बीते हुए कल या आने वाले कल के बारे में सोचने का कोई फायदा नहीं है। इससे आपका समय और हेल्थ दोनों खराब होती है क्योंकि कहते हैं कि आपकी हेल्थ गलत खाने से नहीं बल्कि गलत सोच से भी खराब होती है। आपके पास आज है और आपको आज में जीना है। आज में जीना ना केवल कई परेशानियों का हल करता है बल्कि यह हेल्थ ही कुंजी भी है। जी हां जो गुजर चुका उसे तो लौटाया नहीं जा सकता, और जो आने वाला है जिसके बारे में कोई भी जानकारी नहीं है। उसके बारे में सोच-सोचकर क्यों खुद को परेशान करना। लेकिन आप अपने आज को अपने हिसाब से जीकर, अपने आने वाले भविष्य को अवश्य संवार सकती हैं। हम आपको बताते है कि आज में जी कर आप हेल्दी कैसे रह सकती है। आइए आज में जी कर हेल्दी रहने के टिप्स जानें।
आज में जीएं अतीत को छोड़ दें
गुजर चुका समय तो वापस नहीं आएगा, लेकिन आप दुखी रहती हैं और आपको उन लोगों या हालातों पर गुस्सा आता रहता है, जिनके रहते वह अपने अतीत का मनचाहा उपयोग नहीं कर सका। अतीत को अतीत में छोड़ दो, अपनी गलतियों और अपनी सफलताओं से सीखने की कोशिश करो और अपने आज पर उसे हावी मत होने दो।
आज को संवारें
कल के लिए प्लनिंग करनी जरूरी है, लेकिन इसके लिए अपने आज को खराब न करें। इसके लिए, कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। यानि रेगुलर रूटीन को फॉलों करें, डाइट का ध्यान रखें, फिटनेस का ध्यान रखें और समय पर सोयें और जागें। आज थोड़ा समय जरूर निकालें, कुछ नया करने, सीखने के लिए, घूमने और पढ़ने के लिए जिस से आप को मिलेगी नई जानकारी, नया जोश। इससे आपकी लाइफ का लेवल ऊपर उठेगा।
आज में जीना सीखें
जिन महिलाओं को आज में जीने का तरीका नहीं आता, उनका भविष्य भी अन्धकार होता है, लेकिन जिन महिलाओं ने आज को सम्पूर्णता से जीना सीख लिया है, निश्चित ही उनका भविष्य सुन्दर और सुखद ही होगा। अपने गुजर चुके लाइफ से सबक सीखें और वर्तमान को पूर्णता से जीना सीखें। इससे आज तो अच्छा होगा ही और साथ ही आपका आने वाला कल भी संवर सकेगा। जिनके पास आज को जीने का कारण है, उनके पास आने वाले सुन्दर कल हैं।
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आज को अच्छे से जीने के लिये, आपको अपने दैनिक जीवन में कुछ परिवर्तन लाने होंगे। सबसे महत्वपूर्ण परिवर्तन होगा आपको आपके प्रति, अपनों के प्रति पॉजिटीव विचार और सोच रखनी होगी।
- उम्मीद करें कि दुनिया अच्छी है और अधिक अच्छी बन सकती है।
- दूसरों की बातें सुनें। दूसरों के अनुभवों से सीखें।
- चीजों या परिस्थितियों को कोसना छोडें और उन्हें जैसी हैं, वैसी ही स्वीकारना शुरू करें। अस्वीकार नेगेटिविटी और स्वीकार पॉजिटीविटी है।
- निराशा और नेगेटिविटी दोनों ही चिन्ता, तनाव, क्लेश और बीमारियों को जन्म देती हैं, जबकि आशा और पॉजिटीविटी जीवन में आनन्द, प्रगति, सुख, समृद्धि और शान्ति का द्वार खोलती हैं। जिससे जीवन जीने का असली मकसद पूरा होता है।
इन सब उपायों को अपनाकर आप आज में जीकर अपने आपको हेल्दी रख सकती है।
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