आज के समय में लोग वेट लॉस करने के लिए तरह-तरह की डाइट फॉलो करते हैं। इन्हीं मंे से एक है इंटरमिटेंट फास्टिंग। इंटरमिटेंट फास्टिंग के जरिए खाने-पीने के टाइमिंग पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाता है। जिसके जरिए मेटाबॉलिज्म का बेहतर बनाने में मदद मिलती है। इस बात में कोई दोराय नहीं है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग आपके वजन को कम करने में मदद करती है। लेकिन इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे सिर्फ यही तक ही सीमित नहीं है।
अगर आप इंटरमिटेंट फास्टिंग को सही तरह से फॉलो करती हैं तो इससे ना केवल इंसुलिन सेंसेटिविटी सुधरती है, बल्कि साथ ही साथ दिल से लेकर दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको इंटरमिटेंट फास्टिंग से मिलने वाले कुछ बेमिसाल फायदों के बारे में बता रही हैं-
इंसुलिन सेंसेटिविटी पर पड़ता है पॉजिटिव असर
अगर आप इंटरमिटेंट फास्टिंग करती हैं तो इससे आपकी इंसुलिन सेंसेटिविटी इंप्रूव हो सकती है। जिसके चलते ब्लड शुगर लेवल को स्टेबल रखने में मदद मिलती है। दरअसल फास्टिंग पीरियड के दौरान शरीर में स्टोर ग्लूकोज इस्तेमाल में लाया जाता है, जिससे इंसुलिन लेवल को आसानी से रेग्युलेट किया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग के कारण व्यक्ति को टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा काफी कम हो जाता है।
इंफ्लेमेशन को करे कम
इंटरमिटेंट फास्टिंग आपके शरीर में होने वाली इंफ्लेमेशन को कम करने में भी मददगार साबित हो सकती है। बता दें कि क्रॉनिक इंफ्लेमेशन कई तरह की समस्याओं जैसे हार्ट से जुड़ी बीमारियां, डायबिटीज या कैंसर आदि से जुड़ा होता है। जब बॉडी इंफ्लेमेशन कम होती है तो व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति भी पहले से अधिक बेहतर होती है। जिससे व्यक्ति एक स्वस्थ जीवन बिता सकता है।
हार्ट हेल्थ को पहुंचाए लाभ
बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग हार्ट हेल्थ का ख्याल रखने में भी मददगार है। दरअसल, जब आप इंटरमिटेंट फास्टिंग करते हैं तो इससे आपका ब्लड प्रेशर रेग्युलेट होता है। साथ ही साथ, इससे कोलेस्ट्रॉल लेवल और ट्राइग्लिसराइड के लेवल में भी सुधार होता है। जिससे ना केवल आपकी हार्ट हेल्थ बेहतर होती है, बल्कि इससे आपको कई तरह के ह्दय रोग होने की संभावना भी काफी कम हो जाती है।
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सेल रिपेयरिंग में मददगार
इंटरमिटेंट फास्टिंग सेलुलर रिपेयरिंग में भी बेहद मददगार है। दरअसल, फास्टिंग पीरियड के दौरान आपकी बॉडी सेलुलर रिपेयरिंग प्रोसेस करती है। जिसे ऑटोफैगी कहा जाता है। जिसके कारण पुरानी और डैमेज्ड सेल्स हट जाती हैं और नई सेल्स जेनरेट होती है। इस तरह अगर देखा जाए कि इंटरमिटेंट फास्टिंग के कारण आपकी बॉडी सेल्स पर भी पॉजिटिव असर पड़ता है।
ब्रेन हेल्थ को बनाए बेहतर

इंटरमिटेंट फास्टिंग आपके ब्रेन हेल्थ के लिए भी लाभदायक साबित हो सकती है। पशुओं पर की गई कुछ स्टडीज में यह पाया गया है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग आपकी नई नर्व्स सेल्स की ग्रोथ में मददगार हो सकती है। ऐसा माना जाता है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग के कारण उम्र से संबंधित न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों से काफी हद तक बचा जा सकता है। इससे अल्जाइमर और पार्किंसंस जैसे रोगों का जोखिम काफी कम हो सकता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग यकीनन सेहत के लिए लाभदायक है। लेकिन इससे हर किसी को इससे लाभ हो, यह जरूरी नहीं है। इसलिए, इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से पहले एक बार डॉक्टर से मिलकर सलाह अवश्य लें।
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