कारण भी ऐसा हो सकता है। वहीं, कुछ महिलाओं को पीरियड्स शुरू होने से पहले या इसके दौरान शुगर क्रेविंग्स होती हैं। इस समय में महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन्स के लेवल में बदलाव होता है। इन दोनों हार्मोन्स के कारण बॉडी में शुगर लेवल कम होने लगता है, जिससे शरीर में स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल का लेवल बढ़ जाता है। इससे मूड खराब और सुस्त होता है, जिससे मीठा खाने की क्रेविंग होती है।

शुगर क्रेविंग्स को कैसे कंट्रोल करें?

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क्रेविंग्स को कंट्रोल करने के लिए टंग स्क्रैपिंग की मदद ली जा सकती है। टंग स्क्रैपिंग यानी जीभ की सफाई सिर्फ ओरल हाइजीन के लिए अच्छी नहीं है, बल्कि इससे और भी कई फायदे हैं। हम जब भी कुछ खाते हैं, उसका स्वाद कुछ देर तक हमारी जीभ पर रहता है। अगर आप टंग स्क्रैपिंग करते हैं, तो इससे मुंह में मौजूद फ्लेवर्स हट जाते हैं और बार-बार क्रेविंग्स नहीं होती हैं। स्क्रैपिंग से जीभ की सतह साफ होती है। इससे मीठे, कार्ब्स और अन्य चीजों के लिए होने वाली क्रेविंग्स कम होती हैं। इससे जीभ पर मौजूद माइक्रो पार्टिकल्स हट जाते हैं। ये पार्टिकल्स अगर जीभ पर रहते हैं, तो ये बीच-बीच में कुछ फूड्स को खाने की इच्छा पैदा करते हैं। शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है।

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टंग स्क्रैपिंग के लिए कॉपर स्क्रैपर

टंग स्क्रैपिंग के लिए आपको कॉपर स्क्रैपर का इस्तेमाल करना चाहिए। कॉपर को एंटी-बैक्टीरियल माना जाता है। इससे जीभ में मौजूद अमा (विषाक्त पदार्थ) भी कम होते हैं। यह बैक्टीरिया और वायरस को मारने में मदद करता है। साथ ही टंग की सरफेस में जमे फूड पार्टिकल्स को भी हटाता है। इसलिए प्लास्टिक या अन्य किसी मेटल के स्क्रैपर को यूज करने के बजाय कॉपर स्क्रैपर का इस्तेमाल करें।

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अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।

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Image Credit:Freepik

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FAQ

  • क्या शुगर क्रेविंग्स होना सही है?

    अगर आपको कभी-कभार मीठा खाने की इच्छा होती है, तो इसमें कोई बुराई नहीं है। लेकिन ज्यादा शुगर क्रेविंग्स होने के पीछे हार्मोनल इंबैलेंस और न्यूट्रिशन्स की कमी हो सकती है।
  • शुगर क्रेविंग्स को कैसे कंट्रोल किया जा सकता है?

    शुगर क्रेविंग्स को कंट्रोल करने के लिए गुड़, घी, ब्रोकली और केले को डाइट में शामिल करें।