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क्‍या आप जानती हैं एम्‍बेसी और हाई कमीशन में अंतर? हर क‍िसी को मालूम होनी चाह‍िए ये जानकारी

अक्‍सर आपने न्‍यूज देखते या पढ़ते हुए Embassy और High Commission जैसे शब्‍दों के बारे में जरूर सुना होगा। इन दोनों के नाम भले ही अलग हों, लेक‍िन काम लगभग एक ही होता है। हालांकि, कुछ अंतर हैं ज‍िन्‍हें आपको जान लेना चाह‍िए।
Editorial
Updated:- 2025-10-08, 15:15 IST

जब भी आप फॉरेन ट्र‍िप पर जाती होंगी तो अक्सर एंबेसडर और हाई कमिश्नर जैसे शब्दों को आपने सुना होगा। दरअसल, विदेशों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए ऐसे अधिकारियों की जरूरत होती है। चाहे कोई फॉरेन पॉल‍िसी से जुड़ा काम हो या फ‍िर कोई और ज‍िम्‍मेदारी, भारत की तरफ से Embassy या High Commission ही इसे संभालते हैं। कहीं पर एम्‍बेसी होते हैं तो कुछ देशों में हाई कमीशन।

ऐसे में दिमाग में सवाल जरूर आता है, जब दोनों का काम एक जैसा होता है, तो नाम अलग क्यों है? अगर आप भी इस बात को लेकर कन्‍फ्यूज रहती हैं, तो आपको हम इसके बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं। आइए जानते हैं -

एम्‍बेसी क्या होती है?

एम्‍बेसी किसी देश का वो मुख्य दफ्तर होता है, जो किसी दूसरे देश की राजधानी में होता है। जैसे भारत की एम्‍बेसी अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में है। इस ऑफ‍िस का लीडर Ambassador यानी राजदूत होता है, जो अपने देश का प्रत‍िन‍िधत्‍व करता है।

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क्‍या हैं एम्‍बेसी के काम?

  • दो देशों की सरकारों को आपस में बात कराने और जरूरी समझौते करवाने में मदद करते हैं।
  • विदेश में रहने वाले अपने देश के लोगों की मदद करते हैं। जैसे नया पासपोर्ट बनवाना, वीजा की जानकारी देना। कोई मुश्किल आने पर मदद पहुंचाना।
  • जिस देश में ये दफ्तर होते हैं, वहां की राजनीति और हालात देखते हैं। उसकी पूरी रिपोर्ट अपने देश की सरकार को भेजते हैं।
  • ये अपने देश की कला, संस्कृति और अच्छी चीजों को दूसरे देश में दिखाते हैं।
  • दोनों देशों के बीच ब‍िजनेस को बढ़ावा देते हैं। साथ ही पैसे का लेन-देन (निवेश) बढ़ाने में मदद करते हैं ताकि रिश्ते मजबूत हों।
  • ये दफ्तर हमेशा राजधानी में ही खुलते हैं।
  • इंटरनेशनल पॉल‍िसी के कारण, इनका ऑफ‍िस और यहां काम करने वाले लोग पूरी तरह से सेफ होते हैं। कोई उन्हें नुकसान नहीं पहुंचा सकता है।

हाई कमीशन क्या होती है?

एंबेसी और हाई कमीशन में फर्क सिर्फ नाम का होता है। High Commission केवल उन देशों के बीच होती है जो कॉमनवेल्थ ग्रुप के सदस्य होते हैं। अब आप सोच रही होंगी कि‍ कॉमन वेल्‍थ क्‍या है, तो हम आपको बता दें क‍ि कॉमनवेल्थ ऐसे 56 देशों का समूह है, जो पहले British Empire का हिस्सा रहे हैं। भारत, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे देश इसमें शामिल हैं। जब भारत और ब्रिटेन जैसे दो कॉमनवेल्थ देश एक-दूसरे के यहां दफ्तर बनाते हैं, तो उसे Embassy नहीं, High Commission कहा जाता है।

indian high commission

क्‍या करते हैं काम?

  • अपने देश की सरकार का प्रतिनिधित्व करना।
  • अपने नागरिकों को पासपोर्ट, वीजा और मुश्‍क‍िल घड़ी में मदद पहुंचाना।
  • साथ ही दोनों देशों के बीच ब‍िजनेस, एजुकेशन को बढ़ाना।
  • स्कॉलरशिप और स्टूडेंट एक्सचेंज जैसे प्रोग्राम चलाना।
  • हाई कमीशन भी एम्‍बेसी की तरह राजधानी में होती है और उसे भी वैसी ही कानूनी सुरक्षा मिलती है।

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दोनों का काम एक जैसा होता है। अपने देश और विदेश के बीच र‍िश्‍तों को बनाए रखना। Embassy शब्द का इस्तेमाल हर देश के लिए होता है, जबकि High Commission सिर्फ कॉमनवेल्थ देशों के लिए।

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Image Credit- Freepik/AI-Generated

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