दक्षिण भारत का एक बेहतरीन टूरिस्ट स्पॉट है ऊटी। तमिलनाडु के इस हिल स्टेशन की खूबसूरती देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। ये शहर ब्रिटिश शासन में बसाया गया था और तभी से ये उतना ही चर्चित है। नीलगिरी पर्वत श्रंखला पर बसा ये हिल स्टेशन साल भर बहुत ही सुहाने मौसम वाला रहता है। यहां चाय और कॉफी के बागान भी हैं। साल भर यहां टूरिस्ट रहते हैं और अगर आपको भी यहां जाने का मन है तो यहां की एक सबसे बड़ी खासियत है ऊटी की रेलवे लाइन। इसे कुछ फिल्मों में भी दिखाया गया है। जैसे वरुण धवन की फिल्म 'मैं तेरा हीरो' में ये रेल रूट दिखाया गया है।
क्या है खासियत-
ये ट्रेन रूट ब्रिटिश काल में बनाया गया था और ये तबसे ऐसे ही चल रहा है। ये रेल रूट 16 सुरंगों से होकर गुजरता है। Mettupalayam से Ooty के बीच ये टॉय ट्रेन चलती है। इसमें 258 ब्रिज हैं जो पहाड़ों और घाटियों के बीच से होकर गुजरती है। यही नहीं यहां कई चाय के बागान और झरने भी देखने को मिलेंगे आपको।
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ये है वर्ल्ड हैरिटेज साइट-
इस ट्रेन रूट को 14 साल पहले UNESCO ने वर्ल्ड हैरिटेज साइट घोषित कर दिया गया था। इसके साथ शिमला-काल्का ट्रेन रूट और साथ ही साथ दार्जीलिंग हिमालयन रेलवे को भी वर्ल्ड हैरिटेज साइट घोषित किया गया था।
कितनी लंबी है ट्रेन यात्रा-
ये यात्रा 46 किलोमीटर लंबी है और एक छोटी सी नीले रंग की ट्रेन 325 मीटर से लेकर 2,240 मीटर तक की ऊंचाई पर चलती है। rack and pinion system रेलवे ट्रैक वाली ये एकलौती भारतीय रेल है।
दुनिया का सबसे पुराने इंजन में से एक-
इस ट्रेन में Swiss X-class का कोयले वाला इंजन इस्तेमाल होता है। ये इंजन दुनिया के सबसे पुराने रेलवे इंजन में से एक है और इसके कारण आपको इस ट्रेन रूट में बैठने का बहुत अलग अनुभव होगा। ये रेल रूट 1908 में बनकर तैयार हुआ था और इसका आखिरी स्टॉप कुन्नूर तक था जिसे बढ़ाकर ऊटी तक कर दिया गया था। इसमें 13 रेलवे स्टेशन हैं जिसमें Mettupalayam, Kallar, Adderley, Hillgrove, Runnymede, Katteri, Coonoor, Wellington, Aravankadu, Ketti, Lovedale, Fernhill और Ooty शामिल हैं।
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कब चलती है ये ट्रेन?
ये ट्रेन सुबह 7.10 पर हर सुबह Mettupalayam स्टेशन से निकलती है और ये कुन्नूर स्टेशन पर अपना इंजन बदलती है। यहां से ऊटी पहुंचते-पहुंचते दोपहर हो जाती है। ऊटी से ये ट्रेन दोपहर 2 बजे निकलती है और शाम 5 बजे तक अपने स्टेशन में पहुंचती है। इसमें फर्स्ट क्लास और सेकंड क्लास कम्पार्टमेंट होते हैं और इसका किराया 100 रुपए से 1100 रुपए के बीच होता है । ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपने कौन सी सीट बुक करवाई है और कौन सी ट्रेन है यानी अगर हॉलीडे स्पेशल है तो वो फर्स्ट क्लास सुविधाएं देगी और आपका किराया 1100 तक पहुंच सकता है।
ऊटी घूमने के वैसे तो कई तरीके हैं, लेकिन टॉय ट्रेन में बैठने का आनंद कुछ और ही है। ये सिर्फ ऊटी शहर को ही नहीं बल्कि ये आस-पास की पहाड़ियों की खूबसूरती को भी दिखाता है। सबसे खास ये है कि इस ट्रेन ट्रैक में जो ब्रिज और सुरंग हैं वो भी अंग्रेजों के जमाने के ही हैं। अगर आप ऊटी घूमने का प्लान बना रही हैं तो इस ट्रेन रूट को मत भूलिएगा।
दक्षिण भारत का एक बेहतरीन टूरिस्ट स्पॉट है ऊटी। तमिलनाडु के इस हिल स्टेशन की खूबसूरती देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। ये शहर ब्रिटिश शासन में बसाया गया था और तभी से ये उतना ही चर्चित है। नीलगिरी पर्वत श्रंखला पर बसा ये हिल स्टेशन साल भर बहुत ही सुहाने मौसम वाला रहता है। यहां चाय और कॉफी के बागान भी हैं। साल भर यहां टूरिस्ट रहते हैं और अगर आपको भी यहां जाने का मन है तो यहां की एक सबसे बड़ी खासियत है ऊटी की रेलवे लाइन। इसे कुछ फिल्मों में भी दिखाया गया है। जैसे वरुण धवन की फिल्म 'मैं तेरा हीरो' में ये रेल रूट दिखाया गया है।
क्या है खासियत-
ये ट्रेन रूट ब्रिटिश काल में बनाया गया था और ये तबसे ऐसे ही चल रहा है। ये रेल रूट 16 सुरंगों से होकर गुजरता है। Mettupalayam से Ooty के बीच ये टॉय ट्रेन चलती है। इसमें 258 ब्रिज हैं जो पहाड़ों और घाटियों के बीच से होकर गुजरती है। यही नहीं यहां कई चाय के बागान और झरने भी देखने को मिलेंगे आपको।
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ये है वर्ल्ड हैरिटेज साइट-
इस ट्रेन रूट को 14 साल पहले UNESCO ने वर्ल्ड हैरिटेज साइट घोषित कर दिया गया था। इसके साथ शिमला-काल्का ट्रेन रूट और साथ ही साथ दार्जीलिंग हिमालयन रेलवे को भी वर्ल्ड हैरिटेज साइट घोषित किया गया था।
कितनी लंबी है ट्रेन यात्रा-
ये यात्रा 46 किलोमीटर लंबी है और एक छोटी सी नीले रंग की ट्रेन 325 मीटर से लेकर 2,240 मीटर तक की ऊंचाई पर चलती है। rack and pinion system रेलवे ट्रैक वाली ये एकलौती भारतीय रेल है।
दुनिया का सबसे पुराने इंजन में से एक-
इस ट्रेन में Swiss X-class का कोयले वाला इंजन इस्तेमाल होता है। ये इंजन दुनिया के सबसे पुराने रेलवे इंजन में से एक है और इसके कारण आपको इस ट्रेन रूट में बैठने का बहुत अलग अनुभव होगा। ये रेल रूट 1908 में बनकर तैयार हुआ था और इसका आखिरी स्टॉप कुन्नूर तक था जिसे बढ़ाकर ऊटी तक कर दिया गया था। इसमें 13 रेलवे स्टेशन हैं जिसमें Mettupalayam, Kallar, Adderley, Hillgrove, Runnymede, Katteri, Coonoor, Wellington, Aravankadu, Ketti, Lovedale, Fernhill और Ooty शामिल हैं।
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कब चलती है ये ट्रेन?
ये ट्रेन सुबह 7.10 पर हर सुबह Mettupalayam स्टेशन से निकलती है और ये कुन्नूर स्टेशन पर अपना इंजन बदलती है। यहां से ऊटी पहुंचते-पहुंचते दोपहर हो जाती है। ऊटी से ये ट्रेन दोपहर 2 बजे निकलती है और शाम 5 बजे तक अपने स्टेशन में पहुंचती है। इसमें फर्स्ट क्लास और सेकंड क्लास कम्पार्टमेंट होते हैं और इसका किराया 100 रुपए से 1100 रुपए के बीच होता है । ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपने कौन सी सीट बुक करवाई है और कौन सी ट्रेन है यानी अगर हॉलीडे स्पेशल है तो वो फर्स्ट क्लास सुविधाएं देगी और आपका किराया 1100 तक पहुंच सकता है।
ऊटी घूमने के वैसे तो कई तरीके हैं, लेकिन टॉय ट्रेन में बैठने का आनंद कुछ और ही है। ये सिर्फ ऊटी शहर को ही नहीं बल्कि ये आस-पास की पहाड़ियों की खूबसूरती को भी दिखाता है। सबसे खास ये है कि इस ट्रेन ट्रैक में जो ब्रिज और सुरंग हैं वो भी अंग्रेजों के जमाने के ही हैं। अगर आप ऊटी घूमने का प्लान बना रही हैं तो इस ट्रेन रूट को मत भूलिएगा।
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