Madhya Pradesh Oldest Forts: MP के इन सबसे पुराने किलों में घूमने जाते हैं लोग, क्या आप गए हैं?

Madhya Pradesh Oldest Forts: मध्य प्रदेश अपने प्राचीन और भव्य किलों के लिए जाना जाता है, जो राज्य के समृद्ध इतिहास और वास्तुकला की गाथा कहते हैं। लोग दूर-दूर से इन ऐतिहासिक धरोहरों को देखने आते हैं। आइए हम आपको यहां मध्य प्रदेश के कुछ सबसे पुराने और प्रसिद्ध किलों के बारे में बताते हैं और वहां पहुंचने के तरीके भी बताएंगे।
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मध्य प्रदेश को भारत का हृदय कहा जाता है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध है। यह अपने समृद्ध इतिहास और शानदार वास्तुकला के लिए भी जाना जाता है। इस राज्य की धरती पर कई ऐसे प्राचीन किले और गढ़ मौजूद हैं, जो सदियों से गौरवशाली अतीत की कहानियां सुनाते आ रहे हैं। आपको बता दें कि ये किले सिर्फ पत्थर और ईंटों के ढेर नहीं, बल्कि उस समय के राजा-महाराजाओं के शौर्य, कला प्रेम और रणनीतिक कौशल के जीते-जागते प्रमाण हैं।

अगर आप इतिहास प्रेमी हैं या फिर वास्तुकला के चमत्कारों को करीब से देखना पसंद करते हैं, तो मध्य प्रदेश के ये सबसे पुराने किले आपके लिए एक बेहतरीन गंतव्य हो सकते हैं। इन किलों में घूमने पर आपको उस दौर का महसूस होगा, जब ये किले अपने पूरे वैभव पर थे। तो चलिए मध्य प्रदेश के कुछ ऐसे ही प्राचीन किलों के बारे में जान लेते हैं, जहां आज भी लोग दूर-दूर से घूमने आते हैं और इनके भव्य इतिहास को करीब से अनुभव करते हैं।

ग्वालियर का किला (Gwalior Fort)

Gwalior Fort

इसे भारत का जिब्राल्टर भी कहा जाता है। यह किला 8वीं शताब्दी में निर्मित हुआ था और इसकी भव्यता और शिल्प कौशल अद्भुत है। गुजरी महल, मान मंदिर, जहांगीर महल और शाहजहाँ महल जैसे कई स्मारक इसके भीतर स्थित हैं।

कैसे पहुंचें?

  • हवाई मार्ग: ग्वालियर का अपना हवाई अड्डा है, जो दिल्ली, मुंबई, इंदौर, भोपाल जैसे प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
  • रेल मार्ग: ग्वालियर जंक्शन एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है, जो देश के सभी बड़े शहरों से जुड़ा है।
  • सड़क मार्ग: ग्वालियर सड़क मार्ग से भी अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। दिल्ली, आगरा, जयपुर, भोपाल, इंदौर आदि शहरों से सीधी बस सेवाएं उपलब्ध हैं। किले तक पहुँचने के लिए शहर के भीतर स्थानीय परिवहन जैसे ऑटो, टैक्सी आसानी से उपलब्ध हैं।

मांडू का किला (Mandu Fort)

मांडू एक प्राचीन और खूबसूरत शहर है जो कई महलों, मस्जिदों और स्मारकों से घिरा है। जहाज महल, हिंडोला महल, रूपमती मंडपम और बाज बहादुर पैलेस यहां के प्रमुख आकर्षण हैं। इसकी स्थापना राजा भोज ने की थी।

कैसे पहुंचें?

  • वायु मार्ग: सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा इंदौर का देवी अहिल्याबाई होल्कर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (लगभग 95 किमी) है। वहां से टैक्सी या बस ले सकते हैं।
  • रेल मार्ग: सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन इंदौर जंक्शन (लगभग 95 किमी) और रतलाम जंक्शन (लगभग 124 किमी) हैं। धार रेलवे स्टेशन (लगभग 35 किमी) भी एक विकल्प है, लेकिन यहां सीमित ट्रेनें आती हैं।
  • सड़क मार्ग: मांडू, इंदौर और धार से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं।

चंदेरी का किला (Chanderi Fort)

अशोकनगर जिले में बेतवा नदी के किनारे स्थित यह किला 11वीं सदी का है। यह अपने भव्य इतिहास, कला और वास्तुकला के लिए जाना जाता है। खूनी दरवाज़ा यहाँ का एक रहस्यमय आकर्षण है।

कैसे पहुंचें?

  • वायु मार्ग: सबसे नजदीकी हवाई अड्डे भोपाल (लगभग 220 किमी) और ग्वालियर (लगभग 250 किमी) हैं। एयरपोर्ट से टैक्सी या बस ले सकते हैं।
  • रेल मार्ग: सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ललितपुर (लगभग 40 किमी) है। यहां से टैक्सी या स्थानीय परिवहन से चंदेरी पहुंच सकते हैं।
  • सड़क मार्ग: चंदेरी प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। भोपाल से सीधी बस सेवाएँ उपलब्ध हैं।

ओरछा किला (Orchha Fort)

Orchha Fort in MP

ओरछा किला मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले के ओरछा में स्थित है। यह किला 16वीं शताब्दी में बुंदेला राजवंश के राजा रुद्र प्रताप सिंह ने बनवाया था। किले के अंदर कई महल और मंदिर हैं, जिनमें जहांगीर महल और राजा महल प्रमुख हैं।

कैसे पहुंचें?

  • हवाई मार्ग: ओरछा के निकटतम हवाई अड्डे ग्वालियर हवाई अड्डा (113 किलोमीटर) और खजुराहो हवाई अड्डा (155 किलोमीटर) हैं।
  • रेल मार्ग: ओरछा से निकटतम रेलवे जंक्शन झांसी है, जो 16 किलोमीटर दूर है। हालांकि ओरछा में अपना रेलवे स्टेशन भी है।
  • सड़क मार्ग: ओरछा, झांसी, ग्वालियर और खजुराहो से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इन जगहों से ओरछा पहुंचने के लिए टैक्सी या बस किराए पर ले सकते हैं।

महेश्वर किला (Maheshwar Fort)

महेश्वर किला मध्य प्रदेश के महेश्वर में स्थित है। यह किला नर्मदा नदी के किनारे बना हुआ है और इसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है। किले में देवी अहिल्याबाई होल्कर का निवास स्थान भी है।

कैसे पहुंचें?

  • हवाई मार्ग: सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा इंदौर हवाई अड्डा (95 किमी दूर) है, जहां से टैक्सी द्वारा महेश्वर पहुंचा जा सकता है।
  • रेल मार्ग: इंदौर और खंडवा निकटतम रेलवे स्टेशन हैं, जहां से बसें और टैक्सी महेश्वर के लिए उपलब्ध रहती हैं। सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन बड़वाह (39 किलोमीटर) है।
  • सड़क मार्ग: महेश्वर, इंदौर, उज्जैन और ओंकारेश्वर से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

धार का किला (Dhar Fort)

Dhar fort in MP

यह किला धार शहर में स्थित है और इसका इतिहास परमार राजाओं से जुड़ा है। यह किला 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में भी एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा था।

कैसे पहुंचें?

  • वायु मार्ग: सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा इंदौर का देवी अहिल्याबाई होल्कर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (लगभग 63 किमी) है।
  • रेल मार्ग: धार का अपना रेलवे स्टेशन है, हालांकि इंदौर या रतलाम जैसे बड़े स्टेशनों से भी आप यहां पहुंच सकते हैं।
  • सड़क मार्ग: धार, इंदौर और आसपास के शहरों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

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Image credit- Freepik


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