महाकुंभ 2025 को दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जा रहा है। महाकुंभ का यह अद्भुत संयोग 144 वर्षों के बाद बना है, यही वजह है कि देश ही नहीं विदेशों से भी श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए सरकार और प्रशासन ने तरह-तरह की सुविधाओं का इंतजाम किया है। लेकिन, सुविधाओं के बावजूद श्रद्धालुओं को घाटों तक पहुंचने के लिए 2 या 3 किलोमीटर नहीं, बल्कि 8 से 10 किलोमीटर का सफर पैदल करना पड़ रहा है।
प्रयागराज में श्रद्धालुओं की भीड़ और ट्रैफिक की व्यवस्था को संभालने के लिए कई रास्तों में भी बदलाव किए गए हैं। ऐसे में यात्रियों को कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है और परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अगर आप भी प्रयागराज महाकुंभ जाने के बारे में सोच रहे हैं, तो मेले की पूरी जानकारी के साथ ही जाएं, जिससे आपको कई किलोमीटर पैदल चलने की परेशानी न हो।
महाकुंभ मेले में कई किलोमीटर पैदल चलने से बचा सकते हैं ये रास्ते
अगर आप शाही स्नान या उससे एक या दो दिन पहले प्रयागराज जा रहे हैं, तो आपको थोड़ा ज्यादा चलना पड़ सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि शाही स्नान के समय श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है, ऐसे में व्यवस्था न बिगड़े तो प्रशासन की तरफ से कुछ रास्ते बंद या बदल दिए जाते हैं। वहीं, अन्य दिनों में यहां बताए शॉर्ट रास्ते आपको आसानी से घाट तक पहुंचा सकते हैं।
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रेलवे स्टेशन से घाट कैसे पहुंचा जा सकता है?
महाकुंभ में शामिल होने के लिए अगर आप ट्रेन से आ रहे हैं, तो आपकी ट्रेन सूबेदार गंज या फिर प्रयागराज जंक्शन आ सकती है। ऐसे में अगर आप सूबेदार गंज उतरते हैं, तो रेलवे स्टेशन से बाहर आकर दारागंज के लिए ऑटो ले सकते हैं। वहीं, अगर आप प्रयागराज जंक्शन उतरते हैं, तो वहां से सीधा चुंगी के लिए ऑटो ले सकते हैं। चुंगी से आपको घाट तक पहुंचने के लिए कम ही पैदल चलना होगा।
बस स्टैंड से घाट कैसे पहुंचा जा सकता है?
बस स्टैंड से घाट तक पहुंचने के लिए सबसे पहले बैंक रोड का ऑटो लिया जा सकता है। बैंक रोड पहुंचकर वहां से चुंगी के लिए ऑटो लिया जा सकता है। चुंगी तक के लिए आपको डायरेक्ट ऑटो मिल जाएगा। वहीं, अगर आप दारागंज की तरफ से आ रहे हैं और घाट तक पहुंचने के लिए कम से कम पैदल चलना चाहते हैं, तो पीपा पुल 5 और 6 की तरफ से महाकुंभ संगम तट तक प्रवेश करना फायदेमंद हो सकता है।
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महाकुंभ मेले में जाने के लिए अगर आप पीपा पुल नंबर 11 या 12 वाला रास्ता लेते हैं, तो मुख्य संगम तट तक पहुंचने के लिए आपको काफी लंबा रास्ता पैदल चलना पड़ सकता है। यह करीब 2 से 4 किलोमीटर का रास्ता है, जो पैदल चलना पड़ सकता है। यहां कोई सवारी मिलना मुश्किल है।
वहीं, अगर आप शाही स्नान के समय प्रयागराज पहुंच रहे हैं और आपको चुंगी के लिए ऑटो नहीं मिल रहा है, ऐसी स्थिति में दारागंज के लिए ऑटो, रिक्शा या कैब लेना फायदेमंद हो सकता है। अगर आप ऑटो लेते हैं, तो इसका किराया महज 10 से 20 रुपये हो सकता है। दारागंज से पीपा पुल नंबर 5-6 से संगम तट तक पहुंचा जा सकता है। संगम तट तक जाने के लिए अगर आप कम से कम चलना चाहते हैं, तो इसके लिए सभी रास्तों को पहले अच्छे से समझ लें और फिर ही निकलें।
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Image Credit: Herzindagi
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